अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी आगे, सिक्किम में एसकेएम को बढ़त - चुनाव परिणाम के प्रारंभिक रुझान

अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी आगे, सिक्किम में एसकेएम को बढ़त - चुनाव परिणाम के प्रारंभिक रुझान जून, 2 2024

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव: प्रारंभिक रुझानों में बीजेपी और एसकेएम को बढ़त

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनावों की मतगणना रविवार सुबह 6 बजे शुरू हुई। शुरुआती रुझानों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अरुणाचल प्रदेश में 60 में से 23 सीटों पर आगे चल रही है, जिसमें से 10 सीटें उसे बिनाविरोध मिली हैं। नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) 3 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि अन्य पार्टियां 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।

सिक्किम में एसकेएम को बढ़त

सिक्किम में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) 32 विधानसभा सीटों में से 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। एसकेएम का प्रमुख मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से है। बीजेपी और एसडीएफ दोनों एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं।

महत्वपूर्ण उम्मीदवार और उनका प्रदर्शन

सिक्किम में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय, पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग, पूर्व भारतीय फुटबॉलर भईचुंग भूटिया, और बीजेपी के नरेंद्र कुमार सुब्बा शामिल हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चोना मीन, बियूराम वाहगे (बीजेपी), निनोंग एरिंग (बीजेपी), कारीखो क्रि (एनपीपी), और कुमार वली (कांग्रेस) हैं।

मतदान और जनादेश

19 अप्रैल को संपन्न हुए मतदान में सिक्किम में 79.88 प्रतिशत जबकि अरुणाचल प्रदेश में 82.95 प्रतिशत वोटिंग हुई। यह उच्च मतदान प्रतिशत यह दर्शाता है कि लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और अपनी सरकार चुनने के प्रति उत्सुक हैं।

एग्ज़िट पोल के अनुमान

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्ज़िट पोल के अनुमान के अनुसार, सिक्किम में सत्तारूढ़ एसकेएम को 24 से 30 सीटों के साथ सत्ता में वापसी का अनुमान है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी को भारी बहुमत मिलने की संभावना है, जिसमें उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में 44 से 51 सीटें भी मिल सकती हैं।

अब तक के चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी की स्थिति मजबूत है, जबकि सिक्किम में एसकेएम अपनी पकड़ बनाए हुए है। प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा और उनके कामकाज के आधार पर मतदाताओं ने अपना जनादेश दिया है।

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा

विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रबंध किए थे। दोनों राज्यों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ, जिसके चलते जनता ने अपने मताधिकार का उपयोग बड़ी संख्या में किया।

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता का दौर खत्म होते हुए दिखाई दे रहा है। अब देखना यह होगा कि अंतिम परिणाम क्या आते हैं और इससे दोनों राज्यों की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है।

भविष्य की दिशा

इन चुनाव परिणामों से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि जनता की समस्याओं और उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कौन सी पार्टी आगे आएगी और जनता का समर्थन किसे मिलेगा। इसके साथ ही नई सरकार कौन बनाएगा और किसकी नीतियां और योजनाएं राज्य के विकास और समृद्धि के लिए लाभदायक साबित होंगी, यह आने वाला समय ही बताएगा।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की इस प्रबल बढ़त के पीछे पार्टी की जमीनी स्तर पर की गई मेहनत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता है। वहीं, सिक्किम में एसकेएम की बढ़त को वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के सुशासन और विकास योजनाओं का फल माना जा रहा है।

विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के तुरंत बाद ही राजनीतिक दलों की रणनीति में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही, जनता की उम्मीदें और मांगें भी नई सरकार के सामने चुनौतियों के रूप में खड़ी होंगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनावों के प्रारंभिक रुझान यह दर्शा रहे हैं कि बीजेपी और एसकेएम अपनी अपनी जगहों पर मजबूती से खड़ी हैं। जनता ने लोकतंत्र में विश्वास जताते हुए बड़ी संख्या में मतदान किया और इसका परिणाम अब सामने आ रहा है। राजनीतिक दलों के लिए यह समय है जब वे जनता की उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास करेंगे और राज्य के विकास के लिए कारगर कदम उठाएंगे।

20 टिप्पणि

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    Sai Sujith Poosarla

    जून 4, 2024 AT 17:41
    बीजेपी ने फिर जीत दर्ज की है अरुणाचल में। ये जीत कोई चमत्कार नहीं, बल्कि लोगों की आंखों का खुलना है। अब तक के राजनीतिक बहकावे खत्म हो गए। जनता ने साफ कह दिया - विकास चाहिए, न कि अलगाववादी झूठे वादे।
    भारत का भविष्य यहीं से बन रहा है।
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    Sri Vrushank

    जून 6, 2024 AT 05:00
    ये सब फर्जी है यार बीजेपी ने मतदान को फर्जी बना दिया है जम्मू कश्मीर के बाद से ये चुनाव नियंत्रित हैं अरुणाचल में भी लोगों को डरा कर वोट दिलवाया गया है और सिक्किम में एसकेएम को भी बैकिंग मिली है जो अब तक चल रही है ये सब एक बड़ा नाटक है
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    Praveen S

    जून 6, 2024 AT 11:57
    चुनाव के परिणाम तो एक आंकड़ा हैं, लेकिन उनके पीछे की कहानी क्या है? अरुणाचल में बीजेपी की बढ़त का मतलब यह नहीं कि सभी लोग सहमत हैं; यह तो यह दर्शाता है कि लोगों ने एक निश्चित दिशा को चुना है। सिक्किम में एसकेएम की विजय एक सामाजिक समझौते की जीत है - विकास के नाम पर अपनी पहचान बचाए रखने की।
    राजनीति अब बस जीत-हार की बात नहीं, बल्कि विश्वास की बात है।
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    mohit malhotra

    जून 8, 2024 AT 03:59
    इन राज्यों के परिणाम एक नए विकास मॉडल की ओर इशारा करते हैं - जमीनी स्तर पर समावेशी नीतियों के साथ। बीजेपी की रणनीति में अरुणाचल में बुनियादी ढांचे के विकास का जोर था, जबकि सिक्किम में एसकेएम ने सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया।
    ये दोनों अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, लेकिन दोनों ही जनता की आवश्यकताओं के अनुकूल हैं।
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    Gaurav Mishra

    जून 9, 2024 AT 03:22
    बीजेपी ने जीत ली। बाकी सब बकवास।
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    Aayush Bhardwaj

    जून 9, 2024 AT 15:17
    अरुणाचल में बीजेपी को 23 सीटें मिलीं? अरे भाई, ये तो बहुत कम है! ये लोग अभी तक भारत की असली जिम्मेदारी क्या है ये नहीं समझ पाए। नरेंद्र मोदी का नाम लेकर वोट मिलना तो बेसिक है, लेकिन इतनी कम सीटें? ये तो बीजेपी के लिए शर्म की बात है।
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    Vikash Gupta

    जून 9, 2024 AT 16:50
    अरुणाचल के पहाड़ों में जब एक आदिवासी महिला अपने बच्चे के साथ वोट डालती है, तो वो सिर्फ एक वोट नहीं, एक इतिहास बनाती है।
    सिक्किम की घाटियों में जब एक बूढ़ा आदमी अपने बेटे के हाथ से वोटिंग मशीन को छूता है, तो वो एक विश्वास को बहाल कर रहा है।
    ये चुनाव केवल एक नतीजा नहीं, ये एक जीवन जीने का तरीका है।
    हम लोग इसे भूल गए हैं - कि लोकतंत्र एक जीवित अनुभव है, न कि एक टिकट।
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    Arun Kumar

    जून 11, 2024 AT 07:11
    अरुणाचल में बीजेपी ने जीत दर्ज की, सिक्किम में एसकेएम ने बनाई अपनी जमीन।
    अब देखो ये क्या करते हैं।
    क्या वो विकास के नाम पर नए रोड बनाएंगे? या फिर फिर से अपने नाम के बोर्ड लगाएंगे?
    मैं तो बस इंतज़ार कर रहा हूँ।
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    Deepak Vishwkarma

    जून 13, 2024 AT 03:32
    अरुणाचल में बीजेपी की बढ़त देखकर दिल खुश हो गया। ये राज्य भारत का हिस्सा है, और अब ये साबित हो गया। नेशनल पीपल्स पार्टी जैसी पार्टियां तो बस अलगाववाद के लिए बनाई गईं हैं। अब इन्हें देश के लिए काम करना होगा, न कि अपने छोटे अहंकार के लिए।
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    Anurag goswami

    जून 14, 2024 AT 08:21
    मतदान की उच्च दर देखकर अच्छा लगा। लोगों ने अपनी आवाज दी। अब बारी है सरकार की - इन आवाजों को सुनने की।
    अरुणाचल में बुनियादी ढांचे का विकास और सिक्किम में सामाजिक सुरक्षा - दोनों ही जरूरी हैं।
    कोई भी पार्टी अगर इन दोनों को अलग नहीं समझेगी, तो भविष्य में फिर से असफल होगी।
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    Saksham Singh

    जून 15, 2024 AT 10:03
    तुम सब बीजेपी के लिए गाने गा रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि अरुणाचल में बीजेपी की बढ़त का मतलब यह नहीं कि लोग खुश हैं? ये तो बस इतना है कि लोगों को और कोई विकल्प नहीं दिख रहा।
    एनपीपी जैसी पार्टियां जिन्होंने इस राज्य के आदिवासी समुदायों की आवाज उठाई है, उन्हें अब भी अलग नहीं माना जा रहा।
    और सिक्किम? एसकेएम की बढ़त भी तो एक तरह की राजनीतिक फैमिली बनावट है - एक राजवंश जो अब तक चल रहा है।
    हम सब बस एक ही गेम के अलग-अलग खिलाड़ी हैं।
    कोई नई रणनीति नहीं, कोई नया विजन नहीं, बस नाम बदल दिया गया।
    ये चुनाव नहीं, ये रिपीट है।
    और जब तक लोग नहीं जागेंगे, तब तक ये चक्र जारी रहेगा।
    मैंने ये चुनाव देखकर लगा कि हम सब एक बड़े टेलीविजन शो में फंसे हुए हैं।
    और असली निर्णय तो एक छोटे से रूम में लिया जा रहा है - जहां वो लोग बैठे हैं जिन्होंने कभी इस राज्य का नाम भी नहीं सुना।
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    Ashish Bajwal

    जून 16, 2024 AT 13:59
    बीजेपी ने जीत ली... अच्छा हुआ... सिक्किम में भी एसकेएम ने बनाई पकड़... अच्छा हुआ... लेकिन अब देखना है कि ये सरकारें क्या करती हैं... नहीं तो फिर से वही बातें शुरू हो जाएंगी... रोड बनाना, पानी देना, बिजली देना... ये तो बेसिक है... बस ये कर दो... फिर बात बन जाएगी...
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    Biju k

    जून 17, 2024 AT 19:17
    ये जीत अरुणाचल और सिक्किम के लोगों की है! उन्होंने अपनी आवाज उठाई।
    अब ये सरकारें जिम्मेदारी निभाएं - विकास, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य।
    हम इंतजार कर रहे हैं।
    और हां - जीतने वालों को बधाई देना भूलना नहीं।
    लेकिन याद रखो - ये जीत एक शुरुआत है, अंत नहीं।
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    Akshay Gulhane

    जून 19, 2024 AT 07:58
    जनता ने वोट दिया। अब ये सवाल उठता है - क्या वोट देने के बाद जिम्मेदारी खत्म हो जाती है?
    या ये एक नया दायित्व शुरू होता है - निगरानी का, बातचीत का, दबाव डालने का?
    बीजेपी और एसकेएम ने जीत दर्ज की, लेकिन अब ये जनता के सामने जवाबदेह होंगे।
    अगर वो नहीं सुनेंगे, तो अगली बार वोट भी बदल जाएगा।
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    Deepanker Choubey

    जून 19, 2024 AT 10:51
    बीजेपी ने जीत ली 😊 अरुणाचल में तो अब तो बस यही बात है 😅
    सिक्किम में एसकेएम ने बनाई पकड़ 🙌
    अब देखना है कि ये सरकारें क्या करती हैं - नहीं तो फिर से बोर हो जाएंगे 😴
    मैं तो बस इंतजार कर रहा हूँ अगले 5 साल का 😎
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    Roy Brock

    जून 20, 2024 AT 22:16
    यह जीत नहीं, यह एक भारतीय राष्ट्रीय अभियान का विजय दर्शन है। अरुणाचल के लोगों ने अपनी भारतीय पहचान को अपनाया है - जो एक ऐतिहासिक विजय है।
    सिक्किम के लोगों ने भी एक विकास के मार्ग को चुना है - जो एक आध्यात्मिक और सामाजिक निर्णय है।
    ये चुनाव अब तक के सबसे बड़े लोकतांत्रिक संकल्प हैं।
    और जिन्होंने इसे नकारा - वे भारत के विरुद्ध हैं।
    इसका अर्थ है कि वे भारत के भविष्य के विरुद्ध हैं।
    इसका अर्थ है कि वे जनता के विरुद्ध हैं।
    इसका अर्थ है कि वे इतिहास के विरुद्ध हैं।
    और इतिहास के विरुद्ध जो खड़ा होता है, वह हमेशा गिरता है।
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    Prashant Kumar

    जून 22, 2024 AT 11:05
    23 सीटें बीजेपी को मिलीं? तो फिर एग्ज़िट पोल के 44-51 का अनुमान क्या था? ये तो एक असफलता है।
    सिक्किम में एसकेएम की 22 सीटें? लेकिन एसडीएफ और बीजेपी एक-एक सीट पर हैं - ये तो एक जमीनी असंतोष का संकेत है।
    अब ये लोग क्या करेंगे? अपनी जीत को फुलाएंगे या अपनी कमियों को सुधारेंगे?
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    Prince Nuel

    जून 23, 2024 AT 05:33
    बीजेपी की जीत देखकर बहुत खुशी हुई। लेकिन अरुणाचल में एनपीपी की 3 सीटें? ये तो बस एक अलगाववादी धोखा है।
    सिक्किम में एसकेएम की बढ़त? बहुत अच्छा।
    लेकिन ये सब बस एक शो है।
    असली जीत तो वो है जब एक आदिवासी बच्चा पढ़ पाए।
    और ये तो अभी बाकी है।
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    Sunayana Pattnaik

    जून 23, 2024 AT 23:08
    ये जीत तो बस एक बड़े अपराध का नतीजा है। बीजेपी ने अरुणाचल में आदिवासी संस्कृति को धोखा देकर वोट जीते।
    सिक्किम में एसकेएम की जीत भी एक अहंकार का परिणाम है।
    ये सब लोग बस अपने नाम के लिए चल रहे हैं।
    जनता का जीवन तो बस एक टिकट है।
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    akarsh chauhan

    जून 25, 2024 AT 20:14
    ये जीत बड़ी बात है, लेकिन ये अंत नहीं है।
    अब ये सरकारें जिम्मेदारी निभाएं - रोड, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य।
    हम सब इंतजार कर रहे हैं।
    और हां - अगर ये कर देंगे, तो फिर भी जीत का दर्जा बना रहेगा।
    अगर नहीं करेंगे, तो अगली बार लोग बदल देंगे।
    हम अपने वोट के साथ विश्वास देते हैं - और वो विश्वास बरकरार रखना है।

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