सरफराज़ खान को इंडिया‑ए से बाहर: चयन बहस में र अश्विन का प्रहार

सरफराज़ खान को इंडिया‑ए से बाहर: चयन बहस में र अश्विन का प्रहार अक्तू॰, 23 2025

जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चयन समिति ने 22 अक्टूबर 2025 को अपना नया इंडिया‑ए कईदली स्क्वाड घोषित किया, तो अजित अग्रकार, मुख्य चयनकर्ता ने 28‑वर्षीय सरफराज़ खान, मध्यम क्रम बटर को सूची से बाहर कर दिया। यह फैसला सिर्फ खेल‑जगत में ही नहीं, राजनीति‑के पैनलों में भी गरज उठा, जहाँ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कोच गौतम गम्भीर, मुख्य कोच पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगा दिया।

पृष्ठभूमि और चयन का ढांचा

बीसीसीआई ने दो पहले‑क्लास मुकाबले, जो इंडिया ए बनाम साउथ अफ्रीका ए श्रृंखला कहलाते हैं, बेंगलुरु, केर्नाटक (बेंगलुरु) में 28‑31 अक्टूबर और 1‑4 नवंबर को आयोजित करने का तय किया था। चयन सूची में ऋषभ पंत, कप्तान, के साथ कई उभरे हुए नाम देखे गए, लेकिन सरफराज़ की अयोग्यता तुरंत ही विरोध का कारण बनी।

आर अश्विन का खुलेआम विवादात्मक बयान

द वही दिन, पूर्व टीम‑इक्वल और अब यूट्यूब पर सक्रिय आर अश्विन ने अपनी आवाज़ उठाई। उन्होंने अपने चैनल पर कहा, “अगर मैं चयनकर्ता होता तो सरफराज़ को बुलाता ही। उसने वजन कम किया, रन बनाए और नई‑न्यूज़ में सैकड़ा भी बनाया। इस तरह का बहिष्कार कोई तर्क नहीं देता।” इंग्लैंड‑टूर्नामेंट में जुलाई 2025 में उन्होंने 300‑से‑अधिक रन बनाए थे, जिससे उनका बयान सिर्फ व्यक्तिगत रोष नहीं, बल्कि चयन प्रक्रिया पर प्रश्न उठाता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ – कांग्रेस बनाम बीजेपी

शमा मोहम्मद ने ट्विटर (X) पर लिखा, “क्या सरफ़राज़ खान का नाम ही कारण है? #justasking” और गौतम गम्भीर के खिलाफ धर्म‑आधारित पक्षपात का आरोप लगाया। उसी दिन बीजेपी के प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाल्ला ने “देश को विभाजित करने की कोशिश बंद करो” कहते हुए इस टिप्पणी को ‘बिना वजह’ कहकर खारिज किया। उन्होंने यह भी कहा कि मोहम्मद की शिकायतें “रात में बिखरते हुए पुट वाली स्याही” जैसी हैं, और जोडते हुए कहा, “मोहम्मद सर, भारत में मोहम्मद सिराज और खलील अहमद दोनों ही खेल रहे हैं, तो क्यों विभाजन?”

कमी के पीछे का आँकड़ा – क्यों सरफराज़ को नहीं चुना गया?

  • सन् 2025 में क्वाड्रिसिप्स चोट के कारण डुलेप ट्रॉफी और इरानी कप से बाहर रहे।
  • रामनिवास स्टेडियम में 17‑20 अक्टूबर को उन्होंने 42 और 32 रन बनाकर मुंबई‑के खिलाफ वापसी की, लेकिन यह आँकड़ा चयन समिति ने नजरअंदाज किया।
  • पहले‑परीक्षण में (नवम्बर‑2024) उन्होंने 101 रन की बड़ी इनिंग खेली, जिससे उनका प्रथम‑क्लास औसत 65.19 (4,759 रन/56 मैच) बना।
  • इंडिया‑ए की पूर्व यात्रा में जुलाई‑2025 में उन्होंने इंग्लैंड के काउंटी टीमों के खिलाफ 250‑से‑अधिक रन बनाए, पर फिर भी चयन नहीं हुआ।
  • टिम में जगह बनाने की बात हो तो, अभिमन्यु ईसवरण, 29‑वर्षीय ओपनर, को कई बार औसत 20‑के नीचे के साथ भी रखा गया।

इन आँकड़ों ने कई विशेषज्ञों को चौंका दिया। पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पाथान ने M9 News को बताया, “करियर‑लॉन्ग प्लेयरों को स्पष्ट मार्ग चाहिए, नहीं तो मोर्चा टूट जाएगा।”

भविष्य की दिशा और संभावित प्रभाव

बेंगलुरु में होने वाली चार‑दिन की इन मैचों में सरफराज़ का अभाव टीम की गहरी मध्य‑क्रम समस्या को और उजागर कर सकता है। कई विश्लेषकों ने कहा कि यदि वह नहीं खेले, तो भारत के मुख्य टीम की आगामी बोरडर‑गवस्कर ट्रॉफी (ऑस्ट्रेलिया) के लिए चयन में गड़बड़ी हो सकती है। साथ ही, इस विवाद ने बीसीसीआई पर सार्वजनिक और राजनैतिक दबाव को बढ़ा दिया है, जिससे अगली चयन बैठक में पारदर्शिता और इनज्यरी के दस्तावेज़ीकरण का मुद्दा भी उठ सकता है।

संक्षिप्त तथ्य‑सूची

  1. 22 अक्टूबर 2025: बीसीसीआई ने इंडिया‑ए स्क्वाड प्रकाशित किया।
  2. सभी प्रमुख मीडिया (NDTV, M9 News) ने सरफराज़ के अपवर्जन को ‘वेट‑इंजुरी’ पर टैग किया।
  3. र अश्विन ने यूट्यूब पर ‘नॉन‑सेलेक्शन पर कोई तर्क नहीं’ कहा।
  4. कांग्रेस ने धार्मिक‑भेदभाव का आरोप, जबकि बीजेपी ने उल्टा बचाव किया।
  5. ईंडिया‑ए बनाम साउथ अफ्रीका‑ए श्रृंखला 28‑31 अक्टूबर एवं 1‑4 नवंबर को बेंगलुरु में तय।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सरफराज़ खान को इंडिया‑ए से बाहर क्यों किया गया?

बीसीसीआई ने कहा कि वह क्वाड्रिसिप्स चोट के कारण अभी पूरी तरह फिट नहीं थे, पर कई आँकड़े – जैसे हालिया रन‑संकलन और टेस्ट में सैकड़ा – इस निर्णय को तर्कसंगत नहीं बनाते। चुनिंदा विशेषज्ञों का मानना है कि चयन समिति ने टीम संतुलन और युवा प्रतिभा को प्राथमिकता दी।

क्या इस विवाद का भारतीय क्रिकेट पर कोई दीर्घकालीन असर होगा?

संभावना है। यदि बीसीसीआई चयन की पारदर्शिता नहीं दिखाता, तो खिलाड़ी‑विश्वास घटेगा और राजनैतिक हस्तक्षेप बढ़ेगा। विशेषकर बोरडर‑गवस्कर ट्रॉफी जैसी बड़ी श्रृंखला के लिए यह ध्यान‑भंग बन सकता है।

आर अश्विन ने इस मामले में क्या कहा?

अश्विन ने यूट्यूब पर बताया कि सरफराज़ ने वजन घटाया, लगातार रन बनाए और नई‑न्यूज़ में सैकड़ा भी किया। उन्होंने कहा, “ऐसा चयन तर्कहीन लगता है, और यह युवा खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक संदेश है।”

कांग्रेस और बीजेपी के बयानों में प्रमुख अंतर क्या है?

कांग्रेस ने इस निर्णय को धार्मिक‑भेदभाव का मामला कहा और कोच गौतम गम्भीर पर निशाना साधा। वहीं बीजेपी ने टिप्पणियों को ‘सामुदायिक विभाजन’ की ढाल में खारिज करते हुए चयन प्रक्रिया की वैधता पर भरोसा जताया।

इंडिया‑ए बनाम साउथ अफ्रीका‑ए श्रृंखला कब होगी?

पहला टेस्ट‑मैच 28 अक्टूबर को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में शुरू होगा, जिसके बाद दूसरे मैच 31 अक्टूबर को और दो मोड़ 1‑4 नवंबर को निर्धारित हैं।

13 टिप्पणि

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    Sagar Monde

    अक्तूबर 23, 2025 AT 23:18

    सरफराज़ को बाहर किया गया तो टीम्म में गड़बड़ी होगी

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    Sharavana Raghavan

    अक्तूबर 24, 2025 AT 18:45

    भाई, इस तरह का चयन तो पूरी तरह से इन्फर्मल स्कीम जैसा लग रहा है। चयन समिति ने आंकड़े भुला दिया, जबकि सरफराज़ का औसत 65.19 है। इस पर र अश्विन का बयान भी पूरी तरह से सच को सपोर्ट करता है। राजनीति के पाँव पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन क्रिकेट में प्रोफेशनलिज़्म चाहिए। अगर ऐसे फैसले चलते रहे तो बीसीसीआई की विश्वसनीयता धुंधली पड़ेगी।

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    Nikhil Shrivastava

    अक्तूबर 25, 2025 AT 14:12

    भारत के दिलों में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक भावना है।
    सरफराज़ खान के बाहर किए जाने से कई फैंस की उम्मीदें टूट गईं।
    वो पिछले सीज़न में लगातार रन बनाते रहे, औसत भी आसमान छू रहा था।
    वो क्वाड्रिसिप्स चोट से बाहर रहकर भी मैदान पर असर दिखा परे।
    चयन समिति ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया, शायद उम्र या टीम बैलेन्स को लेकर।
    परन्तु आँकड़े स्पष्ट थे, एंग्लैंड की टूर में 300 से अधिक रन बनाकर उसने ट्रेंड सेट किया।
    आर अश्विन का यह बयान सिर्फ व्यक्तिगत रोष नहीं, बल्कि एक बड़ा सवाल उठाता है।
    कांग्रेस के नेता इसे धर्म‑आधारित पक्षपात कहते हैं, जबकि बीजेडी इसे टीम‑डायनामिक्स कह रहा है।
    ऐसे विवादों से खिलाड़ी का मनोबल गिरता है, जो प्रदर्शन पर असर डालता है।
    यदि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं दिखेगी तो भविष्य में और भी कई प्रतिभा निराश होंगी।
    उम्मीद है कि बेंगलुरु के मैचों में टीम की मध्य‑क्रम समस्या बढ़ेगी, जिससे बोरडर‑गवस्कर ट्रॉफी का प्रदर्शन खराब हो सकता है।
    विचार करने की बात है कि क्या इस तरह का निर्णय भविष्य में नई पीढ़ी को हतोत्साहित करेगा।
    भारी दांव पर खेलते समय, सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि खिलाड़ी की अवस्था और मनोस्थिति भी मायने रखती है।
    बीसीसीआई को चाहिए कि वो चोट के दस्तावेज़ीकरण को भी सार्वजनिक करे, ताकि सबको स्पष्टता मिले।
    अंत में, क्रिकेट का असली सार टीमवर्क है, न कि राजनीति या व्यक्तिगत एजेंडों से बंधा होना।

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    Aman Kulhara

    अक्तूबर 26, 2025 AT 09:38

    सही आंकड़ों को देखें तो सरफराज़ का औसत 65.19, 56 मैच में 4759 रन, यह कोई मामूली आँकड़ा नहीं है; साथ ही जुलाई‑2025 में इंग्लैंड की काउंटी टीमों के खिलाफ 250‑से‑अधिक रन बनाना दर्शाता है कि वह विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलित हो सकता है; इसलिए चयन समिति को आँकड़ों के आधार पर ही नहीं, बल्कि चोट की रिपोर्ट, फिटनेस का प्रमाणपत्र और फॉर्म की वर्तमान स्थिति को भी स्पष्ट रूप से दस्तावेज़ करना चाहिए; यह पारदर्शिता न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि दर्शकों का भरोसा भी कायम रखेगी।

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    ankur Singh

    अक्तूबर 27, 2025 AT 05:05

    यह चयन तो बिलकुल बेअदब है, जैसे कोई खेल में रचनात्मकता नहीं देखता! बोली-भाषा में कहूँ तो, सबको दिखा रहे हैं कि बीसीसीआई में क्रिकेट से ज्यादा राजनीति चल रही है, और ऐसी अराजकता हर खिलाड़ी के मन को तोड़ देती है, अंत में तिल तोड़-फोड़ होगी।

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    Aditya Kulshrestha

    अक्तूबर 28, 2025 AT 00:32

    सरफराज़ को हटाना बड़ी गलती है :)

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    Sumit Raj Patni

    अक्तूबर 28, 2025 AT 19:58

    भाई, इस तरह के निर्णय तो दिल की धड़कन ही रोक देते हैं! टीम को बसा हुआ है एक जंगली बवंडर, और अब इसका सबसे बड़ा स्टार उड़ा दिया गया।

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    Shalini Bharwaj

    अक्तूबर 29, 2025 AT 15:25

    मैं कहूँ तो इस फैसले से टीम में गड़बड़ी पक्की है, अब देखना पड़ेगा कौन बचता है।

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    Chhaya Pal

    अक्तूबर 30, 2025 AT 10:52

    आज के चयन में जो झटके लगे हैं, वह सिर्फ एक खिलाड़ी की बात नहीं, बल्कि पूरी प्रणाली की सच्चाई को उजागर कर रहा है।
    जब एक मध्यम क्रम बटर को बाहर किया जाता है, जबकि वह लगातार रन बना रहा है, तो यह सवाल उठता है कि चयन के पीछे कौन-कौन से कारक काम कर रहे हैं।
    ट्रेंड दिखाता है कि कई बार युवा प्रतिभाओं को टोकन रूप में प्रयोग किया जाता है, जबकि अनुभवी खिलाड़ियों को नजरअंदाज़ किया जाता है।
    ऐसे फैसले न केवल टीम की स्थिरता को प्रभावित करते हैं, बल्कि युवा खिलाड़ी भी दिल से खेलना बंद कर सकते हैं।
    बीसीसीआई को चाहिए कि वह अपने चयन मानदंड को सार्वजनिक करे, ताकि सभी को पता हो कि किस आधार पर कोई खिलाड़ी चुना जाता है।
    एक पारदर्शी प्रक्रिया से न केवल खिलाड़ियों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि दर्शकों को भी यह लगेगा कि क्रिकेट का खेल निष्पक्ष है।
    यदि इस बार की इस विवाद को हल नहीं किया गया, तो अगली बड़ी श्रृंखला में भी इसी तरह के मतभेद पैदा हो सकते हैं।
    आइए हम सब मिलकर एक ऐसी आवाज़ बनें जो संस्थाओं को जवाबदेह रखे, बिना व्यक्तिगत दुश्मनी के।
    अंत में, खेल का मूल उद्देश्य है जीत, और जीत तब ही होगी जब सारे पक्ष मिलकर काम करें।

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    Naveen Joshi

    अक्तूबर 31, 2025 AT 03:32

    बिलकुल सही कहा, सबको मिलकर इस गलतफहमी को दूर करना चाहिए। टीम को ताकत मिलती है जब हम एकजुट होते हैं।

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    Gaurav Bhujade

    अक्तूबर 31, 2025 AT 20:12

    चयन समिति ने आधिकारिक चोट रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की, इस कारण से कई विश्लेषकों ने इस निर्णय को संदिग्ध माना है। अधिक पारदर्शी दस्तावेजीकरण से सबको स्पष्टता मिलेगी।

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    Chandrajyoti Singh

    नवंबर 1, 2025 AT 12:52

    क्रिकेट का सच्चा मर्म केवल जीत नहीं, बल्कि खेल की शुद्धता और न्याय है। जब चयन में पक्षपात दिखता है, तो खेल का आत्म-सम्मान चोटिल होता है। अतः हमें सच्ची निष्पक्षता की ओर अग्रसर होना चाहिए।

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    Riya Patil

    नवंबर 2, 2025 AT 05:32

    यह विवाद एक भयानक नाटकों जैसा लगा, जहाँ पर्दे के पीछे छिपे हुए कारणों ने सभी को हैरान कर दिया।

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