नोएडा के स्कूल में ऑटिस्टिक छात्र पर हुई हिंसा का वीडियो वायरल, शिक्षक गिरफ्तार
अप्रैल, 2 2025
नोएडा के ग्रीन रिबन इंटरनेशनल स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना घटी जब स्कूल के एक विशेष शिक्षक ने 10 वर्षीय ऑटिस्टिक छात्र को कक्षा में पीटा। यह मामला तब सामने आया जब इस घटना का वीडियो स्कूल के माता-पिता के एक व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हो गया। वीडियो में दिख रहा है कि विशेष शिक्षक अनिल कुमार इस बच्चे को बार-बार मारते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे बच्चे के माता-पिता ने तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
इस गंभीर मामले के बाद नोएडा पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। बच्चे के माता-पिता ने एफआईआर में स्कूल के प्रिंसिपल पंकज शर्मा, वाइस-प्रिंसिपल सोनिका दुबे और एक अन्य स्टाफ सदस्य शालिनी का नाम भी दर्ज करवाया। उन्होंने इन सभी पर भारतीय दंड संहिता, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, और विकलांगता अधिकार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
स्कूल की जांच और सील
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि यह स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा था। इस बात के खुलासे के बाद स्कूल को सील कर दिया गया। अधिकारियों ने स्कूल की विशेष शिक्षा के मानकों और अनिल कुमार की योग्यता की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि अनिल कुमार अक्सर स्कूल में नशे की हालत में आते थे।
बच्चे की मां ने बताया कि उनका बेटा इस घटना से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और उसे विशेष देखभाल और संवेदना की जरूरत है। उन्होंने इस तरह के कृत्य की कड़ी निंदा की और स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही की मांग की। स्कूल की गतिविधियों और अनिल कुमार की योग्यताओं की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसमें उनके रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त प्रमाणपत्रों की सत्यता की भी जांच की जाएगी।
Kishore Pandey
अप्रैल 3, 2025 AT 05:24यह घटना केवल एक शिक्षक की अवहेलना नहीं, बल्कि पूरे शिक्षण प्रणाली की विफलता है। विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शिक्षकों की योग्यता की जांच नहीं होती, और फिर भी उन्हें कक्षा में भेज दिया जाता है। यह अपराध है, और इसके लिए सिर्फ गिरफ्तारी काफी नहीं है - शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं।
Kamal Gulati
अप्रैल 4, 2025 AT 05:54बस एक बच्चे के साथ ऐसा करना... ये लोग इंसान नहीं, जानवर हैं। मैंने अपने दोस्त के बेटे को भी ऐसा ही देखा है - वो भी ऑटिस्टिक था, और उसकी टीचर ने उसकी बांह में नोट लगा दिया था कि 'मैं तुम्हें नहीं छूऊंगा'। ये सब बस अपनी नाराजगी बच्चों पर उतार रहे हैं।
Atanu Pan
अप्रैल 5, 2025 AT 04:49मुझे लगता है कि इस तरह के मामलों में स्कूल को सील करना सही नहीं है। बच्चे निर्धन हैं, उनके पास दूसरा विकल्प नहीं है। बेहतर होगा कि स्कूल को रिफॉर्म किया जाए, शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाए, और एक ट्रैकिंग सिस्टम बनाया जाए जिसमें वीडियो कैमरे लगे हों।
Pankaj Sarin
अप्रैल 5, 2025 AT 15:50yo so many people crying about one teacher but no one cares about the 1000s of kids getting beat up in govt schools every day by teachers who think its 'discipline'... this is just the tip of the iceberg bro
Mahesh Chavda
अप्रैल 5, 2025 AT 21:37यह सिर्फ एक शिक्षक का काम नहीं है। यह एक प्रणालीगत अपराध है। जब तक हम शिक्षा को एक व्यापार नहीं समझेंगे, जब तक हम बच्चों को निश्चित अधिकारों वाले इंसान नहीं मानेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराएंगी। और फिर भी हम वीडियो देखकर शेयर करेंगे, और फिर भूल जाएंगे।
Sakshi Mishra
अप्रैल 7, 2025 AT 08:51क्या हम वाकई इतने निराश हो गए हैं कि हम एक बच्चे के आंसू को भी नहीं रोक पा रहे? क्या हमारी समाज की नैतिकता इतनी टूट चुकी है कि हम एक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे के लिए भी एक दिन का समय नहीं निकाल सकते? क्या हम अपनी भावनाओं को बच्चों के ऊपर निर्भर करने दे रहे हैं?
Radhakrishna Buddha
अप्रैल 7, 2025 AT 21:02ये वीडियो देखकर मैं रो पड़ा... ये बच्चा तो हमारा भविष्य है, और हम उसे इतना तोड़ रहे हैं। अगर ये बच्चा आज नहीं टूटा, तो कल वो एक डॉक्टर या एक वैज्ञानिक बन सकता था - अब वो सिर्फ एक ट्रॉमा वाला इंसान बन गया।
Govind Ghilothia
अप्रैल 8, 2025 AT 22:03यह घटना भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है। हमारे गुरु-शिष्य परंपरा में शिक्षक को देवता माना जाता था, लेकिन आज यह देवता बच्चों के खिलाफ अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है। यह एक अपराध है, और इसका निवारण केवल कानूनी कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा के मूल्यों के पुनर्स्थापन से ही संभव है।
Sukanta Baidya
अप्रैल 10, 2025 AT 08:21लोग तो बस ये कहते हैं कि 'अच्छा हुआ वीडियो वायरल हो गया'... पर क्या तुमने कभी सोचा कि इस बच्चे के पास कोई भी दरवाजा नहीं है जिससे वो बाहर निकल सके? अगर ये वीडियो न होता, तो क्या ये बच्चा अब भी उसी कमरे में पड़ा होता?
Adrija Mohakul
अप्रैल 10, 2025 AT 22:33मैंने एक ऑटिस्टिक बच्चे के साथ काम किया है - उसे छूने के लिए भी उसकी अनुमति लेनी पड़ती थी। ये शिक्षक ने तो बच्चे के शरीर के बारे में भी नहीं सोचा। ये बच्चा अपनी दुनिया में रहता है, और उसे उसकी दुनिया में आकर समझना होगा - न कि उसे अपनी दुनिया में खींचकर मारना।
Dhananjay Khodankar
अप्रैल 12, 2025 AT 13:40इस बच्चे के लिए अब एक नया शुरुआती दिन होना चाहिए। हमें इसे बचाना होगा - न कि सिर्फ शिक्षक को गिरफ्तार करना। एक नया स्कूल, एक नया टीम, एक नया घर - ये सब अभी तक नहीं हुआ। हमें उसके लिए एक जीवन बनाना होगा।
shyam majji
अप्रैल 13, 2025 AT 00:23ये सब बस एक बार देख लेते हैं और भूल जाते हैं। अगले हफ्ते कोई और वीडियो आएगा, और ये सब भूल जाएंगे। ये नहीं है कि हमारे पास दिल नहीं है - हमारे पास धैर्य नहीं है।
shruti raj
अप्रैल 13, 2025 AT 18:19ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है... जानते हो क्या? ये शिक्षक तो सिर्फ एक नौकर है। असली जिम्मेदार वो हैं जो इस बच्चे के पिता को नौकरी छीन गए थे, और फिर उसे इस स्कूल में डाल दिया - जहां बच्चे को तोड़ने के लिए तैयार थे। स्कूल का प्रिंसिपल भी बिना चेक किए भर्ती कर रहा है। ये सब एक आर्थिक षड्यंत्र है।
Khagesh Kumar
अप्रैल 14, 2025 AT 15:31ये बच्चा अब घर पर रहे तो बेहतर है। उसके लिए एक विशेष शिक्षक चाहिए, जो उसे समझे, जो उसके साथ धीरे से बात करे। अगर स्कूल नहीं बदल सकते, तो घर पर ही पढ़ाएं। ये बच्चा जीवित रहेगा, अगर वो डर के बिना रहे।
Ritu Patel
अप्रैल 16, 2025 AT 10:01हमारे देश में बच्चों को मारना बहुत आम बात है - अब तो ये शिक्षक भी अपने घर में बच्चों को मारता है, फिर स्कूल में क्यों नहीं? इस बच्चे को बचाने के लिए हमें सभी शिक्षकों को रिकॉर्ड करने का अधिकार देना चाहिए। और फिर जो भी गलत करे, उसे जेल भेज दें।
Deepak Singh
अप्रैल 17, 2025 AT 10:00इस घटना का वीडियो वायरल होना एक बड़ी बात है - लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये शिक्षक क्यों ऐसा कर रहा है? क्या उसे भी कोई बचपन में ऐसा हुआ था? क्या हम उसकी भी आत्मा को बचाने की कोशिश कर रहे हैं - या सिर्फ उसे दंडित करना चाहते हैं?
Rajesh Sahu
अप्रैल 18, 2025 AT 21:22ये बच्चा भारत का भविष्य है, और हम उसे इतना तोड़ रहे हैं। ये शिक्षक को फांसी चढ़ाना चाहिए - न कि जेल। ये देश अब इतना कमजोर हो गया है कि बच्चों के साथ ऐसा करने वालों को बचा लिया जा रहा है। भारत के नाम पर ये अपराध नहीं होना चाहिए।
Chandu p
अप्रैल 20, 2025 AT 20:58मैंने भी एक ऑटिस्टिक बच्चे के साथ काम किया है। उसकी मां ने मुझे बताया - 'उसकी आवाज़ नहीं है, लेकिन उसकी आंखें सब कुछ कहती हैं।' इस बच्चे की आंखों में जो डर था, वो मैं भूल नहीं सकता। इस बच्चे के लिए हमें एक नया दिन बनाना होगा।
Gopal Mishra
अप्रैल 20, 2025 AT 22:26इस घटना का निवारण केवल कानूनी कार्रवाई से नहीं होगा। हमें एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनानी होगी, जिसमें विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए एक अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम हो, जिसमें शिक्षकों की योग्यता की नियमित जांच हो, और जिसमें वीडियो सर्विलेंस का अनिवार्य उपयोग हो। यह एक न्याय का मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवीय आवश्यकता है।