धुरंधर में अक्षय खन्ना की धमाकेदार परफॉर्मेंस, सोशल मीडिया पर छाया 'रहमान डकैत' का जादू
दिस॰, 6 2025
धुरंधर की रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर एक नाम तेजी से ट्रेंड कर रहा है — अक्षय खन्ना। नहीं, ये कोई नया एक्टर नहीं, बल्कि वही अक्षय खन्ना हैं जिन्होंने चहवा में एक ऐसा किरदार निभाया था जिसे देखकर लोगों ने कहा — ‘अब तक का सबसे बेहतरीन विलेन’। और अब, धुरंधर में उन्होंने एक और ऐसा किरदार बनाया है जिसका नाम है — रहमान डकैत। ये कोई आम डकैत नहीं। ये एक ऐसा आदमी है जो पाकिस्तान के अंधेरे गलियों में राज करता है, साथ ही साथ एक वकील और राजनेता भी है। और अक्षय खन्ना ने इसे इतना जीवंत कर दिया कि दर्शक बस एक ही बात कह रहे हैं — ‘ये क्या एक्टिंग है?’
क्यों है रहमान डकैत इतना डरावना?
रहमान डकैत कोई गुस्से में चिल्लाने वाला विलेन नहीं। वो शांत है। धीमे बोलता है। हर शब्द में खतरा छिपा है। जब वो अपनी बात कहता है, तो दर्शक बस सुन रहे होते हैं — नहीं, बल्कि डर रहे होते हैं। एक सीन है जहां वो एक बच्चे को देखकर मुस्कुराता है, और फिर उसकी आंखों में बर्फ जैसी ठंडक छा जाती है। इस सीन को देखकर एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा — ‘अक्षयखन्ना जीनियस हैं.. क्या एक्टर हैं... सभी लोग पोस्ट सीन मिस नहीं करते...’। ये सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, ये एक आवाज है जो सैकड़ों लोगों की है।
अक्षय खन्ना ने इस भूमिका के लिए आवाज को बदल दिया। उनकी बोलचाल में एक अजीब सी धीमापन और भारीपन है — जैसे कोई बर्फीली हवा आ रही हो। इस तरह की एक्टिंग आजकल कम मिलती है। बहुत से एक्टर विलेन को बड़े-बड़े डायलॉग और गुस्से से बनाते हैं। लेकिन अक्षय खन्ना ने दिखाया कि डर को चुपचाप बांधा जा सकता है।
रणवीर सिंह की भूमिका और फिल्म का बैकग्राउंड
फिल्म का केंद्रीय पात्र रणवीर सिंह हैं, जो एक 20 साल के पंजाबी युवक की भूमिका निभा रहे हैं जिसे भारतीय सूचना ब्यूरो के नेतृत्व में R. माधवन के किरदार अजय सान्याल के तहत करारी मिशन के लिए कराची भेजा जाता है। रणवीर ने अपनी भूमिका में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की भारीपन लाया है। उनके संघर्ष, डर और आत्म-प्रश्न फिल्म को गहराई देते हैं।
फिल्म का निर्देशन अदित्य धार ने किया है, जो ‘चहवा’ के बाद फिर से एक ऐसी फिल्म बना रहे हैं जो बस एक्शन नहीं, बल्कि राजनीति, भावनाओं और आतंक के अंधेरे को भी छूती है। शूटिंग थाईलैंड, मुंबई, पंजाब और लद्दाख में हुई — जिससे फिल्म को एक असली, भारतीय-पाकिस्तानी सीमा का वास्तविक अहसास मिलता है।
बॉक्स ऑफिस और लीक का झटका
धुरंधर ने 5 दिसंबर, 2025 को देशभर के लगभग 5,000 स्क्रीन्स पर रिलीज होकर सैयारा का ओपनिंग डे का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पहले दिन की कमाई का अनुमान 38-40 करोड़ रुपये के आसपास है — जो इस साल के लिए एक शानदार शुरुआत है। लेकिन एक बड़ा झटका भी आया — रिलीज के कुछ ही घंटों बाद फिल्म ऑनलाइन लीक हो गई।
ये लीक न सिर्फ बॉक्स ऑफिस के लिए खतरा है, बल्कि निर्माता यश राज फिल्म्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। अभी तक का सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म 2025 की कांतारा चैप्टर 1 है, जिसने लगभग 720 करोड़ रुपये कमाए हैं। धुरंधर को इस रिकॉर्ड को पार करने के लिए 900 करोड़ रुपये की कमाई करनी होगी — जो एक बहुत बड़ी चुनौती है।
सीक्वल की घोषणा और अगले कदम
फिल्म के सफलता के बाद निर्माताओं ने एक बड़ी घोषणा कर दी — धुरंधर 2 की शूटिंग शुरू हो चुकी है और इसकी रिलीज तारीख 19 मार्च, 2026 तय की गई है, जैसा कि न्यूज18 हिंदी ने रिपोर्ट किया है। लेकिन यहां एक अनिश्चितता है — एनडीटीवी इंडिया ने 9 मार्च, 2026 की तारीख दी है। इस अंतर के कारण फैन्स के बीच भ्रम फैल रहा है।
अगर धुरंधर 2 में अक्षय खन्ना का किरदार वापस आता है — जैसा कि फिल्म के अंत में संकेत दिया गया है — तो ये भारतीय सिनेमा में एक नया इतिहास लिख देगा। एक ऐसा विलेन जो न सिर्फ डराता है, बल्कि दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है।
क्या लोग कह रहे हैं?
सोशल मीडिया पर #DhurandharKaDhamaka और #DhurandharReview ट्रेंड कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा — ‘शानदार दूसरा भाग, कहानी को सहजता से आगे बढ़ाता है। एक्शन, संगीत और वास्तविक फुटेज का इस्तेमाल बहुत ही खूबसूरती से किया गया है। निश्चित रूप से 2025 की एक ब्लॉकबस्टर।’
दूसरा यूजर बस एक ही बात दोहरा रहा है — ‘2025 को अक्षय खन्ना का साल घोषित कर दो।’
फ्रीक्वेंटली एस्क्वेस्टेड क्वेश्चन्स
क्या अक्षय खन्ना की भूमिका चहवा से बेहतर है?
हां, ज्यादातर समीक्षाकार और दर्शक मानते हैं कि धुरंधर में अक्षय खन्ना की भूमिका चहवा से अधिक जटिल और गहरी है। चहवा में वो एक भावुक विलेन थे, लेकिन धुरंधर में वो एक राजनीतिक और आतंकवादी शक्ति हैं — जिनकी शक्ति आवाज, नजरों और चुप्पी में छिपी है। ये एक्टिंग अब तक की सबसे अधिक अनुकूलित भूमिका मानी जा रही है।
धुरंधर की बॉक्स ऑफिस की संभावनाएं क्या हैं?
धुरंधर ने शुरुआत अच्छी की है, लेकिन 900 करोड़ रुपये का लक्ष्य पाने के लिए इसे अगले तीन हफ्तों तक लगातार बुकिंग बनाए रखनी होगी। इस साल की तुलना में दक्षिण भारतीय फिल्मों की बढ़त बहुत मजबूत है। अगर फिल्म अच्छी रिव्यूज और शब्द-प्रचार के साथ चलती रही, तो 600-700 करोड़ की कमाई संभव है — जो एक बड़ा हिट होगा।
धुरंधर 2 की रिलीज तारीख में अंतर क्यों है?
न्यूज18 हिंदी ने 19 मार्च, 2026 और एनडीटीवी इंडिया ने 9 मार्च, 2026 की तारीख दी है। इस अंतर का कारण संभवतः निर्माण टीम की आंतरिक अनुमानित तारीखों में बदलाव है। अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। फैन्स को यश राज फिल्म्स के आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल्स पर अपडेट का इंतजार करना चाहिए।
क्या फिल्म ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को छूया है?
हां, फिल्म ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंक, राजनीति और आम आदमी के दर्द को बहुत संवेदनशील तरीके से दर्शाया है। लेकिन इसे किसी भी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक विरोध के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसलिए इसकी समीक्षा अधिकांशतः न्यायपालिका और समाज के बीच अच्छी रही है।
क्या फिल्म में रणवीर सिंह की एक्टिंग ने नई ऊंचाइयां छूई हैं?
हां, रणवीर ने इस फिल्म में अपनी शारीरिक और मानसिक लचीलापन को बरकरार रखा है। उनका बोलने का तरीका, चेहरे के भाव और शारीरिक अभिनय ने उन्हें एक आम युवक से लेकर एक बेहद भारी एजेंट तक के रूप में दिखाया। ये उनकी सबसे अधिक शांत और गहरी भूमिका है, जिसने उन्हें एक नए स्तर पर ले गया है।
क्या फिल्म का संगीत भी विशेष है?
हां, संगीत निर्देशक अमित त्रिवेदी ने एक ऐसा स्कोर बनाया है जो फिल्म के तनाव को बढ़ाता है। विशेष रूप से ‘रहमान डकैत’ के सीनों में उपयोग किए गए ड्रम और वायलिन के संगम ने एक अजीब सी भावना पैदा की है — जैसे कोई खतरा दूर से आ रहा हो। ये संगीत फिल्म के अहसास को गहरा करता है।
nithin shetty
दिसंबर 6, 2025 AT 18:11अक्षय खन्ना ने जो किया है वो एक्टिंग नहीं, एक अनुभव है। जब वो मुस्कुराता है तो लगता है जैसे बर्फ के अंदर से आवाज आ रही हो।
Aman kumar singh
दिसंबर 8, 2025 AT 15:07भाई ये फिल्म तो बस एक फिल्म नहीं, ये एक घटना है। अक्षय खन्ना ने भारतीय सिनेमा को एक नया लेवल दे दिया। अब तक के विलेन बस चिल्लाते थे, ये तो सोचते हैं और तुम डर जाते हो।
UMESH joshi
दिसंबर 8, 2025 AT 16:14रहमान डकैत की शांति उसकी शक्ति है। आज के जमाने में जब सब कुछ जोर से बोलता है, तो चुप रहने वाला सबसे डरावना होता है। ये भावनात्मक गहराई का असली अर्थ है।
pradeep raj
दिसंबर 9, 2025 AT 07:58अक्षय खन्ना की एक्टिंग में एक ऐसी फिलोसोफिकल भारीपन है जो आधुनिक नाटकीय सिद्धांतों के साथ बिल्कुल समानता रखती है - विलेन की शक्ति उसके बोलने के तरीके में नहीं, बल्कि उसके शांत अवकाश में छिपी है। इस तरह की अभिव्यक्ति ने भारतीय सिनेमा में एक नया आयाम खोला है।
Vishala Vemulapadu
दिसंबर 9, 2025 AT 13:16ये सब बकवास है। अक्षय खन्ना कोई नया एक्टर नहीं है, ये तो बस एक बॉडी डबल है जिसे डायरेक्टर ने ज्यादा लाइटिंग दी है। रणवीर की एक्टिंग तो बेहतर है।
M Ganesan
दिसंबर 9, 2025 AT 19:08ये फिल्म पाकिस्तान के लिए एक प्रोपेगंडा है! डकैत को हीरो बना दिया, भारतीय एजेंट को कमजोर दिखाया, और ये लोग इसे 'संवेदनशीलता' बता रहे हैं? ये नहीं, ये धोखा है।
Shraddhaa Dwivedi
दिसंबर 11, 2025 AT 16:01रहमान डकैत के सीन में जब वो बच्चे को देखता है... मैं रो पड़ी। इतनी शक्ति बिना एक शब्द के। ये फिल्म ने मुझे याद दिलाया कि अभिनय क्या होता है।
mohit saxena
दिसंबर 13, 2025 AT 10:03दोस्तों अगर आपने अभी तक नहीं देखी तो बहुत देर हो चुकी है। अक्षय खन्ना की आवाज़ तो बस एक बार सुन लो - वो तुम्हारे दिमाग में घुस जाएगी।
Sandeep YADUVANSHI
दिसंबर 14, 2025 AT 15:45हां भाई, ये फिल्म बहुत अच्छी है... लेकिन तुम सब जो बोल रहे हो वो तो बस बॉलीवुड के फैन हो। इस तरह की एक्टिंग तो हॉलीवुड में रोज़ होती है। ये तो बस अब तक की बेहतरीन भारतीय फिल्म है - बाकी सब तो बच्चों की खेल की बात है।
Vikram S
दिसंबर 15, 2025 AT 22:20अक्षय खन्ना? नहीं! ये तो एक अभिनेता नहीं, ये एक राष्ट्रीय संपत्ति है! और ये फिल्म? ये तो भारत के लिए एक नया गीत है! जिसे तुम लोग बेकार का बोल रहे हो! अगर तुम इसे समझ नहीं पा रहे तो तुम्हारा दिमाग बेकार है!
ankur Rawat
दिसंबर 16, 2025 AT 12:13रहमान डकैत की आवाज़ में उत्तरी भारत की बर्फ़ीली हवा और दक्षिण की रात की चुप्पी का मिश्रण है। अक्षय ने इसे इतना सही ढंग से बनाया कि लगता है जैसे कोई जिंदा आत्मा आ गई हो। ये एक्टिंग नहीं, ये जादू है।
Vraj Shah
दिसंबर 17, 2025 AT 13:23अच्छा लगा फिल्म। अक्षय खन्ना तो बहुत अच्छा है। रणवीर भी ठीक है। लेकिन अगर आपको बस एक बात बतानी हो तो - ये फिल्म देखो।
Kumar Deepak
दिसंबर 19, 2025 AT 01:45हां हां, अक्षय खन्ना जीनियस हैं... जैसे बॉलीवुड के हर नए विलेन को जीनियस बता देते हैं। अगर ये अभिनय है तो मैं तो अपनी चाय के बर्तन को भी अभिनेता बना दूंगा।
Ganesh Dhenu
दिसंबर 20, 2025 AT 12:08धुरंधर की शूटिंग लद्दाख में हुई - तो फिर रहमान डकैत के लिए पाकिस्तान के गलियारे कैसे बने? ये तो फिल्म की असली कमजोरी है।
Yogananda C G
दिसंबर 20, 2025 AT 18:29अगर हम इस फिल्म के विश्लेषण को एक सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखें तो यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है कि भारतीय चलचित्र उद्योग अपने विलेनों को एक ऐसे चित्रण के माध्यम से प्रस्तुत कर रहा है जो न केवल व्यक्तिगत जटिलताओं को दर्शाता है बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक वातावरण के भी गहरे आयामों को छूता है, जिससे दर्शक के मन में एक विवादास्पद प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जिसे हम आमतौर पर एक निष्क्रिय दर्शक के रूप में नहीं, बल्कि एक सक्रिय विचारक के रूप में देखने लगते हैं।
Divyanshu Kumar
दिसंबर 21, 2025 AT 21:23मैंने फिल्म देखी थी, बहुत अच्छा लगा। अक्षय खन्ना ने बहुत अच्छा किया। लेकिन रणवीर का किरदार थोड़ा लंबा लगा।
Mona Elhoby
दिसंबर 22, 2025 AT 18:15अक्षय खन्ना ने जो किया है - वो एक्टिंग नहीं, ये एक आत्महत्या की तरह है। वो अपने आप को इतना नष्ट कर रहा है कि तुम देखकर खुद डर जाते हो। और तुम इसे बधाई दे रहे हो? ये तो बीमारी है।