GOAT मूवी रिव्यू: विजय के अभिनय से दमदार, लेकिन पुरानी रिवायती कथानक में उलझी
सित॰, 5 2024
GOAT मूवी की झलक
फिल्म 'GOAT' (ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम), जो कि वेंकट प्रभु द्वारा निर्देशित है और जिसमें मुख्य भूमिका में विजय हैं, का एक विस्तृत रिव्यू सामने आया है। यह फिल्म 5 सितंबर 2024 को रिलीज़ होने वाली है और इसे एक टाइम-ट्रैवल फैंटेसी ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया गया है। फिल्म में विजय का डबल रोल है - एक पिता और एक पुत्र का।
विजय का अभिनय
फिल्म में विजय का प्रदर्शन जितना दमदार है, उतना ही भावुक भी। ख़ास दृश्य जहाँ उन्हें कोने में दिखाया गया है, वे उनकी अभिनय क्षमता को निखारते हैं। किशोर संस्करण को दर्शाने के लिए डी-एजिंग तकनीक का उपयोग किया गया है जो नए प्रयोग के रूप में सामने आता है। विजय बिना 'सुपरस्टार' की उम्मीदों के अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचते हैं।
फिल्म की कमजोरी
हालांकि विजय की अदाकारी अत्यधिक सराहनीय है, फिल्म अपने कथानक में पुराने स्कूल के टेम्पलेट और सरल कहानी पर अधिक निर्भर होने के कारण कमजोर पड़ती है। डी-एजिंग तकनीक के उपयोग के अलावा, कहानी में कोई विशेष नवीनता नहीं है जो दर्शकों को बांध सके।
नोस्टाल्जिया और गीमिक्स का अधिक उपयोग
फिल्म में विभिन्न रेफरेंस और कैमियो हैं, जैसे कि CSK बनाम MI मैच का दृश्य और योगी बाबू का कैमियो। ये दृश्य उत्साहजनक हैं परन्तु कभी-कभी ऐसा लगता है कि वे अधिक खिंच रहे हैं। तकनीकी नवीनीकरण हमेशा फिल्म की आत्मा नहीं हो सकता, इसे कहानी में गहराई की भी आवश्यकता होती है।
फिल्म का अंतिम चरण
फिल्म का अंतिम चरण वेंकट प्रभु के स्टाइल का प्रतीक है जिसमें सस्पेंस, ह्यूमर, सेंटीमेंट और मास अपील का मिश्रण है। लेकिन इसके बावजूद फिल्म अपने पूरे सामर्थ्य तक नहीं पहुँच पाती।
फिल्म का समीकरण
संक्षेप में, GOAT फिल्म बहुत सी उम्मीदों के बावजूद अपने अधिक-निर्भरता वाले रिवायती और सरल कहानी के कारण मध्यम साबित होती है। विजय का अभिनय बेशक शानदार है, पर फिल्म उस पर भी अत्यधिक निर्भर दिखती है।
विजय की राजनीतिक पारी
विजय की आने वाली राजनीतिक पारी का जिक्र भी इस रिव्यू में है। उनकी आखिरी फिल्म 'थलापति 69' होगी जिसके बाद वे पूरी तरह राजनीति में प्रवेश करने वाले हैं। यह नया मोड़ उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।
Kamal Gulati
सितंबर 7, 2024 AT 19:24ये फिल्म तो बस विजय के चेहरे के लिए बनाई गई है। डी-एजिंग तकनीक तो ठीक है लेकिन कहानी इतनी पुरानी कि मैंने 2005 में भी ऐसा कुछ देखा था। पिता-बेटा का रिश्ता फिर से? अब तो ये ट्रेंड ही बोरिंग हो गया है।
Atanu Pan
सितंबर 9, 2024 AT 15:37मुझे लगता है विजय ने अपना सब कुछ इस फिल्म में डाल दिया। उनका बचपन का रोल तो दिल को छू गया। बाकी सब तो बस फैन फुल फिल्म है।
Pankaj Sarin
सितंबर 11, 2024 AT 09:22कहानी बोरिंग है लेकिन विजय का अभिनय तो बाहर निकल गया अरे यार ये फिल्म बस एक बड़ा सा एमओएच लग रही है CSK vs MI वाला दृश्य तो बस लोगों को रोमांचित करने के लिए डाला गया है
Mahesh Chavda
सितंबर 11, 2024 AT 12:34ये फिल्म अपने आप में एक असफलता है जिसे बड़े बड़े एक्टिंग के बल पर बचाया जा रहा है। निर्देशक ने कहानी को नजरअंदाज कर दिया। राजनीति में जाने का फैसला विजय के लिए बेहतर होगा।
Sakshi Mishra
सितंबर 13, 2024 AT 10:09क्या हम सच में अभी भी इतनी गहराई से बात कर रहे हैं कि एक फिल्म का कथानक नया है या नहीं? क्या इंसान अपने अनुभवों को नए तरीके से नहीं देख सकता? विजय का डबल रोल तो एक आत्म-परावर्तन है-एक पिता जो अपने बेटे को देखकर खुद को याद करता है। ये नोस्टैल्जिया बस एक शॉर्टकट नहीं, ये एक भावनात्मक जड़ है।