पाकिस्तान को एस जयशंकर की दो टूक चेतावनी: आतंकवाद के खिलाफ 'डीप स्ट्राइक' की तैयारी

पाकिस्तान को एस जयशंकर की दो टूक चेतावनी: आतंकवाद के खिलाफ 'डीप स्ट्राइक' की तैयारी जून, 12 2025

एस जयशंकर की पाकिस्तान को खुली चेतावनी: आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने एक बार फिर सीमा पार आतंकवाद के खतरनाक चेहरे को दुनिया के सामने ला दिया। 26 लोगों की जान लेने वाले इस हमले के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर बेहद साफ शब्दों में अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब सिर्फ बातों से काम नहीं चलाएगा, जरूरत पड़ी तो 'डीप स्ट्राइक' यानी पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा।

जयशंकर ने इंटरव्यू में कहा, 'अगर आतंक के अड्डे पाकिस्तान के गहरे हिस्सों में भी हैं, तो हम वहां तक जाएंगे।' यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब पाकिस्तान लगातार आतंकियों को पनाह देने के आरोपों से घिरा है। एस जयशंकर ने ओसामा बिन लादेन का उदाहरण देते हुए पूछा—आखिर वो कई सालों तक पाकिस्तान की फौजी छावनी वाले शहर में इतना सुरक्षित कैसे रह सका?

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर हमला बोला है, लेकिन इस बार भाषा और तेवर बेहद कड़े थे। जयशंकर ने पाकिस्तान को 'टेररिस्तान' करार दिया और साफ किया कि वहां आतंकवाद को सरकारी नीति की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर और वैश्विक समर्थन

ऑपरेशन सिंदूर और वैश्विक समर्थन

पहलगाम अटैक के बाद भारत ने 7 मई को डीप स्ट्राइक की रणनीति अपनाई थी, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया। यह सीधा संदेश था कि अगर पाकिस्तान सीमा पार से आतंक के सपने देखता है तो उसे बारीकी से जवाब मिलेगा।

जयशंकर का कहना है कि पाकिस्तान जब तक आतंक का समर्थन करता रहेगा, भारत उसे मजबूती से जवाब देता रहेगा। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ भारत की नहीं है—आखिरकार आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है। जयशंकर की सीधी चेतावनी थी, 'जो आज हमें झेलना पड़ रहा है, वही कल आपको भी परेशान करेगा।'

उन्होंने चीन की भूमिका का भी जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे समय में चीन की अस्पष्ट नीति चिंता बढ़ाती है, क्योंकि उसकी पाकिस्तान से करीबी सबको मालूम है। एस जयशंकर ने मांग की कि चीन आतंकवाद पर अपना रुख साफ करे। इस बीच यूरोपीय यूनियन ने भारत के इस रुख का समर्थन किया है और परमाणु ब्लैकमेल को भी सिरे से खारिज किया है।

असल सवाल यही है—क्या पाकिस्तान अब अपनी नीति बदलेगा या फिर आतंकवाद को सरकारी हथियार बनाकर चलता रहेगा? फिलहाल भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है: आतंक के खिलाफ कार्रवाई होगी, वो चाहे सीमा के इस पार हो या उस पार।