ग्रोउ आईपीओ: ₹95-₹100 की कीमत, 4 नवंबर से शुरू, बीएसई और एनएसई पर 12 नवंबर को सूचीबद्ध
नव॰, 4 2025
भारत के फिनटेक सेक्टर में एक बड़ा मोड़ आ रहा है। ग्रोउ, जिसका कानूनी नाम बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स लिमिटेड है, अपना पहला आईपीओ लेकर बाजार में उतरने वाला है। आईपीओ का सब्सक्रिप्शन विंडो 4 नवंबर 2025 से शुरू होगा और 7 नवंबर तक चलेगा। शेयरों की कीमत ₹95 से ₹100 के बीच तय की गई है, और लॉट साइज 150 शेयर है — मतलब न्यूनतम निवेश ₹15,000। इस आईपीओ का कुल आकार ₹6,632 करोड़ है, जो भारतीय डिजिटल निवेश लैंडस्केप के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। शेयर 12 नवंबर 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर सूचीबद्ध होंगे।
आईपीओ का समयसूची: क्या कब होगा?
ग्रोउ का आईपीओ एक बेहद स्पष्ट टाइमलाइन के साथ आ रहा है। यूपीआई मैंडेट की अंतिम तारीख 7 नवंबर, शाम 5 बजे है। आवंटन की पुष्टि 10 नवंबर को होगी, और अगर आपको शेयर मिले, तो वे 11 नवंबर को आपके डीमैट खाते में जमा हो जाएंगे — एक दिन पहले लिस्टिंग से। यह आमतौर पर नहीं होता। ज्यादातर कंपनियां आईपीओ के एक दिन बाद शेयर जमा करती हैं, लेकिन ग्रोउ ने इसे जल्दी करने का फैसला किया है। अगर आपको शेयर नहीं मिले, तो राशि 18 नवंबर तक वापस आ जाएगी।
एंकर निवेशकों के लिए लॉक-इन अवधि: धीमी शुरुआत, बड़ा असर
एंकर निवेशकों के लिए लॉक-इन अवधि दो चरणों में है। पहले 50% हिस्से की रिलीज 10 दिसंबर 2025 को होगी — आवंटन के 30 दिन बाद। बाकी 50% 8 फरवरी 2026 को, यानी 90 दिन बाद। इसका मतलब है कि बाजार में शेयरों की आपूर्ति धीरे-धीरे बढ़ेगी। यह एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी है। बाजार अगर शुरुआत में ज्यादा उतार-चढ़ाव करे, तो बाद में लॉक-इन खुलने पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा।
कौन है ग्रोउ? एक आम ब्रोकर नहीं, एक फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी
ग्रोउ सिर्फ एक ऑनलाइन शेयर ब्रोकर नहीं है। यह 2016 में बैंगलोर में स्थापित हुआ था, और आज यह भारत के लाखों नए निवेशकों के लिए एक डिजिटल गेटवे बन चुका है। यहां आप म्यूचुअल फंड, एसटीएफ, एफडी, और स्टॉक्स सब कुछ एक ही प्लेटफॉर्म पर कर सकते हैं। पेपरलेस ऑनबोर्डिंग, शिक्षात्मक कंटेंट, और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस — यही उनकी ताकत है। एक यूट्यूब विश्लेषण में कहा गया है: "ग्रोउ सिर्फ एक ब्रोकर नहीं, यह क्रेडिट, डेटा और डिस्ट्रीब्यूशन को अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जोड़ रहा है।" यानी वो सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, बल्कि एक पूरा फिनटेक इकोसिस्टम बना रहा है।
पैसा कहां जाएगा? इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्सपेंशन पर फोकस
आईपीओ से जुटाए गए ₹6,632 करोड़ का उपयोग कैसे होगा? प्रोस्पेक्टस के अनुसार, ₹152.5 करोड़ क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में लगाए जाएंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रोउ के लाखों यूजर्स हर दिन ऐप पर लॉगिन करते हैं — अगर सर्वर गिरे, तो भरोसा टूट जाएगा। दूसरे ₹225 करोड़ बिजनेस एक्सपेंशन के लिए — शायद नए फिनटेक प्रोडक्ट्स, बैंक पार्टनरशिप, या डेटा एनालिटिक्स टूल्स पर। बाकी राशि वर्किंग कैपिटल और ऑपरेशनल लागतों के लिए।
सब्सक्रिप्शन रिकॉर्ड: शुरुआत धीमी, लेकिन सवाल बाकी हैं
4 नवंबर को आईपीओ खुलते ही यह देखकर हैरानी हुई कि सब्सक्रिप्शन केवल 0.13x था। इसी दौरान लेंसकार्ट का आईपीओ 2.86x सब्सक्रिप्शन पर था। क्या ग्रोउ की कीमत ज्यादा है? या निवेशक उसकी बिजनेस मॉडल पर संदेह कर रहे हैं? यूट्यूब एनालिस्ट एनांद्राति ने कहा कि "इस इश्यू को पूरी तरह प्राइस्ड किया गया है।" लेकिन यह भी सच है कि आईपीओ के शुरुआती दिनों में सब्सक्रिप्शन कम होना आम है। अगर बाजार में जानकारी फैले और नए निवेशक जुड़ें, तो यह बढ़ सकता है।
कैसे आवेदन करें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
ग्रोउ के आईपीओ में आवेदन करना आसान है। पहले अपना ग्रोउ अकाउंट बनाएं — अगर नहीं है। फिर डीमैट अकाउंट जरूरी है। आईपीओ पेज पर जाएं, "ग्रोउ आईपीओ" चुनें, अपनी कैटेगरी (रेगुलर या एचएनआई) चुनें, 150 शेयर का लॉट चुनें, अपना यूपीआई आईडी डालें, और मैंडेट को अथॉराइज कर दें। यह अथॉराइजेशन 24 घंटे के भीतर होना जरूरी है। नहीं तो आवेदन रद्द। अगर मैंडेट अथॉराइज हो जाए, तो आपके बैंक अकाउंट से राशि ब्लॉक हो जाएगी। आवेदन नंबर तुरंत मिल जाएगा।
ग्रोउ का भविष्य: फिनटेक का नया नायक?
ग्रोउ के बूक-रनिंग लीड मैनेजर्स में कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन इंडिया, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, एक्सेस कैपिटल और मोटिलाल ओसवाल जैसे नाम हैं। ये नाम इस आईपीओ को विश्वसनीय बनाते हैं। लेकिन सवाल यह है — क्या यह एक निवेश के लायक है? ग्रोउ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत के नए निवेशकों के लिए डिजिटल फिनटेक प्लेटफॉर्म अब बस ट्रेंड नहीं, बल्कि जरूरत है। अगर वो अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर सकते हैं, और नए प्रोडक्ट्स लॉन्च कर सकते हैं, तो यह एक बड़ा लॉन्ग-टर्म निवेश बन सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ग्रोउ आईपीओ में निवेश करने के लिए क्या योग्यता है?
कोई भी भारतीय नागरिक जिसके पास डीमैट अकाउंट है, ग्रोउ आईपीओ में निवेश कर सकता है। निवेशकों को अपना यूपीआई आईडी जोड़ना होगा और मैंडेट 24 घंटे के भीतर अथॉराइज करना होगा। आम निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश ₹15,000 है — एक लॉट (150 शेयर) की कीमत। एचएनआई वर्ग में अधिक लॉट्स खरीदे जा सकते हैं।
ग्रोउ की कीमत ₹95-₹100 क्यों तय की गई है?
ग्रोउ की कीमत उसके फाइनेंशियल परफॉर्मेंस, बाजार की तुलना (जैसे लेंसकार्ट, जिसका आईपीओ 2.86x सब्सक्रिप्शन पर था), और भविष्य के विकास की संभावनाओं के आधार पर तय की गई। इसका एवरेज पीई रेश्यो अन्य फिनटेक कंपनियों के साथ तुलना करके निर्धारित किया गया। लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कीमत अभी बहुत ऊंची है, खासकर जब शुरुआती सब्सक्रिप्शन इतना कम है।
ग्रोउ आईपीओ के बाद शेयर कहां ट्रेड करें?
ग्रोउ के शेयर 12 नवंबर 2025 से दोनों बड़े भारतीय स्टॉक एक्सचेंज — बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) — पर ट्रेड होने लगेंगे। आप अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म, जैसे Zerodha, Upstox, या Groww खुद, पर इन शेयरों को खरीद सकते हैं। लिस्टिंग के दिन पहले शेयर आपके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाएंगे, ताकि आप तुरंत ट्रेड कर सकें।
ग्रोउ के आईपीओ में निवेश करना जोखिम भरा है?
हां, जोखिम है। ग्रोउ अभी भी लाभ कमा रहा है, और इसकी कमाई का ज्यादातर हिस्सा एक फ्री एप्प पर निर्भर है। अगर कोई बड़ा प्रतिद्वंद्वी जैसे जीरोडा या डिमैट ऐप्स नए फीचर्स लाता है, तो ग्रोउ का बाजार हिस्सा कम हो सकता है। लेकिन अगर यह अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करता है और नए फिनटेक प्रोडक्ट्स लॉन्च करता है, तो यह 5-7 साल में एक बड़ा निवेश बन सकता है।
Khagesh Kumar
नवंबर 5, 2025 AT 10:38ग्रोउ का आईपीओ अच्छा है पर शेयर अभी थोड़े महंगे हैं। अगर ₹85 तक आ जाए तो मैं डाल दूंगा। अभी बस देख रहा हूँ।
shruti raj
नवंबर 6, 2025 AT 10:55ये सब बकवास है। ये कंपनी तो डेटा चुराती है। मैंने देखा है उनके ऐप में बैंक डिटेल्स कैसे ली जाती हैं। यूपीआई मैंडेट भी एक चाल है। अगर तुमने एक बार अथॉराइज किया तो वो तुम्हारे खाते से हर हफ्ते पैसे निकाल लेते हैं। मैंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया था। 😈
Amit Kashyap
नवंबर 7, 2025 AT 02:21हिंदुस्तान की कंपनी है ना ये तो बस बढ़ाओ। अगर ये नहीं खरीदेंगे तो अमेरिकी फिनटेक वाले भारत का बाजार छीन लेंगे। ये आईपीओ राष्ट्रीय गर्व का मुद्दा है। जय हिंद। 🇮🇳
Atanu Pan
नवंबर 8, 2025 AT 14:50लॉक-इन का ये तरीका अच्छा है। पहले 50% तीस दिन बाद तो बाजार को थोड़ा समय देता है। बाकी 50% 90 दिन बाद निकलेगा तो शेयर की कीमत टिकी रहेगी।
Radhakrishna Buddha
नवंबर 10, 2025 AT 06:26क्या आप लोग ग्रोउ को फिनटेक कंपनी मानते हैं? ये तो सिर्फ एक ब्रोकर है। जीरोडा और उपस्टॉक भी तो वैसे ही काम करते हैं। इसका आईपीओ बस एक शो है। अगर तुम लोग इतने उत्साहित हो तो एक बार ट्रेडिंग भी करो। नहीं तो बस फोन पर देखते रहोगे। 😏
Govind Ghilothia
नवंबर 10, 2025 AT 22:28इस आईपीओ की संरचना भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतीक है। डिजिटल फिनांस के क्षेत्र में इस प्रकार की स्थापित व्यवस्थाओं का उदय राष्ट्रीय आर्थिक स्वायत्तता की ओर एक अपरिहार्य चरण है।
Sukanta Baidya
नवंबर 11, 2025 AT 09:01ग्रोउ का आईपीओ? ये तो बस एक और टेक-स्टार्टअप है जिसने एक अच्छा UI बनाया है। बिल्कुल भी नया नहीं। जब तक वो डेटा एनालिटिक्स और AI पर असली बात करेगा, तब तक ये बस एक फैशन स्टेटमेंट है।
Adrija Mohakul
नवंबर 12, 2025 AT 20:54मैंने भी ग्रोउ ऐप यूज किया है। बहुत आसान है। लेकिन एक बार मैंने लॉग इन करने की कोशिश की तो ऐप क्रैश हो गया। अब तक ठीक है। लेकिन अगर आईपीओ के बाद लोग ज्यादा आ गए तो क्या सर्वर टिकेगा? ये बड़ा सवाल है।
Dhananjay Khodankar
नवंबर 14, 2025 AT 18:10दोस्तों बस एक बात कहूं। अगर तुम लोग आईपीओ में निवेश करना चाहते हो तो अपने पैसे को लोगों के बोलों से नहीं, अपने रिसर्च से देखो। ग्रोउ का बिजनेस मॉडल ठीक है। बस इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दो। अगर वो सर्वर अच्छे रखेंगे तो ये 5 साल में दोगुना हो जाएगा। शांत रहो, जागो।
shyam majji
नवंबर 15, 2025 AT 04:01कम सब्सक्रिप्शन? तो क्या हुआ। लेंसकार्ट वाला भी 2.86x था और अब शेयर 40% नीचे है। इसका मतलब ये नहीं कि ग्रोउ बुरा है। बस लोग अभी डर रहे हैं। जब लिस्टिंग होगी तो देखो मजा आएगा।
Ritu Patel
नवंबर 16, 2025 AT 17:07ये सब बातें बेकार हैं। ग्रोउ तो बस एक एप है। आप लोग ये सोचते हो कि ये इंटरनेट का भगवान है। लेकिन जब तक तुम अपने निवेश को अपने दिमाग से नहीं बनाओगे, तब तक तुम लोग बेकार के लोग हो।
Deepak Singh
नवंबर 18, 2025 AT 13:41लॉक-इन अवधि के बारे में कुछ लोग गलत समझ रहे हैं। यह निवेशकों के लिए सुरक्षा है, न कि एक बाधा। यदि आप एक दिन में लाखों शेयर बेच दें, तो बाजार टूट जाएगा। यह एक बुद्धिमान निर्णय है।
Rajesh Sahu
नवंबर 19, 2025 AT 16:01हमारी भारतीय कंपनियां बाजार में आ रही हैं और तुम लोग उनकी कीमत देखकर डर रहे हो? अमेरिका में ऐसी कंपनियों की कीमत 10 गुना होती है! हमारे यहां तो ये बहुत सस्ते हैं! खरीदो, खरीदो, खरीदो!
Gopal Mishra
नवंबर 19, 2025 AT 22:28ग्रोउ के आईपीओ का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये नए निवेशकों को डिजिटल फिनांस की दुनिया में लाता है। उन्हें बिना ब्रोकर के अपने पैसे का नियंत्रण देता है। ये आर्थिक सशक्तिकरण है। अगर तुम लोग इसे बस एक ट्रेडिंग ऑपरेशन समझ रहे हो, तो तुम इसकी गहराई नहीं देख पा रहे। ये एक नई शुरुआत है।
Swami Saishiva
नवंबर 19, 2025 AT 23:12ये आईपीओ फेल हो जाएगा। लोग बस इसे देख रहे हैं। शेयर 12 नवंबर को लिस्ट होगा और अगले ही दिन 15% नीचे जाएगा। इसका बिजनेस मॉडल नहीं है, बस एक बड़ा ब्रांडिंग गेम है।