चेन्नई के पास यात्री ट्रेन की मालगाड़ी से टक्कर, 19 घायल: सुरक्षा पर उठे सवाल

चेन्नई के पास यात्री ट्रेन की मालगाड़ी से टक्कर, 19 घायल: सुरक्षा पर उठे सवाल अक्तू॰, 12 2024

चेन्नई के पास एक ओर बड़ा ट्रेन हादसा: जानें क्या हुआ

शुक्रवार की रात को चेन्नई से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कवारपेट्टई में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ। इस घटना में बागमती एक्सप्रेस नामक यात्री ट्रेन एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। यह घटना रात करीब 8:30 बजे हुई, जब ट्रेन स्टेशन के पास पोननेरी स्टेशन को पार कर रही थी। घटनास्थल पर उपस्थित लोगों के अनुसार, ट्रेन को मुख्य लाइन से गुजरने के लिए हरी बत्ती दी गई थी, लेकिन एक अज्ञात कारण से ट्रेन ने जोरदार झटका अनुभव किया और 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लूप लाइन में प्रवेश कर एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई।

घटना में घायल और राहत कार्य

इस हादसे में कुल 19 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से चार को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अच्छी बात यह है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई और घायल यात्रियों को समय पर बाहर निकाल लिया गया। ट्रेन में लगभग 1,360 यात्री सवार थे, जिन्हें बचाव और राहत अभियान के तुरंत बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। जिलाधिकारी टी प्रभुशंकर ने बताया कि घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर है और उन्हें उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

हादसे के बाद लिए गए सुरक्षात्मक कदम

घटना की गंभीरता को देखते हुए तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अस्पताल जाकर प्रभावित यात्रियों से मुलाकात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया। हादसे के कारण इस सेक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही लगातार बाधित हो रही है। रेलवे प्रशासन ने दुर्घटना के बाद कई ट्रेनों को अन्य मार्गों से चलाने का निर्णय लिया है और प्रभावित यात्रीगण के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

2023 बालासोर हादसे की यादें ताजा

इस घटना ने 2023 के बालासोर हादसे की यादें ताजा कर दी हैं, जब इसी तरह की स्थितियों में कोरोमंडल एक्सप्रेस एक लूप लाइन में जाकर मालगाड़ी से टकराई थी। इसके तुरंत बाद बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकराकर 296 लोगों की जान ले ली थी। चेन्नई हादसे में हालांकि जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के निर्देश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस घटना के तुरंत बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। दोषियों की पहचान और उन्हें सजा देने की प्रक्रिया भी जल्द से जल्द पूरी करने पर जोर दिया जा रहा है।

प्रमुख सबक और सावधानियां

इस हादसे ने फिर से रेलवे सुरक्षा और निगरानी की अहमियत को साबित किया है। रेलवे प्रणाली में सुधार और डिजिटल तकनीकी के माध्यम से बेहतर सुरक्षा उपायों को अपनाने की जरूरत है। यात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ प्रशासन को लगातार सतर्क रहते हुए सही कदम उठाने चाहिए। इस तरह की घटनाएं न केवल रेल यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित करती हैं, बल्कि वे प्रशासनिक चूक और लापरवाही की ओर भी इशारा करती हैं।

आगे की प्रक्रियाएं

रेलवे प्रशासन ने इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए तकनीकी उन्नयन और सुरक्षा उपायों पर काम करने की घोषणा की है। भविष्य में इस प्रकार की किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए विशेष कार्यात्मक टीमों का गठन किया जा रहा है, जो 24 घंटे रेलवे नेटवर्क की निगरानी करेंगी। उम्मीद है कि आगामी प्रक्रियाएं रेलवे के ढांचे में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगी।