तंबाकू पर कर – क्या बदल रहा है और क्यों?
अरे दोस्तों, आप भी नोटिस किया होगा कि हाल ही में सिगरेट, बीड़ी या पैन की कीमतें अचानक से बढ़ गई हैं? इसका कारण नया तंबाकू कर है। सरकार ने धूम्रपान को कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स में इजाफा किया है। अब समझते हैं इस बदलाव का असली मकसद क्या है, यह आपके जॉब या जेब पर कैसे असर डालेगा, और स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका क्या मतलब है।
नए कर की मुख्य बातें
सबसे पहले तो ये जान लें कि तंबाकू पर दो तरह के टैक्स लगते हैं – विशेष उपभोग कर (सिगरेट एक्साइज) और वैट. इस साल दोनों में प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। सिगरेट पर 28% की बेस रेट को 30% तक ले जाया गया, जबकि बीड़ी और तंबाकू पाउडर पर भी समान दर लागू हुई। इसका मतलब अब हर पैक या बंडल पर अतिरिक्त राशि जुड़ जाएगी।
सरकार ने यह कर कई चरणों में लगाने की योजना बनाई है। पहले 6 महीने में ही रिटेलर को नया कर जोड़ना पड़ेगा, उसके बाद थोक विक्रेताओं को भी इस बढ़ोतरी का पालन करना होगा। अगर आप खुद तंबाकू खरीदते हैं तो आपको सीधे कीमत में ही इजाफा दिखेगा; अगर दुकान चलाते हैं तो आपके मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
कर का स्वास्थ्य व आर्थिक प्रभाव
सवाल अक्सर उठता है – क्या कर बढ़ाने से धूम्रपान कम होगा? कई अध्ययनों ने बताया है कि कीमत में 10% इजाफा करने से खपत में लगभग 4-5% गिरावट आती है। इसलिए सरकार आशा करती है कि युवा वर्ग, जो बजट में संवेदनशील होते हैं, वे सिगरेट या बीड़ी खरीदने से बचेंगे।
आर्थिक रूप से देखिए तो तंबाकू कर भारत के कोष का एक बड़ा स्रोत है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह कर लगभग 30 बिलियन रुपये का योगदान दे रहा था। इस बढ़ोतरी से सरकार स्वास्थ्य देखभाल, कैंसर उपचार और जागरूकता अभियानों के लिए अतिरिक्त फंड जुटा सकेगी।
लेकिन छोटे व्यवसायियों को भी ध्यान देना चाहिए। अगर आपका स्टोर तंबाकू सामान बेचता है तो नई टैक्स रिटर्न फाइलिंग में बदलाव आ सकता है। कई राज्य अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कर जमा करने की मांग करेंगे, इसलिए अपने अकाउंटेंट से तुरंत संपर्क करें और अपडेटेड प्रोसिड्यूर सीखें।
आखिर में यही कहा जा सकता है कि तंबाकू पर कर बढ़ना सिर्फ सरकारी राजस्व का मुद्दा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सुधार का भी एक कदम है। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो यह सही समय है इसे कम करने या छोड़ने का, क्योंकि अब कीमतें और भी महंगी हो गई हैं। और यदि आप व्यापारिक नजरिए से देख रहे हैं, तो नई टैक्स नीति को समझकर अपने प्राइसिंग स्ट्रेटेजी में बदलाव लाएँ, ताकि नुकसान कम से कम हो।
समझ गया न? अगली बार जब सिगरेट की कीमत देखें, तो याद रखें कि यह सिर्फ एक नंबर नहीं बल्कि सरकार की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। आपके पास अब विकल्प है – या तो इस नई टैक्स नीति के साथ चलें या फिर धूम्रपान छोड़कर अपने और समाज दोनों को स्वस्थ बनाएं।