कुलगाम मुठभेड़ चौथे दिन भी जारी: आख़रकार आतंकियों का हमला कब रुकेगा?
अग॰, 6 2025
कुलगाम में ऑपरेशन अखल जारी: आतंकियों के खिलाफ चौथा दिन
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में इन दिनों सिर्फ जंगल की हवा ही नहीं बह रही, बल्कि डर और खौफ भी छाया है। यहां के अखल देवसर क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ कुलगाम में सैन्य ऑपरेशन चौथे दिन में दाखिल हो चुका है। सुरक्षा बलों ने जबर्दस्त मोर्चाबंदी कर रखी है। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के जवान इंच-इंच जंगल की तलाशी ले रहे हैं। इलाके के आस-पास पहरा सख्त है और हर आवाज़ पर नजर है।
ऑपरेशन का नाम रखा गया है ‘ऑपरेशन अखल’। ये ऑपरेशन 2 अगस्त को शुरू हुआ था, जब जांच एजेंसियों को पक्की खबर मिली कि यहां 3-5 आतंकी छिपे हैं। इलाके को घेरने के बाद कई बार गोलियां चलीं, बीच-बीच में तेज झड़पें हुईं। अब तक कम से कम एक आतंकी मारा जा चुका है, जबकि इंटेलिजेंस के मुताबिक 5 आतंकियों के अब भी फंसे होने की आशंका है। जवान हर मूवमेंट पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और गलती की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते। धीरे-धीरे फायर पावर बढ़ाई जा रही है ताकि कोई आतंकी आसानी से निकल न पाए।
इंटेलिजेंस और हाई अलर्ट: सीमा से लेकर जंगल तक कड़ी निगरानी
यह ऑपरेशन ऐसे वक्त में पांव पसार रहा है, जब घाटी में हाल के दिनों में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं। 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवन इलाके में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की मुठभेड़ में मौत हो चुकी है। लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सुलेमान शाह सहित अबू हम्जा और जिब्रान का नाम उन हमलों से जुड़ा रहा, जिनमें 24 जुलाई को पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसी तरह, 30 जुलाई को पूंछ सेक्टर में ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ के तहत दो घुसपैठियों को ढेर किया गया।
सुरक्षा बल लगातार लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से लेकर घाटी के अंदरूनी हिस्सों तक चौकसी बढ़ाए हुए हैं। उनकी फोकस सिर्फ घटनाओं का जवाब देने में ही नहीं है, बल्कि आतंक के नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने की है। कुलगाम ऑपरेशन इस जंग का सबूत है कि सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और अपनी रणनीति बदल-बदलकर काम कर रही हैं। हर रोज सुरक्षा बल सबसे छोटे सुराग पर भी एक्टिव हो जाते हैं, क्योंकि एक चूक बड़ी अनहोनी का कारण बन सकती है।
- ऑपरेशन में हर मोर्चे पर सेना, पुलिस, सीआरपीएफ और एसओजी शामिल हैं।
- जंगलों और पहाड़ियों में थर्मल इमेजिंग और ड्रोन का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
- आसपास के गांवों में भी आम लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
- एलओसी पर अलर्ट और फेंसिंग सख्त की गई है, ताकि घुसपैठ की कोशिशों को काबू किया जा सके।
कुलगाम का यह ऑपरेशन पूरे इलाके को सांसत में डाल रहा है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाता है कि आतंक का सफाया अब दूर नहीं। अब सभी की नजरें जंगल के उस ओर हैं, जहां आने वाले 24 घंटे कभी भी बड़ी खबर ला सकते हैं।
Swami Saishiva
अगस्त 7, 2025 AT 05:17Gopal Mishra
अगस्त 9, 2025 AT 03:26Swati Puri
अगस्त 10, 2025 AT 18:46megha u
अगस्त 12, 2025 AT 16:01pranya arora
अगस्त 13, 2025 AT 23:56Arya k rajan
अगस्त 14, 2025 AT 12:12Sree A
अगस्त 15, 2025 AT 05:10DEVANSH PRATAP SINGH
अगस्त 15, 2025 AT 22:49