ITR-U का 4 साल का नया समय‑सीमा: अब करदाताओं को मिल रहा बड़ा राहत

ITR-U का 4 साल का नया समय‑सीमा: अब करदाताओं को मिल रहा बड़ा राहत सित॰, 26 2025

ITR‑U क्या है और नई अवधि कैसे काम करती है?

संघीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बजट 2025 में घोषणा की कि अब ITR‑U दाखिल करने की समय‑सीमा संबंधित आकलन वर्ष के अंत से चार साल यानी 48 महीने होगी। 2022 के बजट में पहली बार पेश किए गए इस प्रावधान से करदाता अपने पहले की गई रिटर्न में हुई गलती को सुधार सकते थे, पर पहले इसकी सीमा केवल दो साल थी। अब इस समय‑सीमा को बढ़ाकर सरकार ने करदाताओं को काफी राहत दी है।

इस सुविधा के तहत करदाता चाहे उन्होंने मूल रिटर्न, देर से रिटर्न, संशोधित रिटर्न या बिल्कुल ही रिटर्न नहीं दायर किया हो, सभी को ITR‑U के माध्यम से सही कर सूचना देनी होगी। सेक्शन 139(8A) के तहत यह प्रक्रिया चलती है और यह सभी वर्गों — व्यक्तिगत करदाता, कंपनियां, साझेदारी फर्म, और यहाँ तक कि ऑडिट केस — पर लागू होती है।

चार साल के विस्तार के प्रमुख बिंदु और महत्वपूर्ण प्रावधान

चार साल के विस्तार के प्रमुख बिंदु और महत्वपूर्ण प्रावधान

1. समय‑सीमा – यदि करदाता ने आकलन वर्ष 2021‑22 (वित्तीय वर्ष 2020‑21) के लिए रिटर्न नहीं दायर किया, तो अब उसे 31 मार्च 2026 तक ITR‑U के तहत सुधार करने का अवसर होगा।

2. सुधार के प्रकार – आय में गलती, छूट की अनदेखी, कटौतियों का लापरवाह उल्लेख, या किसी भी तरह की प्रविष्टि त्रुटि को ठीक किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास 1.5 लाख की निश्चित देनदारियों (deductions) का दावा नहीं था, तो अब आप इसे जोड़ सकते हैं।

3. जोखिम और अतिरिक्त कर – यदि कोई करदाता पूरी तरह से रिटर्न नहीं दायर कर रहा है और ITR‑U के माध्यम से दाखिल कर रहा है, तो उसे अतिरिक्त 70% तक का कर चुकाना पड़ सकता है। यह अतिरिक्त कर मुख्यतः उन मामलों में लागू होता है जहाँ रिटर्न का अभाव है और कर बकाया स्पष्ट नहीं है।

4. उपयोग की सीमाएँ – निल (nil) रिटर्न, नुकशान (loss) रिटर्न, या उन मामलों में जहाँ अपडेट से कुल कर देनदारी घटेगी या रिफंड बढ़ेगा, ITR‑U का प्रयोग नहीं किया जा सकता। साथ ही, जब कर मामले में खोज, ज़ब्ती या अभियोजन की प्रक्रिया चल रही हो, तब भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।

5. पेनल्टी और ब्याज – ITR‑U दाखिल करने पर भी बकाया कर पर ब्याज व पेनल्टी लग सकती है, यदि कर नियत समय पर नहीं भरा गया हो। इसलिए सुधार के साथ साथ बकाया राशि का निपटान समय पर करना आवश्यक है।

6. प्रवर्तन की प्रक्रिया – आयकर विभाग ने इस नई अवधि के बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। करदाता को आयकर पोर्टल में लॉगिन करके अपना पुराना रिटर्न लोड करना होगा, फिर ‘Updated Return’ विकल्प चुनना होगा और आवश्यक संशोधन करके फाइल करना होगा।

7. तकनीकी सहायता – पोर्टल पर इस्तेमाल करने वाले यूज़र इंटरफ़ेस में सुधार किए गए हैं, जिससे डेटा एंट्री आसान हो गई है। साथ ही, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) सेक्शन में भी नई अवधि के बारे में विस्तृत जवाब उपलब्ध हैं।

8. व्यावसायिक प्रभाव – छोटे व्यवसायियों और फ्रीलांसर्स के लिए यह बदलाव अस्थायी कर बोझ को कम कर सकता है। कई ने पिछले वर्षों में कर दरों या कटौतियों की ग़लत समझ के कारण बड़ा दंड भुगतना पड़ा था; अब उनके पास ठीक करने के लिए पर्याप्त समय है।

बजट 2025 में इस निर्णय ने यह स्पष्ट किया कि सरकार आयकर अनुपालन को बढ़ावा देने के साथ करदाताओं के लिए लचीलापन भी देना चाहती है। चार साल की विस्तारित अवधि से यह आशा की जा रही है कि कई पुराने केस बंद हो जाएंगे और कर संग्रह में भी सुधार होगा। इस दिशा में भविष्य में और भी सुधारात्मक उपायों की संभावना खुली हुई है।

11 टिप्पणि

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    Dev Toll

    सितंबर 28, 2025 AT 01:40

    अब तो बस इंटरनेट धीमा हो गया है, लाखों लोग ITR-U भरने लगे हैं। पोर्टल तो अभी भी क्रैश हो रहा है।

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    Adrija Mohakul

    सितंबर 29, 2025 AT 22:00

    मैंने 2020-21 का रिटर्न भूल गया था, अब तो बच गया। लेकिन 70% अतिरिक्त कर सुनकर डर लग गया। अगर थोड़ा भी गलती हो गई तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

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    Dhananjay Khodankar

    अक्तूबर 1, 2025 AT 06:40

    ये बदलाव अच्छा है लेकिन लोगों को बताने का तरीका बहुत खराब है। ज्यादातर छोटे व्यवसायी और फ्रीलांसर्स को ये नहीं पता कि इसका मतलब क्या है। सरकार को वीडियो ट्यूटोरियल बनाने चाहिए, न कि PDF डालने।


    मैंने अपने दोस्त को इसकी जानकारी दी, उसका दिमाग खुल गया। अब वो अपने 2019 का भी ठीक करने वाला है।

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    shyam majji

    अक्तूबर 3, 2025 AT 03:08

    इस बार सरकार ने अच्छा काम किया

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    shruti raj

    अक्तूबर 3, 2025 AT 05:55

    ये सब बकवास है। ये लोग जानते हैं कि लोग भूल जाते हैं, तो बाद में ज्यादा कर लेने के लिए ये नियम बनाते हैं। 70% अतिरिक्त कर? ये तो चोरी है। अगर आप लोगों को राहत देनी है तो ब्याज और जुर्माना हटा दो। नहीं तो ये सब धोखा है 😒

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    Khagesh Kumar

    अक्तूबर 3, 2025 AT 19:19

    अगर आपने रिटर्न नहीं भरा तो ITR-U से भरो लेकिन जल्दी करो। ब्याज और जुर्माना बढ़ता रहता है। और जो लोग नुकसान का दावा कर रहे हैं वो इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। ये बात जरूर ध्यान में रखो।

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    Ritu Patel

    अक्तूबर 5, 2025 AT 00:16

    इस बार सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया। जब लोग भूल जाते हैं तो उन्हें फंसाने के लिए ये नियम बनाया गया है। ये बदलाव अच्छा नहीं है, ये एक जाल है जिसमें छोटे लोग फंस जाएंगे।

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    Deepak Singh

    अक्तूबर 5, 2025 AT 09:07

    मैंने इसे पढ़ा, लेकिन ये नियम बहुत जटिल हैं। आयकर विभाग को एक एप्प बनाना चाहिए जिसमें आप अपनी आय डालें, और वो बता दे कि आपको ITR-U भरना है या नहीं। और फिर ऑटोमैटिक फाइल कर दे। इस तरह के जटिल नियम लोगों को भटका रहे हैं।

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    Rajesh Sahu

    अक्तूबर 6, 2025 AT 00:16

    हमारे देश में ऐसा क्यों होता है? हर बार जब कुछ अच्छा होता है, तो उसके पीछे छिपा होता है एक बड़ा झूठ! ये ITR-U भी वही चाल है। लोगों को भरने के लिए मजबूर करें, फिर उन्हें जुर्माना लगाएं। ये सरकार नहीं, ये लूट मारने वाले हैं!

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    Chandu p

    अक्तूबर 6, 2025 AT 15:59

    ये बदलाव बहुत अच्छा है! खासकर छोटे व्यवसायियों के लिए। मैंने अपने दोस्त को ये बताया, उसने अपना 2020 का रिटर्न अभी भर दिया। अब वो शांति से सो रहा है 😊

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    Gopal Mishra

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:00

    इस नई अवधि के बारे में बहुत सारी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है। जैसे कि यह नियम सभी करदाताओं पर लागू होता है, चाहे वे व्यक्ति हों या कंपनी। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन लोगों ने नुकसान का रिटर्न दिया है या निल रिटर्न भरा है, उनके लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह एक बहुत बड़ा अंतर है। इसका मतलब यह है कि जो लोग अपने नुकसान को आगे के वर्षों में घटाना चाहते हैं, उन्हें अभी भी अपने रिटर्न को नियमित तरीके से संशोधित करना होगा। इसके अलावा, अगर आपका मामला जांच या अभियोजन के अधीन है, तो आपको इस अवसर का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह बहुत जरूरी है कि आप अपने कर विशेषज्ञ से सलाह लें। और एक बात और-जब आप ITR-U भरते हैं, तो ब्याज और जुर्माना अभी भी लागू होता है, इसलिए आपको बकाया राशि का भुगतान भी तुरंत करना होगा। यह बहुत ज्यादा ध्यान देने वाली बात है। कई लोग सोचते हैं कि बस रिटर्न भर देने से सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इसलिए इस नियम का लाभ उठाने के लिए आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए।

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