नैस्डैक: भारतियों के लिये आसान समझ

अगर आप शेयर मार्केट की बात सुनते हो तो अक्सर Nasdaq नाम आता है। ये एक अमेरिकी बोर्‍स है जहाँ बहुत सारी टेक कंपनी के शेयर ट्रेड होते हैं। यहाँ पर Apple, Amazon, Microsoft जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। भारत में भी लोग Nasdaq को अपने पोर्टफोलियो में रखना पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ की कंपनियों का ग्रोथ पोटेंशियल हाई रहता है।

Nasdaq शब्द दो शब्दों से बना है – National Association of Securities Dealers Automated Quotations. इस बोर्‍स का मुख्य काम इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म देना है, यानी सारे लेन‑देने कंप्यूटर के ज़रिये होते हैं, काउंटर पर नहीं। इससे तेज़ी आती है और कम गलती होती है।

नैस्डैक की मुख्य विशेषताएं

सबसे बड़ी बात यह है कि Nasdaq में बहुत सारे टेक‑आधारित स्टॉक्स होते हैं। इसलिए इसे अक्सर ‘टेक बोर्‍स’ कहा जाता है। यहाँ पर शेयरों का वोल्यूम भी बड़ा रहता है, जिससे कीमतें जल्दी बदलती हैं और ट्रेडर्स को मौके मिलते हैं। दूसरा फायदा यह है कि Nasdaq के नियम कड़े हैं; कंपनी को लगातार रिपोर्ट देना पड़ता है, इसलिए निवेशकों को भरोसा मिलता है।

Nasdaq पर दो तरह की सूचकांक होते हैं – NASDAQ Composite जिसमें सभी listed कंपनियां शामिल होती हैं और NASDAQ-100 जिसमें शीर्ष 100 non‑financial कंपनियों का वजन होता है। अगर आप सिर्फ टेक‑स्टॉक्स में निवेश करना चाहते हैं तो NASDAQ-100 एक अच्छा बेंचमार्क हो सकता है।

भारतियों के लिये निवेश टिप्स

Nasdaq पर सीधे शेयर खरीदने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं – या तो US‑डॉलर वाले ब्रोकरेज अकाउंट खोलें या फिर Indian Mutual Funds/ETFs जैसे ‘Nifty 50’ या ‘Motilal Oswal Nasdaq 100 ETF’ में निवेश करें। पहला तरीका थोड़ा जटिल हो सकता है क्योंकि आपको KYC, पैन, और कभी‑कभी वॉटरफ़ॉल नियमों का पालन करना पड़ता है। दूसरा आसान है – सिर्फ एक Indian ब्रोकरेज पर खाता खोलें और उस फंड को चुनें जो Nasdaq के बड़े हिस्से को ट्रैक करता है।

ध्यान रखें कि Nasdaq की कंपनियों की कीमतें अक्सर US‑डॉलर में बदलती हैं, तो आपको डॉलर‑रिस्क भी देखना होगा। अगर डॉलर्स मजबूत होते हैं तो आपके रिटर्न बढ़ सकते हैं, लेकिन उल्टा भी हो सकता है। इसलिए अपने पोर्टफोलियो को diversify करना फायदेमंद रहता है – कुछ हिस्सा Indian शेयरों में, थोड़ा Nasdaq ETFs में और थोड़ा बॉन्ड या गोल्ड में रखें।

एक और बात जो अक्सर छूट जाती है वो है टैक्स इम्प्लिकेशन्स। US‑डिविडेंड पर 25% टैक्‍स कट होता है, लेकिन अगर आप Indian फंड के माध्यम से निवेश करते हैं तो टैक्स का हिसाब अलग हो सकता है। अपने टैक्स एडवाइज़र से सलाह लें ताकि आप अनावश्यक खर्चे से बच सकें।

अंत में यह कहा जा सकता है कि Nasdaq एक आकर्षक बोर्‍स है, पर हर निवेश जैसा इसमें रिस्क भी होता है। इसलिए पहले अपनी वित्तीय स्थिति देखें, लक्ष्य तय करें और फिर सही प्रोडक्ट चुनें। छोटे‑छोटे कदमों से शुरू करके आप धीरे‑धीरे अपने पोर्टफोलियो को बड़ा बना सकते हैं।

नैस्डैक में भारी गिरावट: रोजगार रिपोर्ट से स्टॉक्स पर पड़ी करेक्टिव असर

नैस्डैक में भारी गिरावट: रोजगार रिपोर्ट से स्टॉक्स पर पड़ी करेक्टिव असर

नैस्डैक कंपोज़िट इंडेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई जब एक नई रोजगार रिपोर्ट ने मजबूत श्रम बाजार का संकेत दिया। जुलाई में अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 528,000 नई नौकरियां जोड़ीं, जिसने उम्मीदों को पार कर लिया। इससे फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में चिंता फैल गई है।