सेबी ने निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता के लिए सात उपायों का प्रस्ताव किया, एफ एंड ओ गतिविधि में वृद्धि के बीच

सेबी ने निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता के लिए सात उपायों का प्रस्ताव किया, एफ एंड ओ गतिविधि में वृद्धि के बीच जुल॰, 31 2024

सेबी के सात प्रस्तावित उपाय: निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता को मजबूत करने के उद्देश्य से सात महत्वपूर्ण उपायों का प्रस्ताव दिया है। ये कदम वायदा और विकल्प (F&O) सेगमेंट में बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर उठाए गए हैं। SEBI का इरादा है कि ये उपाय हाई वॉल्यूम और वोलैटिलिटी के जोखिम को कम करने में सहायक सिद्ध हों।

नए मार्जिनिंग फ्रेमवर्क की शुरुआत

SEBI ने प्रस्तावित किया है कि एक नया मार्जिनिंग फ्रेमवर्क लागू किया जाए, जो बाजार सहभागियों के लिए अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान कर सके। नए फ्रेमवर्क के तहत, मार्जिन की गणना और रखरखाव की प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा ताकि निवेशकों को एक्सपोज़र के संदर्भ में बेहतर सुरक्षा मिल सके। यह कदम निवेशकों को अनावश्यक जोखिमों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एफ एंड ओ ट्रेडिंग के लिए सख्त पात्रता मानदंड

पात्रता मानदंडों में सख्ती करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वे स्टॉक्स एफ एंड ओ ट्रेडिंग के लिए योग्य हों जो उपयुक्त लिक्विडिटी और स्थिरता प्रदान कर सकते हैं। इससे बाजार में आसपास के शोर और स्पेकुलेशन में कमी आने की उम्मीद है, जिससे निवेशक अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित माहौल में व्यापार कर सकेंगे।

मांग की गई विस्तारित खुलासे की आवश्यकताएँ

SEBI ने बाजार सहभागियों के लिए विस्तारित खुलासे की आवश्यकताएँ भी प्रस्तावित की हैं। इसका मुख्य उद्देश्य बाजार में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाना है। इन उपायों के तहत, कंपनियों और बाजार सहभागियों को अधिक डेटा और जानकारी साझा करने की आवश्यकता होगी, जिससे बाजार की सटीकता और विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होगी।

जोखिम प्रबंधन प्रथाओं में सुधार

एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव जोखिम प्रबंधन प्रथाओं में सुधार लाना है। SEBI का मानना है कि बेहतर जोखिम प्रबंधन उपायों के माध्यम से बाजार में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है। इसके तहत, बाजार सहभागियों को जोखिम प्रबंधन के बेहतर उपायों को अपनाने और उन्हें प्रभावी रूप से लागू करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

निवेशक शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना

SEBI ने निवेशक शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी सुझाव दिए हैं। निवेशकों को एफ एंड ओ सेगमेंट के जोखिमों और लाभों के बारे में जानकारी देने के लिए व्यापक शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव है। इससे निवेशक अपने निवेश के बारे में बेहतर समझ विकसित कर सकेंगे और सूचित फैसले ले सकेंगे।

रेगुलेटरी ओवरसाइट को मजबूत बनाना

मार्गदर्शन और निगरानी को मजबूत करने के लिए SEBI ने रेगुलेटरी ओवरसाइट में सुधार का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी नियमों का पालन सख्ती से किया जाए और किसी भी प्रकार की अनियमितताओं पर तुरंत कार्यवाही की जाए। इससे बाजार की पारदर्शिता और सुरक्षा में और वृद्धि होगी।

जिम्मेदारी और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित

SEBI के इन प्रस्तावित उपायों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एफ एंड ओ बाजार का विकास सतत और जिम्मेदार तरीके से हो। इससे सिस्टमिक जोखिम को कम किया जा सके और बाजार की स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके। SEBI ने इन प्रस्तावों पर स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक भी मांगा है ताकि अंतिम निर्णय के पहले सभी पक्षों की राय और सुझावों को सम्मिलित किया जा सके।