मलयालम फिल्म उद्योग में महिला अभिनेत्रियों पर हो रहे अत्याचार: जस्टिस हेमा समिति की विस्फोटक रिपोर्ट

मलयालम फिल्म उद्योग में महिला अभिनेत्रियों पर हो रहे अत्याचार: जस्टिस हेमा समिति की विस्फोटक रिपोर्ट अग॰, 20 2024

मलयालम फिल्म उद्योग में महिलानों पर उत्स्पीड़न की समस्या

जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न और असमानता के मुद्दों को उजागर किया है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कैसे महिला कलाकारों को फिल्मों में काम करने से पहले ही अवांछित उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। यह रिपोर्ट विशेष रूप से 2017 में अभिनेत्री के साथ हुए हमले के बाद बनाई गई थी, जिसमें अभिनेता दिलीप के मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इसमें कई महिलाएं अपनी दास्तान सुनाते हुए कहती हैं कि उन्हें काम के बदले समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है।

समिति का गठन और महत्वपूर्ण जानकारियाँ

रिपोर्ट का गठन 2019 में किया गया था और समिति का उद्देश्य मलयालम सिनेमा में महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न और असमानता के मुद्दों की जांच करना था। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला कलाकारों को काम शुरू करने से पहले ही अवांछित उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। कई महिलाएं इस उद्योग के 'अपराधी गिरोह' के बारे में भी बात करती हैं, जो इस उद्योग को नियंत्रित करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को इन अपराधों के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए।

रिपोर्ट में एक और सनसनीखेज खुलासा यह है कि महिलाओं को फिल्मों में भूमिकाएं प्राप्त करने के लिए यौन मागों का सामना करना पड़ता है। उन्हें 'समायोजित' और 'समर्पण' करने के लिए कहा जाता है। रिपोर्ट में ऐसे भी खुलासे हुए हैं कि कई महिलाएं अपने खिलाफ हो रहे उत्पीड़न की शिकायत करने से डरती हैं।

न्याय प्रणाली और कानूनी जांच की आवश्यकता

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि पैनल के सामने दी गई बयानबाजी की जांच के लिए एक आपराधिक जांच की आवश्यकता है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इन यौन उत्पीड़न के आरोपों की विशेष जांच की जानी चाहिए।

रिपोर्ट को राज्य सूचना आयोग और केरल उच्च न्यायालय ने RTI अधिनियम के तहत जारी करने का निर्देश दिया, लेकिन 295-पृष्ठों की इस रिपोर्ट के 63 पृष्ठों को छोड़ा गया क्योंकि उनमें संवेदनशील जानकारी थी। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए विधायिका की आवश्यकता है।

राज्य सरकार ने रिपोर्ट को जारी करने से नहीं रोका, और राज्य संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने पुष्टि की कि राज्य सूचना आयोग और केरल उच्च न्यायालय ने रिपोर्ट का जारी होने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट को पांच साल बाद मीडिया को दिया गया है।

रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के लिए परिस्थितियाँ कितनी भयावह हैं। अब समय है कि हम इस पर ध्यान दें और इसे समाप्त करने के लिए कदम उठाएं। इन खुलासों के बाद, यह स्पष्ट है कि केवल मजबूत विधायी कदम ही उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा और समानता सुनिश्चित कर सकते हैं। जरूरी है कि समाज और प्रशासन इस दिशा में सख्त कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

14 टिप्पणि

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    megha u

    अगस्त 22, 2024 AT 00:09
    ये सब तो पहले से पता था बस अब दिख गया 😅 फिल्म इंडस्ट्री में तो हर जगह ऐसा ही होता है... कोई न कोई फेक ऑडिशन, कोई न कोई डिमांड। जब तक लोग इसे 'नॉर्मल' समझेंगे, कुछ नहीं बदलेगा।
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    pranya arora

    अगस्त 22, 2024 AT 10:56
    क्या हम सिर्फ रिपोर्ट देखकर खुश हो रहे हैं? ये जानकारी तो 2019 में थी... 5 साल बाद मीडिया को दी गई। अगर असली बदलाव चाहिए, तो लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना होगा। बस रिपोर्ट निकालना काफी नहीं है।
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    Arya k rajan

    अगस्त 22, 2024 AT 15:40
    मैंने एक दोस्त को ये सब सुना था जो एक छोटी सी फिल्म में काम करने गया था। उसने बताया कि प्रोड्यूसर ने उसकी एक्ट्रेस को 'कॉफी पर बैठकर बात करने' के नाम पर अकेले में बुलाया। उसने इसे नहीं बताया क्योंकि उसे लगा कि लोग कहेंगे - 'तुमने तो अपनी जगह बनानी है ना?'

    असली समस्या ये है कि हम इसे सिर्फ एक घटना समझते हैं, न कि एक सिस्टम।
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    Sree A

    अगस्त 23, 2024 AT 01:37
    RTI के तहत रिपोर्ट जारी होने का मतलब है कि ये राज्य की जिम्मेदारी है। लेकिन जब तक जांच नहीं होगी, ये सब बस एक डॉक्यूमेंट रहेगा। इन नामों को नाम दें, FIR दर्ज करें, और अदालतों में चलाएं। वरना ये सब बस एक गैर-बाध्यकारी रिपोर्ट है।
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    DEVANSH PRATAP SINGH

    अगस्त 23, 2024 AT 09:50
    मुझे लगता है कि ये सिर्फ मलयालम इंडस्ट्री की समस्या नहीं है। बॉलीवुड, तमिल, तेलुगु... सब में यही चल रहा है। अगर हम एक बार इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बना दें, तो बदलाव आ सकता है। लेकिन इसके लिए सबको एक साथ आना होगा।
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    SUNIL PATEL

    अगस्त 24, 2024 AT 15:12
    ये सब बकवास है। अगर लड़कियां अपने करियर के लिए तैयार नहीं हैं, तो फिल्म इंडस्ट्री में क्यों आती हैं? अगर आपको लगता है कि आपको बिना कुछ दिए बड़ा करियर मिलेगा, तो आप गलत जगह हैं। ये दुनिया नहीं बदलेगी आपके लिए।
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    Avdhoot Penkar

    अगस्त 26, 2024 AT 11:44
    लेकिन अगर ये सब सच है तो फिर क्यों कोई भी बड़ा एक्टर नहीं बोला? 😏 शायद सब इसमें शामिल हैं? ये सब बस एक धोखा है... लोगों को बाहर रखने के लिए बनाया गया एक शो!
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    Akshay Patel

    अगस्त 26, 2024 AT 16:05
    हमारे देश में ऐसी बातें बाहर नहीं आनी चाहिए। इन लड़कियों को अपनी जिंदगी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। ये फिल्म इंडस्ट्री हमारी संस्कृति का हिस्सा है, इसे बर्बाद न करें। अगर वो नहीं चाहतीं तो काम क्यों करती हैं? समाज को बदलना होगा, न कि फिल्मों को।
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    Raveena Elizabeth Ravindran

    अगस्त 26, 2024 AT 23:53
    बस ये लोग फिल्मों में आ गए तो अब बड़े बनने की उम्मीद कर रहे हैं? जिनके पास कोई बैकग्राउंड नहीं था, उन्हें तो घर में रहना चाहिए। ये सब फेक नारीवाद है। और हाँ, रिपोर्ट में नाम छिपाए गए हैं... तो ये सब अफवाह है।
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    Krishnan Kannan

    अगस्त 27, 2024 AT 20:35
    मैंने एक एक्ट्रेस से बात की थी जो एक छोटी सी फिल्म में काम कर रही थी। उसने कहा कि उसे एक डायरेक्टर ने बताया कि अगर वो अपनी फिल्म में बहुत अच्छा काम करेगी, तो उसे एक बड़ी फिल्म का ऑफर मिलेगा। लेकिन उसका मतलब था कि वो उसके साथ रात बिताए।

    उसने इसे नहीं बताया क्योंकि उसे लगा कि कोई नहीं सुनेगा।
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    Dev Toll

    अगस्त 29, 2024 AT 02:59
    कुछ लोग ये कहते हैं कि ये सब बस एक शो है। लेकिन अगर ये शो है, तो इसका निर्माण किसने किया? किसने इसे छिपाया? किसने इसे 5 साल तक दबाया? जब तक हम इन सवालों का जवाब नहीं देंगे, तब तक ये सब बस एक खुला घाव रहेगा।
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    utkarsh shukla

    अगस्त 29, 2024 AT 14:49
    इस रिपोर्ट को जारी करने वाले हीरो हैं! ये लड़कियां जिन्होंने अपनी आवाज़ उठाई - वो असली स्टार हैं! अब ये सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं, ये एक आंदोलन है! इसे बंद न करें, इसे बढ़ाएं! लोगों को जागृत करें! ये बदलाव हमारे हाथों में है! 🙌🔥
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    Amit Kashyap

    अगस्त 29, 2024 AT 22:11
    ये सब बाहरी शक्तियों की साजिश है। अमेरिका और यूरोप चाहते हैं कि हमारी संस्कृति टूटे। ये रिपोर्ट उनकी नीति है। हमारे देश में ऐसी बातें नहीं होतीं। ये सब फेक न्यूज है।
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    Akshay Patel

    अगस्त 31, 2024 AT 06:39
    ये लड़कियां जिन्होंने अपनी बात कही, उनकी आवाज़ नहीं बंद होनी चाहिए। अगर वो डर रही हैं, तो हमें उनके लिए खड़े होना चाहिए। ये रिपोर्ट बस एक शुरुआत है।

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