आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी कोड का उल्लंघन करने पर श्रीलंकाई स्पिनर परवीन जयविकम को आरोपित किया गया

आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी कोड का उल्लंघन करने पर श्रीलंकाई स्पिनर परवीन जयविकम को आरोपित किया गया अग॰, 8 2024

आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी कोड का उल्लंघन

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाज परवीन जयविकम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह आरोप आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी कोड का तीन बार उल्लंघन करने के लिए हैं। इन आरोपों के तहत जयविकम पर यह आरोप है कि उन्होंने आईसीसी के भ्रष्टाचार विरोधी (एसीयू) यूनिट को उन अप्रोचों की रिपोर्ट नहीं की, जो उन्हें मैच फिक्सिंग के लिए की गई थीं।

रेग्युलेशन का उल्लंघन और आरोप

जयविकम के खिलाफ इन गंभीर आरोपों में सबसे प्रमुख यह है कि उन्होंने अपने निरंतर पेशेवर नैतिकता का पालन नहीं किया। आईसीसी ने जयविकम को इन आरोपों का जवाब देने के लिए 14 दिन का समय दिया है। अगर वे इस समय सीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं, तो आईसीसी उन्हें कठोर सजा दे सकता है। यह मामला इस समय पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है और कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है।

प्रोफेशनल करियर और प्रभाव

परवीन जयविकम का अंतरराष्ट्रीय करियर अपेक्षाकृत नया है। उन्होंने मई 2021 में श्रीलंका के लिए डेब्यू किया और तब से लेकर अब तक उन्होंने प्रत्येक फॉर्मेट में कुल पांच मैच खेले हैं। उनका सबसे हाल का प्रदर्शन जून 2022 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20 इंटरनेशनल मैच में था। उनके इस करियर भूख के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, लेकिन यह मामला उनके करियर पर एक बड़ा धक्का साबित हो सकता है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई

आईसीसी का यह कदम क्रिकेट के खेल में भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी शून्य सहनशीलता की नीति का एक और प्रमाण है। बावजूद इसके कि क्रिकेट का खेल फेयरप्ले का प्रतीक माना जाता है, इसमें समय-समय पर करोड़ों रुपये की योजनाएं आड़े आती रही हैं। मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग की घटनाएं क्रिकेट की छवि को धूमिल करती हैं और आईसीसी का इस प्रकार के उलंघनों को सख्ती से निपटाना खेल की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

प्रभाव और प्रतिक्रिया

इस घटनाक्रम ने श्रीलंकाई क्रिकेट में हड़कंप मचा दिया है। खिलाड़ी, फैन्स और अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। कई विशेषज्ञों ने जयविकम के फैसले को असफल और आत्मघाती कहा है। उन्होंने कहा कि अगर जयविकम समय पर इस मामले को रिपोर्ट करते, तो शायद उनका करियर इस संकट से बच सकता था।

खेल की साफ-सुथरी छवि

आखिरकार, यह मामला इस ओर भी इशारा करता है कि खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना और ईमानदारी को प्राथमिकता देनी चाहिए। क्रिकेट जैसे खेलों में नैतिकता और पारदर्शिता का होना अत्यंत आवश्यक है। अगर खिलाड़ी भ्रष्टाचार की कोशिशों को रिपोर्ट नहीं करते हैं, तो यह खेल की प्रतिष्ठा और जनता के विश्वास के लिए खतरनाक हो सकता है।

न्याय प्रक्रिया

आईसीसी की इस मामले में सुनवाई और निर्णय प्रक्रिया को सभी खेल प्रशंसकों और संबंधित पक्षों द्वारा बारीकी से देखा जाएगा। जयविकम को अपने बचाव में मजबूत सबूत देने होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इन आरोपों से कैसे निपटते हैं और आईसीसी इस पूरे मामले को कैसे सुलझाता है।

9 टिप्पणि

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    Abhishek Ambat

    अगस्त 9, 2024 AT 21:48
    ये सब खेल हैं जहाँ नियम बनाने वाले खुद धोखा देते हैं 😒 जयविकम को फंसाया गया है... जब तक बड़े लोग बच जाते हैं, छोटे को दोष देना ही आसान है।
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    Meenakshi Bharat

    अगस्त 11, 2024 AT 00:32
    मैं समझती हूँ कि खेल की प्रतिष्ठा को बचाना जरूरी है, लेकिन इस तरह के मामलों में बराबरी के साथ न्याय होना चाहिए। अगर जयविकम ने किसी को रिपोर्ट नहीं किया, तो उसके पीछे क्या कारण थे? क्या वह डर रहा था? क्या उसे कोई धमकी दी गई थी? क्या उसके पास कोई सुरक्षित चैनल था? बिना इन सवालों के जवाब के, सिर्फ दोष डालना न्याय नहीं, बल्कि एक नकली न्याय है।
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    Sarith Koottalakkal

    अगस्त 11, 2024 AT 22:18
    ये बातें सब बकवास है जब तक बड़े लोग बच जाते हैं। जयविकम को बर्बाद किया जा रहा है क्योंकि वो छोटा खिलाड़ी है। असली बदमाश कहाँ हैं वो देखो।
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    Sai Sujith Poosarla

    अगस्त 13, 2024 AT 07:23
    भारत के खिलाफ मैच में जब ये गेंदबाज़ खेल रहा था तो उसकी बॉलिंग देखकर लगा था कि वो फिक्स है। अब ये सब आया तो कोई हैरान नहीं। श्रीलंका के खिलाड़ी अब तक भ्रष्ट हैं, इसलिए इस बात पर चिल्लाने की जरूरत नहीं।
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    Sri Vrushank

    अगस्त 15, 2024 AT 06:29
    ये सब आईसीसी की चाल है। उन्होंने पहले ही बहुत सारे मैच फिक्स किए हैं। अब ये जयविकम को बलि दे रहे हैं ताकि लोग भूल जाएँ कि उनके खुद के ब्रोकर्स और अधिकारी कौन हैं। तुम सब जानते हो लेकिन चुप हो जाते हो।
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    Praveen S

    अगस्त 15, 2024 AT 11:14
    क्या हम वाकई इस बात को समझ पा रहे हैं कि खेल की नैतिकता केवल एक नियम नहीं, बल्कि एक विश्वास है? जयविकम का यह फैसला-चाहे वह गलत ही क्यों न हो-एक व्यक्ति के लिए बहुत भारी हो सकता है। क्या हमने उसके लिए कोई सुरक्षित मार्ग बनाया? क्या हमने उसे बताया कि अगर वह कुछ देखे तो कहाँ जाए? यह अपराध का सवाल नहीं, बल्कि संस्कृति का सवाल है।
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    mohit malhotra

    अगस्त 17, 2024 AT 09:53
    इस मामले में क्रिकेट गवर्नेंस की सिस्टमिक फेलियर दिख रही है। एसीयू का डेटा ट्रैकिंग सिस्टम, रिपोर्टिंग मैकेनिज्म, और प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल अभी भी बहुत बेसिक हैं। जयविकम को जिम्मेदार ठहराने के बजाय, हमें इन सिस्टम्स को रिफॉर्म करना चाहिए-एक एंटी-करप्शन इकोसिस्टम बनाना जो खिलाड़ियों को सुरक्षित महसूस कराए।
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    Gaurav Mishra

    अगस्त 18, 2024 AT 02:03
    बस एक बात। रिपोर्ट नहीं किया = गलत। बाकी सब बकवास।
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    Aayush Bhardwaj

    अगस्त 19, 2024 AT 04:05
    इस लड़के को अब तक कोई नहीं बचा पाया। अगर वो अपनी जिम्मेदारी नहीं जानता तो खेल छोड़ देना चाहिए। ये नैतिकता का खेल नहीं है, ये बच्चों का खेल है। जो बाहर आएगा वो जीतेगा।

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