भारत लोकसभा चुनाव 2024 का छठा चरण: कौन करेगा मतदान और क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
मई, 26 2024भारत लोकसभा चुनाव 2024 का छठा चरण: जनता का फैसला
भारत के नेशनल दूरस्त और इन्क्लूसिव एलायंस (INDIA) और नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) के बीच मुकाबला तेज हो गया है, और 25 मई को होने वाले छठे चरण के चुनाव में आठ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाता अपने प्रतिनिधियों को चुनेंगे। यह चरण कुल 58 सीटों के लिए महत्वपूर्ण है और 889 उम्मीदवारों का भविष्य निर्धारित करेगा, जिनमें कन्हैया कुमार और धर्मेंद्र प्रधान जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा, जबकि मतगणना और परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
प्रमुख उम्मीदवार और सीटें
इस चरण की प्रमुख सीटों में नई दिल्ली, उत्तर-पूर्व दिल्ली, कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम, करनाल, अनंतनाग-राजौरी, आजमगढ़, और सुल्तानपुर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में से प्रत्येक का चुनाव परिणाम न केवल स्थानीय महत्व रखता है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। कन्हैया कुमार, जो भारतीय राजनीति में युवा और ऊर्जावान नेता के रूप में उभरे हैं, इस चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं। वहीं, धर्मेंद्र प्रधान, जो एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता हैं, भी अपनी सीट बरकरार रखने के लिए मैदान में हैं।
भाजपा और कांग्रेस की रणनीतियाँ
NDA, विशेष रूप से भाजपा, ने इन चुनावों में रोजगार और आर्थिक विकास को अपने प्रमुख मुद्दों के रूप में रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भाजपा यह दावा कर रही है कि उन्होंने अपने सरकार के दौरान देश में व्यापक सुधार किए हैं। वहीं, विपरीत रूप में, कांग्रेस और उनकी सहयोगी दल, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, ने बेरोजगारी और आर्थिक तनाव को अपने प्रमुख मुद्दे के रूप में चुना है। उनका यह कहना है कि वर्तमान सरकार इन मसलों को सुलझाने में विफल रही है। इसलिए, यह चुनाव इन बड़े मुद्दों पर भी जनमत संग्रह के रूप में देखा जा सकता है।
क्षेत्रीय परिदृश्य और प्रभाव
इस चरण के मतदान में हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के मतदाता भाग लेंगे। हरियाणा और उत्तर प्रदेश पूरी तरह से भाजपा के नियंत्रण में हैं, जबकि बिहार में वे गठबंधन सरकार में हैं। ओडिशा में उनकी सहयोगी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) का शासन है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) का वर्चस्व है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है और जम्मू और कश्मीर केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष शासन में हैं। इन राज्यों के राजनीतिक परिदृश्य का प्रभाव न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ सकता है।
चुनाव परिदृश्य और मतदाताओं की प्रथमिकताएँ
चुनावी मौसम में मतदाताओं की प्राथमिकताएँ और मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। जहां एक ओर शहरी मतदाता विकास और रोजगार को प्राथमिकता दे सकते हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की समस्याएं और बुनियादी सुविधाएं प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं। अतीत के चुनाव परिणामों और मौजूदा राजनीतिक हालातों को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि किस प्रकार मतदाताओं का रूझान बदलता है। युवाओं और महिलाओं का भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जो अपने भविष्य को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए जागरूक हैं।
आखिरी चरण की तैयारी और चुनाव परिणाम
छठे चरण के बाद सातवां और अंतिम चरण 1 जून को आयोजित होगा, जिसमें और भी महत्वपूर्ण सीटों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस चुनाव का परिणाम केवल 4 जून को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन यह साफ है कि हर चरण का मतदान और उसका परिणाम सम्पूर्ण चुनाव पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, सभी राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार अपनी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं।
संपूर्ण देश की निगाहें अब छठे चरण पर टिकी हुई हैं और हर मतदाता की आकांक्षा है कि उनका मतदान सही दिशा में जाए और उनके मुद्दों का सही समाधान हो।