गौतम गंभीर ने पूर्व क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर जताया शोक
अग॰, 1 2024गौतम गंभीर ने अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर जताया शोक
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान राजनीतिक व्यक्ति, गौतम गंभीर ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अंशुमन गायकवाड़ ने भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में 1975 से 1987 तक खेला, और वे एक महान ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे। गायकवाड़ भारतीय क्रिकेट टीम की सफलता के महत्वपूर्ण हिस्से थे, खासकर 1980 के दशक में।
अंशुमन गायकवाड़ की क्रिकेट यात्रा
अंशुमन गायकवाड़ का जन्म 23 सितंबर 1952 को बड़ौदा में हुआ था। उनका क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही था, और उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम तक का सफर तय किया। गायकवाड़ ने 1975 में अपने टेस्ट करियर का आरंभ किया और अपने पहले ही मैच में उन्होंने अपनी तकनीकी कुशलता और मानसिक ताकत का परिचय कराया। उनकी बल्लेबाजी शैली ने उन्हें एक स्थिर और भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया।
अंशुमन गायकवाड़ ने अपने करियर के दौरान 40 टेस्ट मैच खेले और 2,058 रन बनाए। उनके नाम दो शतक और दस अर्धशतक हैं। वे अपनी धैर्यवान बल्लेबाजी के लिए मशहूर थे और मुश्किल परिस्थितियों में टीम के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते थे। उनके योगदान से भारतीय टीम ने कई अहम जीत दर्ज की।
गौतम गंभीर का गायकवाड़ के प्रति सम्मान
गौतम गंभीर ने गायकवाड़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे भारतीय क्रिकेट इतिहास के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। गंभीर ने कहा, "अंशुमन गायकवाड़ जैसे क्रिकेटर कभी भुलाए नहीं जा सकते। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपने जुनून और समर्पण से नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद की। उनकी बल्लेबाजी शैली और कठिन परिस्थितियों में खेलने की क्षमता ने हमें कई बार जीत दिलाई।"
गौतम गंभीर खुद भी भारतीय क्रिकेट के एक अहम हिस्से रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर टीम को जीत दिलाई है। गायकवाड़ के निधन पर गंभीर ने कहा कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है।
क्रिकेट समुदाय का शोक
अंशुमन गायकवाड़ के निधन के पश्चात, क्रिकेट समुदाय ने अपने शोक संदेश भेजे। उनके पूर्व सह खिलाड़ी और वर्तमान क्रिकेटरों ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा, "अंशुमन सर ने हमारे लिए एक मजबूत नींव रखी थी जिसे हम आज भी महसूस करते हैं। उनकी खेल भावना और समर्पण को कभी भुलाया नहीं जा सकता।"
पूर्व कप्तान कपिल देव ने भी गायकवाड़ के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "हमने एक महान खिलाड़ी और एक बेहतर इंसान को खो दिया है। उनकी खेल में दी हुई योगदान को भविष्य की पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी।"
गायकवाड़ की विरासत
अंशुमन गायकवाड़ की क्रिकेट यात्रा सिर्फ उनके खेल तक सीमित नहीं थी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कोचिंग करियर में भी उन्होंने कई युवाओं को प्रशिक्षित किया और भविष्य के सितारे बनने में मदद की।
गायकवाड़ की विरासत आज भी भारतीय क्रिकेट में जीवित है और उनकी यादों को हमेशा संजोया जाएगा। उनके निधन पर क्रिकेट प्रेमियों और उनके चाहने वालों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
हमेशा याद किये जायेंगे
अंशुमन गायकवाड़ का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा उज्ज्वल रहेगा। वे एक संघर्षशील खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। उनके प्रशंसक और साथी खिलाड़ी उन्हें हमेशा याद रखेंगे और उनकी खेल भावना को सलाम करेंगे।
अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर शोक जताते हुए गौतम गंभीर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय क्रिकेट के दिग्गज अपनी विरासत को कभी भूलते नहीं हैं और हमेशा उन्हे सम्मान देते हैं जिन्हें उन्होंने आगे बढ़ाया।