प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीनगर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नए योगा अर्थव्यवस्था की बात की
जून, 22 2024श्रीनगर में प्रधानमंत्री मोदी का योग दिवस नेतृत्व
श्रीनगर, कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के महत्व और उसकी नई अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला। वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा योग को आधिकारिक रूप से मान्यता मिलने के बाद से योग ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। मोदीजी ने अपने संबोधन में बताया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और स्वास्थ्य का भी मार्ग है। योग ने विश्वभर में अपनी नई अर्थव्यवस्था बनाई है, जिसे 'योगा अर्थव्यवस्था' के रूप में जाना जाता है।
योगा अर्थव्यवस्था का उदय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बताया कि योगा अर्थव्यवस्था कितनी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि विश्वभर के टूरिस्ट भारत की यात्रा केवल योग सीखने और उसका अनुभव प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं। विशेष रूप से ऋषिकेश, काशी और केरल जैसे स्थान योग के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं जहां विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में भ्रमण करते हैं। इससे न केवल भारतीय पर्यटन उद्योग को बल्कि स्थानीय व्यापार और सेवाओं को भी मजबूती मिली है।
जम्मू-कश्मीर में योग पर्यटन की संभावनाएं
मॉडर्न समय में योग अपने परंपरागत रूप से जनता के दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है। मोदी जी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में योग पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि इस बार के योग दिवस में 50-60 हजार लोगों ने जम्मू और कश्मीर में भाग लिया जो एक बड़ा उदाहरण है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण योग अभ्यास के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है।
केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन
बारिश के कारण इवेंट को इनडोर शिफ्ट करना पड़ा, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे समूह के साथ योगासन किए। उन्होंने स्थानीय और विदेशी लोगों के बीच योग की बढ़ती अहमियत पर गौर किया। मोदी जी ने इस मौके पर योग की विस्तारित शिक्षा और इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज योग केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर सम्मान और स्वीकार्यता मिली है। कई देशों के नेता योग के लाभों की चर्चा करते हैं और इसे अपने देशों में लागू करने पर जोर देते हैं।
योग का वैश्विक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि योग ने वैश्विक स्तर पर अपनी नई पहचान बनाई है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का इसमें शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि योग एक महत्वपूर्ण विधा है जो समाज के हर वर्ग के लिए उपयोगी है। विश्वभर में योग दिवस के आयोजन से यह सिद्ध होता है कि योग को लेकर लोगों का उत्साह और इसमें भाग लेने की इच्छा कितनी अधिक है।