एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने ₹10,000 करोड़ आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर्स किए दाखिल - भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने ₹10,000 करोड़ आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर्स किए दाखिल - भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम सित॰, 19 2024

भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम: एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ

भारत की राज्य-नियंत्रित बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए हैं। इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी ₹10,000 करोड़ (लगभग $1.19 बिलियन) जुटाने की योजना बना रही है। इस आईपीओ में केवल नई इक्विटी शेयरों की पेशकश की जाएगी और इसमें कोई ऑफर-फॉर-सेल घटक शामिल नहीं होगा। इसका मतलब है कि आईपीओ से मिले सारे पैसे कंपनी के पास जाएंगे।

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने का लक्ष्य

यह कदम भारत सरकार के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के साथ मेल खाता है। भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को 200 गीगावाट से बढ़ाकर 500 गीगावाट करना है। वर्तमान में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट है और इसे 2030 तक 500 गीगावाट करना एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इस ओर बढ़ते हुए, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का यह आईपीओ बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।

आईपीओ से मिले धन का उपयोग कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं में किया जाएगा, जिसमें सोलर, विंड पॉवर, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन मेथनॉल जैसी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास को शामिल किया जाएगा। यह एनटीपीसी की रणनीति का हिस्सा है जो कंपनी की आय को विभिन्न ऊर्जा संसाधनों के माध्यम से विविधीकृत करना चाहता है।

निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर

यह आईपीओ बाजार में निवेशकों के बीच भारी दिलचस्पी पैदा कर सकता है, विशेष रूप से उन निवेशकों के बीच जिन्होंने ग्रीन एनर्जी में निवेश करने में रुचि दिखाई है। वर्तमान में ग्रीन एनर्जी के प्रति बढ़ती जागरूकता और सरकारी नीतियों ने निवेशकों को इस दिशा में आकर्षित किया है। इससे यह संभावना भी बढ़ जाती है कि आईपीओ को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।

आईपीओ की इस पेशकश का प्रबंधन एक टीम द्वारा किया जाएगा जिसमें आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज, एचडीएफसी बैंक, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, और नवमा वेल्थ मैनेजमेंट शामिल हैं। ये सभी कंपनियाँ इस पेशकश को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

सबसे महत्वपूर्ण पहलू

यह आईपीओ एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस से न केवल कंपनी को अपनी परियोजनाओं के लिए आवश्यक धन मिलेगा, बल्कि यह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।

इस आईपीओ की दाखिला प्रक्रिया 18 सितंबर, 2024 को हुई। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसे निवेशकों और बाजार की तरफ से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।

7 टिप्पणि

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    Krishnan Kannan

    सितंबर 20, 2024 AT 13:45
    ये आईपीओ असल में भारत के ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए एक बड़ी जीत है। सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा मिल जाएगा, तो बहुत सारे गाँवों में बिजली का सुधार होगा। अब तक जो भी बोलते रहे कि राज्य कंपनियाँ नहीं कर पाएंगी, वो गलत थे।
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    Akshay Patel

    सितंबर 21, 2024 AT 03:35
    इतना पैसा इस तरह की कंपनी को देना बेकार है। सरकार को बजट बढ़ाकर सीधे रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स पर खर्च करना चाहिए। ये IPO बस एक शो है जिसमें बैंकर्स और फंड मैनेजर्स अपना कमीशन कमाते हैं।
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    mala Syari

    सितंबर 21, 2024 AT 08:35
    इतना बड़ा IPO और फिर भी ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में नहीं बताया? ये तो बस ग्रीनवॉशिंग है। मैं इसमें निवेश नहीं करूँगी। 🤷‍♀️
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    utkarsh shukla

    सितंबर 23, 2024 AT 04:46
    ये भारत का टर्निंग पॉइंट है! जब एनटीपीसी जैसी बड़ी कंपनी ग्रीन एनर्जी पर जोर देती है, तो देश बदल जाता है। अब निवेशकों को सिर्फ शेयर नहीं, बल्कि भविष्य खरीदना है। जय हिंद! 🇮🇳
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    Amit Kashyap

    सितंबर 23, 2024 AT 23:09
    yeh ipo bhot accha hai lekin kya humne kisi ko pucha ki ye paisa kaha jayega? kya yeh sahi tarah se use hoga ya phir phir se corruption mein kho jayega? sab kuch clear nahi hai
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    Dev Toll

    सितंबर 25, 2024 AT 14:30
    अगर ये पैसा सही जगह जाए तो भारत 2030 तक 500 GW पहुँच जाएगा। अगर नहीं, तो ये बस एक और बड़ा वादा होगा। अब देखना है कि कंपनी अपने वादों को कैसे निभाती है।
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    Kishore Pandey

    सितंबर 26, 2024 AT 18:24
    इस आईपीओ के तहत निर्धारित धन का उपयोग केवल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास तक सीमित रखना आवश्यक है। किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए धन का प्रयोग विनियामक नियमों के विरुद्ध होगा। इसलिए सेबी को नियमित निरीक्षण करना चाहिए।

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