India-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: ऐतिहासिक समझौता, व्हिस्की-गिन पर टैक्स आधा, व्यापार को मिलेगा नया बूस्ट

India-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: ऐतिहासिक समझौता, व्हिस्की-गिन पर टैक्स आधा, व्यापार को मिलेगा नया बूस्ट मई, 7 2025

भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: व्यापार का नया दौर

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच 6 मई 2025 को एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर सहमति बनी है। बहुत सालों से इस पर बात चल रही थी, आखिरकार अब दोनों देशों के बीच संबंधों में नया मोड़ आ ही गया। पिछला साल दोनों के बीच व्यापार के लिहाज से भी खास रहा था—2024 में दो तरफा व्यापार 42.6 बिलियन पाउंड तक पहुंच गया था।

इस करार के तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे की कई मांगों को तवज्जो दी है। खासतौर से ब्रिटेन से आने वाली व्हिस्की और गिन जैसी स्पिरिट्स पर भारत ने टैक्स आधा कर दिया है। अब तक ब्रिटिश व्हिस्की पर भारत में 150% ड्यूटी लगती थी, जो अब 75% रह जाएगी। इससे भारतीय बाजार में विदेशी शराब पहले से सस्ती हो जाएगी और कई कंपनियों के लिए भारत नया बड़ा बाजार बन जाएगा।

दूसरी महत्वपूर्ण बात, भारतीय पेशेवरों के लिए ब्रिटेन जाने के दरवाजे कुछ और खुलेंगे। नर्सिंग, आईटी, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को यूके में काम के बेहतर मौके मिल सकेंगे। ब्रिटेन के लिए भी, टेक्नॉलॉजी, शिक्षा और हैल्थकेयर सेक्टर में भारतीय टैलेंट का फायदा उठाना और आसान हो गया है।

99% व्यापार पर समझौता, दोनों देशों को होने वाले फायदे

99% व्यापार पर समझौता, दोनों देशों को होने वाले फायदे

ये समझौता India-UK FTA के तहत 99% भारतीय उत्पाद और लगभग 90% ब्रिटिश टैरिफ लाइनों को कवर करेगा, यानी जो कुल व्यापार होता है उसमें करीब-करीब हर चीज शामिल होगी। जूतों से लेकर ऑटो पार्ट्स, दवाइयां, मशीनें, और दूसरी अनगिनत आइटम पर अब या तो टैक्स हटेंगे या फिर बहुत कम होंगे। इसका मतलब है भारतीय और ब्रिटिश कंपनियों को सीधे-सीधे फायदे मिलने की उम्मीद है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो इस समझौते से यूके को 2040 तक हर साल करीब 4.8 बिलियन पाउंड की अतिरिक्त आर्थिक ग्रोथ मिलने का अनुमान है। भारत के निर्यातकों के लिए ये समझौता यूके को पुराने यूरोपीय यूनियन मार्केट के विकल्प के रूप में देखने का मौका देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर ने इस समझौते को दोनों देशों के लिए 'म्यूचुअली बेनिफिशियल' यानी फायदेमंद बताया है। दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि इस समझौते से न सिर्फ उद्योगों को, बल्कि आम लोगों को भी रोजगार के नए मौके मिलेंगे, स्टार्टअप्स को ग्रोथ मिलेगी और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा।

वैश्विक व्यापार में चल रही चुनौतियों के बीच इस डील को ग्रेट ब्रिटेन और भारत के लिए इंटरनेशनल ट्रेड स्टेबिलिटी में अहम माना जा रहा है। जब अमेरिकी और चीन के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है, तब भारत-यूके की दोस्ती दुनियाभर के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

इस एफटीए में डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस कन्वेंशन भी शामिल है। मतलब, अगर कोई व्यक्ति या कंपनी भारत और यूके दोनों जगह आय कमाती है, तो उन्हें दोनों जगह बार-बार टैक्स नहीं देना होगा। इस कदम से निवेशकों और कंपनियों का कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा।

इस समय समझौते की विस्तृत शर्तें जनता के सामने नहीं आई हैं, लेकिन जैसे ही आधिकारिक डाक्यूमेंट्स रिलीज़ होंगे, तमाम कारोबारी और प्रोफेशनल ज्यादा साफ तस्वीर देख पाएंगे। फिलहाल, इतना तय है कि भारत और यूके के बीच व्यापार और निवेश के लिए ये एक बड़ा बदलाव साबित होने जा रहा है।