कोयंबटूर में आयोजित सेना एक्सपो: उद्योग, शिक्षण संस्थान और रक्षा बलों का सम्मिलन

कोयंबटूर में आयोजित सेना एक्सपो: उद्योग, शिक्षण संस्थान और रक्षा बलों का सम्मिलन मई, 28 2024

कोयंबटूर में सेना एक्सपो: एक नई दिशा की ओर

28 मई, 2024 को कोयंबटूर शहर के CODISSIA व्यापार मेले परिसर में एक महत्त्वपूर्ण आयोजन हुआ - सेना एक्सपो, जिसे 'सदर्न स्टार आर्मी अकेडेमिया और इंडस्ट्री इंटरफेस' भी कहा गया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम अपने आप में अनोखा था, जिसका मुख्य उद्देश्य कोयंबटूर के उद्योग, शिक्षण संस्थानों और रक्षा बलों को एक मंच पर लाना था। इस पहल ने दक्षिण भारत में रक्षा क्षेत्र की वृद्धि के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की नींव रखी।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें से कुछ प्रमुख आकर्षण थे - सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार और उपकरण की प्रदर्शनी, सैनिकों के ड्रिल और बैंड प्रदर्शन। यह प्रदर्शन न केवल सेना की शक्ति और अनुशासन को दर्शाती थी, बल्कि जनता के मन में उनके प्रति गौरव और सम्मान की भावना को भी बढ़ाती थी। वहीं, दूसरी ओर, इस आयोजन में MSMEs के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिसमें उन्हें यह बताया गया कि वे रक्षा बलों को किस प्रकार से अपनी सेवाएं और उत्पाद प्रदान कर सकते हैं।

रक्षा निर्यात और भविष्य की संभावनाएं

डॉ. जी. सतीश रेड्डी, जो पूर्व DRDO चेयरमैन रह चुके हैं, ने इस अवसर पर विशेष रूप से दर्शकों को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि 2023-2024 में भारत के रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ को पार कर गए हैं और यह आँकड़ा 2028-2029 तक ₹50,000 करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए नए और नवोन्मेषी विचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कोयंबटूर: रक्षा उत्कृष्टता का केन्द्र बनने की दिशा में

कोयंबटूर: रक्षा उत्कृष्टता का केन्द्र बनने की दिशा में

लेफ्टिनेंट जनरल करणबीर सिंह ब्रार, जो डेक्कन भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग हैं, ने बताया कि इस आयोजन के पीछे का उद्देश्य दक्षिण भारत में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो DRDO प्रयोगशालाओं, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, स्टार्टअप्स, MSMEs और शीर्ष शिक्षण संस्थानों की उपस्थिति का लाभ उठा सके। उन्होंने कोयंबटूर को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया कि वह 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत रक्षा उत्कृष्टता का केंद्र बनने का प्रयास करें।

नौकरी सृजन के लिए स्टार्टअप्स की भूमिका

इस आयोजन के दौरान निति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल के. नारायणन ने स्टार्टअप्स के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अटल इन्नोवेशन मिशन किस प्रकार से स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने और उनके विचारों को साकार करने में मदद कर रहा है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि चुनौतियों के बावजूद, स्टार्टअप्स को नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मजबूती से कार्य करते रहना चाहिए।

CODISSIA रक्षा नवाचार और अटल इन्क्यूबेशन केंद्र की पहल

CODISSIA रक्षा नवाचार और अटल इन्क्यूबेशन केंद्र की पहल

वहीं, CODISSIA रक्षा नवाचार और अटल इन्क्यूबेशन केंद्र के निदेशक वी. सुंदरम ने बताया कि केंद्र में वर्तमान में 23 स्टार्टअप्स हैं और 15 और इस पहल में जुड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि SIDBI के साथ एक समझौते के तहत निवेश के रूप में ₹2 करोड़ रुपये की राशि स्टार्टअप्स में निवेश की जा चुकी है।

जनता के लिए नि:शुल्क प्रवेश

समारोह के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने अपने अनुशासन और कौशल का प्रदर्शन करते हुए अद्भुत ड्रिल और बैंड प्रदर्शन किए। यह आयोजन पूरी तरह से जनता के लिए नि:शुल्क रखा गया था, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें और देश की रक्षा तैयारियों और नवाचारों को निकट से देख सकें।

इस प्रकार, सेना एक्सपो ने कोयंबटूर और इसके आसपास के क्षेत्रों को एक नई उर्जा और दिशा प्रदान की है। रक्षा के क्षेत्र में नवीनतम प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकियों से परिचय कराना और स्थानीय उद्योग एवं शिक्षण संस्थानों को रक्षा क्षेत्र से जोड़ने का यह महत्त्वपूर्ण प्रयास उन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहा, जिनके लिए यह आयोजन किया गया था।