शुक्रवार को शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले 10 प्रमुख कारक

शुक्रवार को शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले 10 प्रमुख कारक नव॰, 29 2024

शुक्रवार के शेयर बाजार के लिए 10 मुख्य कारक

शेयर बाजार की हलचल को निर्धारित करने वाले कारकों की सूची वस्तुतः किसी भी निवेशक के लिए आवश्यक होती है। आगामी शुक्रवार, 29 नवंबर, 2024 को शेयर बाजार में देखे जाने वाली गतिविधियों को प्रभावित करने वाले कई प्रमुख तत्व हैं। इन तत्वों पर ध्यान केंद्रित करके निवेशक अपने निर्णय को और मजबूत बना सकते हैं।

वैश्विक संकेत

शेयर बाजार में दुनिया भर के बाजारों से संकेत मिलते हैं। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.14% की वृद्धि देखी गई, जबकि एस एंड पी 500 लगभग सपाट बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में मिश्रित संकेत देखने को मिले हैं जो घरेलू निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं।

अमेरिकी आर्थिक आंकड़े

अमेरिकी आर्थिक आंकड़े इस बात का संकेत दे सकते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कौन से दिशा में जा रही है। अक्टूबर में 1.4% की वृद्धि के साथ टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर में वृद्धि देखी गई। हालांकि, बेरोजगारी दावों में वृद्धि ने श्रम बाजार में कमी का संकेत दिया है।

निफ्टी तकनीकी विश्लेषण

निफ्टी का रुझान संक्षिप्त रूप में नकारात्मक है और इसे 23,800 के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। निवेशकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि इंडेक्स अगर इस स्तर को पारकर जाता है तो यह एक सकारात्मक प्रवृत्ति का संकेत हो सकता है।

एफआईआई और डीआईआई गतिविधि

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 1,431.22 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,189.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह गतिविधियां बाजार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

रुपया गति

विदेशी बैंकों और डॉलर की बोलियों की वजह से रुपया अपने नए निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह मुद्रा बाजार में निवेशकों के लिए चिंता का कारण हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो आयात-निर्यात कार्य में शामिल हैं।

तेल की कीमतें

अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में वृद्धि के चलते तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई। इसके कारण घरेलू पेट्रोलियम और गैस फंड्स में निवेश पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है।

देखने योग्य स्टॉक्स

कुछ स्टॉक्स पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होगी। Zee Entertainment, Honasa Consumer और Federal Bank जैसे स्टॉक्स 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। ऐसे स्टॉक्स निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।

एनटीपीसी ग्रीन आईपीओ

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ के मूल्य के विषय में चर्चा हो रही है। यह आईपीओ 10,000 करोड़ रुपये का है और निवेशक इसे अपने पोर्टफोलियो में जोड़ने पर विचार कर सकते हैं। यह निश्चित ही बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकता है।

सेक्टोरल प्रदर्शन

आईटी क्षेत्र पर दबाव रहा जबकि बैंकिंग क्षेत्र में खरीदारी का रुझान देखने को मिला। ये संकेत बाजार के भाव में बदलाव ला सकते हैं और निवेशकों को उनके क्षेत्रीय निवेशों पर पुनर्विचार करने को बाध्य कर सकते हैं।

कॉर्पोरेट आय

बड़ा बिजनेस करते हुए प्रमुख कंपनियां जैसे कि Infosys, Axis Bank और Wipro अपने त्रैमासिक परिणाम घोषित करने वाली हैं। यह निवेशकों के लिए सबक हो सकता है कि वे अपने निवेश पर ध्यान कैसे दें।

इन सभी कारकों की गहन समझ निवेशकों को बाजार की चिंताओं से राहत दिलाती है। पुणीत छटवाल के नेतृत्व में इंडियन होटल कंपनी के बढ़ने के योजनाओं का भी इन सभी कारकों पर प्रभाव पड़ सकता है। एफआईआई द्वारा भारतीय मुख्य बाजार में रिकॉर्ड संख्या में खरीदारी का उल्लेख महत्वपूर्ण है, जबकि सरकार चार पीएसयू बैंकों में अल्प स्टेक बिक्री पर विचार कर रही है।

19 टिप्पणि

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    utkarsh shukla

    नवंबर 30, 2024 AT 11:45

    भाई ये सब तो बहुत अच्छा है पर असली बात तो ये है कि बाजार किसी के नक्शे पर नहीं चलता, बल्कि भावनाओं पर चलता है। जब तक लोगों का दिमाग डर से भरा रहेगा, तब तक कोई टेक्निकल एनालिसिस काम नहीं करेगा। अब बस इंतजार है कि कौन टूटेगा - बाजार या लोगों का विश्वास।

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    Amit Kashyap

    नवंबर 30, 2024 AT 18:55

    फिर से फोरेन इन्वेस्टर्स का जिक्र? भारत के अंदर ही इतना पैसा है कि हमें बाहर के लोगों की चिंता करने की जरूरत नहीं। डीआईआई ने खरीदा तो बस बढ़िया, एफआईआई चले जाएं तो क्या हुआ? हमारा बाजार हमारा है।

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    mala Syari

    दिसंबर 2, 2024 AT 17:02

    ये सारे आंकड़े तो बहुत बढ़िया हैं… लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब किसके लिए है? जिनके पास निवेश करने के लिए 10 लाख हैं। हम जैसे लोगों के लिए तो ये सब बस एक बातचीत है - जिसमें कोई जीत नहीं, कोई हार नहीं।

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    Kishore Pandey

    दिसंबर 4, 2024 AT 13:39

    सभी विश्लेषण तथ्यात्मक रूप से अपर्याप्त हैं। निफ्टी के 23,800 के स्तर को पार करने की संभावना केवल 37% है, जो आंकड़ों के आधार पर गणना की गई है। एफआईआई की बिक्री का आकार डीआईआई की खरीद से 20% अधिक है - यह एक स्पष्ट निशान है कि विदेशी पूंजी अभी भी अस्थिर है।

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    Kamal Gulati

    दिसंबर 6, 2024 AT 00:03

    सच तो ये है कि बाजार कोई जीव है। वो तुम्हारी चिंताओं को सूंघ लेता है। जब तुम डरते हो, वो तुम्हें खाने लगता है। जब तुम भूल जाते हो कि ये सब बस नंबर हैं, तो वो तुम्हें बरसात जैसे पैसा देने लगता है। जिंदगी भी ऐसी ही है - जितना ज्यादा बोलोगे, उतना कम समझेगा।

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    Atanu Pan

    दिसंबर 6, 2024 AT 22:41

    मैं तो बस रुपया और तेल की कीमत पर नजर रखता हूँ। बाकी सब बस धुंध है।

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    Pankaj Sarin

    दिसंबर 7, 2024 AT 12:18

    निफ्टी 23800 पर टकरा रहा है? ये तो पुरानी बात है। अब तो बाजार ट्रेडिंग के बजाय टिकटॉक वीडियोज़ पर चल रहा है। जिसका रील ज्यादा वायरल हुआ, उसका स्टॉक ऊपर गया। आईपीओ नहीं, ट्रेंड है अब की बात।

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    Mahesh Chavda

    दिसंबर 7, 2024 AT 19:58

    आप सब ये बता रहे हैं कि एफआईआई बेच रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि शायद वो सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि आपके लिए भी बेच रहा है? जब तक आप नहीं खरीदेंगे, तब तक वो नहीं बेचेगा। ये बाजार एक खेल है, न कि एक अध्ययन।

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    Sakshi Mishra

    दिसंबर 8, 2024 AT 01:05

    क्या हम वास्तव में यह मानते हैं कि बाजार कोई तार्किक इकाई है? या क्या यह एक अनंत चक्र है - जहां हर निवेशक अपने भय को दूसरों के आशा के रूप में प्रकट करता है? जब हम आंकड़ों को तथ्य मानते हैं, तो हम अपनी मानसिकता को भूल जाते हैं।

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    Radhakrishna Buddha

    दिसंबर 8, 2024 AT 15:59

    अरे भाई, ये सब तो बहुत बढ़िया है, पर अगर तुमने आज निफ्टी के 23,800 के पार होने पर 1000 रुपये लगाए होते, तो अब तुम्हारा बैलेंस 12,000 होता। बाजार कभी नहीं रुकता, बस तुम रुक जाते हो।

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    Govind Ghilothia

    दिसंबर 9, 2024 AT 12:07

    भारतीय बाजार का इतिहास अत्यंत समृद्ध है। वैश्विक आर्थिक चक्र के साथ इसकी गहरी गतिशीलता का अध्ययन करना आवश्यक है। एफआईआई की गतिविधियों का विश्लेषण केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक स्वाभिमान के संदर्भ में भी किया जाना चाहिए।

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    Sukanta Baidya

    दिसंबर 10, 2024 AT 20:39

    ये सब तो बहुत ज्यादा फॉर्मल है। असल में बाजार तो तीन चीजों पर चलता है: एक, बाहर के लोगों का डर; दो, अंदर के लोगों की उम्मीद; तीन, मेरी चाय की गर्मी। जब चाय ठंडी हो जाती है, तो बाजार गिर जाता है।

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    Adrija Mohakul

    दिसंबर 10, 2024 AT 22:36

    मैंने देखा है कि जब एफआईआई बेचते हैं, तो डीआईआई ज्यादा खरीदते हैं - ये एक अच्छा संकेत है। लेकिन अगर आप निफ्टी के चार्ट को देखें, तो ये अभी एक बहुत छोटा रैली है। अगर आप लंबे समय तक रहना चाहते हैं, तो बस एक अच्छा फंड चुन लीजिए और भूल जाइए।

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    Dhananjay Khodankar

    दिसंबर 11, 2024 AT 16:41

    मैं तो बस इतना कहूंगा - बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपका जीवन सुखद है, तो बाजार की गिरावट भी आपको नहीं छू पाएगी। अगर आपका जीवन तनाव से भरा है, तो बाजार ऊपर भी जाएगा तो आपको बेहतर नहीं लगेगा।

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    shyam majji

    दिसंबर 12, 2024 AT 05:06

    मुझे लगता है ये सब बहुत जटिल है। बस एक चीज़ समझ लो - जब तेल की कीमत गिरती है, तो गाड़ी चलाने में बचत होती है। बाकी सब बस बातें हैं।

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    shruti raj

    दिसंबर 12, 2024 AT 11:04

    ये सब तो बस धोखा है। एफआईआई जो बेच रहा है, वो असल में सरकार के साथ साजिश में है। वो चाहते हैं कि हम डर जाएं और शेयर बेच दें। फिर वो नीचे से खरीद लेंगे। ये एक बड़ा अपराध है। और जो लोग इसे समझते हैं, वो जेल में डाल दिए जाते हैं।

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    Khagesh Kumar

    दिसंबर 13, 2024 AT 12:01

    अगर आप निवेश कर रहे हैं, तो बस एक अच्छा इंडेक्स फंड खरीद लीजिए। बाकी सब बस वक्त बर्बाद करना है। मैंने 5 साल पहले एक फंड में 50,000 लगाए थे - अब वो 1.8 लाख है। कोई एनालिसिस नहीं, कोई चार्ट नहीं। बस धैर्य।

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    Ritu Patel

    दिसंबर 15, 2024 AT 01:02

    ये सब तो बस एक बड़ा बहाना है। असल में बाजार तो उसी के हाथ में है जिसके पास ज्यादा पैसा है। और जो लोग इन आंकड़ों को समझाते हैं, वो खुद बाजार में नहीं होते - वो बस टीवी पर बैठे होते हैं।

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    Deepak Singh

    दिसंबर 16, 2024 AT 08:09

    आप सभी भूल रहे हैं कि एनटीपीसी ग्रीन आईपीओ केवल एक आईपीओ नहीं है - यह भारत की ऊर्जा नीति का एक अंग है। यदि इसका सफलतापूर्वक आयोजन हुआ, तो यह देश के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसलिए, यह एक निवेश नहीं, बल्कि एक दायित्व है।

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