इलेक्ट्रिक वाहन – क्या नया है भारत में?
अगर आप इलेक्ट्रिक कार या बाइक के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम रोज़ की ताज़ा ख़बरों, नई लॉन्च और कीमतों को आसान भाषा में समझाते हैं। आपको बस पढ़ना है और अगले कदम का फैसला करना आसान हो जाएगा।
नई मॉडल्स और उनकी कीमतें
पिछले महीनों में कई बड़ी कंपनियों ने भारत के बाजार में इलेक्ट्रिक कारें लांच की हैं। टाटा ने Nexon EV को अपडेट कर नई बैटरी पैक के साथ पेश किया, जिससे रेंज 350 किमी तक बढ़ गई और कीमत लगभग ₹13 लाख रखी। महिंद्रा की eKUV100 भी अब 30% कम प्राइस पर उपलब्ध है, यानी खरीदारों को थोड़ा बचत मिलेगी।
स्मार्टफ़ोन्स के शौकीन लोग शायद नहीं सोचें, लेकिन बैटरी तकनीक में प्रगति इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत घटाने का मुख्य कारण है। Qualcomm Snapdragon 7 Gen 4 जैसी नई चिप्स फ़ोन में इस्तेमाल होती हैं और अब गाड़ियों में भी इंटेलिजेंट पावर मैनेजमेंट के लिए उपयोग हो रही हैं, जिससे ड्राइविंग रेंज बेहतर बनती है।
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकारी पहल
इलेक्ट्रिक कारें तभी लोकप्रिय होंगी जब चार्जिंग आसान हो। सरकार ने 2025 तक 1 लाख सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। कई राज्य अब फ़्री या कम कीमत पर फास्ट‑चार्जर प्रदान कर रहे हैं, जिससे 30 मिनट में 80% बैटरी भरना संभव है।
नए फास्टर चार्जर्स के साथ 90W तक की पावर सपोर्ट मिल रही है, जैसे कि Vivo V60 5G फ़ोन में मिली थी। यही तकनीक अब इलेक्ट्रिक कारों में भी लागू हो रही है, जिससे ड्राइवर को लंबी दूरी पर रुकना नहीं पड़ता।
यदि आप अपना पहला EV खरीदने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले अपने दैनिक रूट को देखें। अगर रोज़ाना 40‑50 किमी चलाते हैं तो 150‑200 किमी रेंज वाली कार काफी होगी और आप घर या ऑफिस के पास मौजूद चार्जर से आसानी से बैटरी भर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक वाणिज्य में अब सिर्फ बड़ी ब्रांड नहीं, छोटे स्टार्टअप भी प्रवेश कर रहे हैं। उनका मॉडल अक्सर सिंगल‑सेटर मोटर वाले दोपहिया और स्कूटर होते हैं, जिनकी कीमत 60,000 रुपये से शुरू होती है। इनका रख‑रखाव कम होता है और टॉप स्पीड लगभग 80 किमी/घंटा रहती है, जो शहर में कामचलाऊ है।
भविष्य की बात करें तो बैटरी रीसाइक्लिंग पर भी जोर बढ़ रहा है। कई कंपनियां उपयोगी बैटरियों को पुनः प्रयोग करने के लिए रिसाइकल प्लांट खोल रही हैं, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा और कीमतों में स्थिरता आएगी।
संक्षेप में, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन अब सिर्फ़ एक ट्रेंड नहीं बल्कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं। नई मॉडल्स, सस्ती चार्जिंग और सरकारी समर्थन मिलकर इस बदलाव को तेज कर रहे हैं। आप भी इन खबरों को फॉलो करके सही समय पर सही गाड़ी चुन सकते हैं।