झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने दिया इस्तीफा, हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया
जुल॰, 4 2024
चंपई सोरेन का इस्तीफा और हेमंत सोरेन की वापसी
झारखंड में एक बार फिर राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला है। चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए राजनीतिक समीकरण बदले हैं। उनके इस कदम के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेमएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने एक बार फिर सत्ता की जिम्मेदारी संभालने का दावा पेश किया है। यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिली।
परिस्थितियों की कहानी
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी 31 जनवरी को हुई थी, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें उनके निवास स्थान पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और चंपई सोरेन को नेतृत्व संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, चंपई सोरेन का यह कार्यकाल विशेष राजनीतिक परिस्थितियों में सीमित था।
हेमंत सोरेन के अनुसार, उन्हें एक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया था, जिसके चलते उन्हें पांच महीने जेल में बिताने पड़े। कोर्ट ने उन्हें बेगुनाह करार देते हुए जमानत दे दी और कहा कि उनके द्वारा इस तरह की किसी अन्य अपराध का कोई संभावना नहीं है। यह निर्णय हेमंत सोरेन के लिए राहत की सांस लाने वाला रहा।
गठबंधन की ताकत
हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के साथ ही, राजनीतिक गठबंधन ने एकजुट होकर उन्हें फिर से अपना नेता चुना। यह गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआईएमएल) का है। इन दलों की सामरिक एकता ने राज्य में मजबूत स्थिति बनाई है। इसके आलावा, यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी एक प्रेरक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री की शपथ
हेमंत सोरेन आगामी शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल से मिलकर अपने दावे को प्रस्तुत करेंगे। गठबंधन में शामिल सभी विधायकों का समर्थन सुनिश्चित हो चुका है। इस राजनीतिक घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन की वापसी से झारखंड राज्य की सरकार पुनः स्थिरता की ओर बढ़ेगी।
यह सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही बात है कि हेमंत सोरेन को न्यायपालिका में पूरा विश्वास है। उन्होंने न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि उन्हें न्याय मिला है। राजनीति में ऐसे समय पर जब चुनाव नजदीक हों, ऐसे विश्वास और समर्थन का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
झारखंड के भविष्य की उम्मीद
हेमंत सोरेन की वापसी के बाद, लोगों के बीच कई उम्मीदें जग गई हैं। जनता को उम्मीद है कि नए नेतृत्व में राज्य की प्रगति होगी और विकास के नए द्वार खुलेंगे। राज्य में पहले से ही चल रहे विकास कार्यक्रमों को गति मिलेगी और नई योजनाओं का निर्माण होगा।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो यह घटनाक्रम आगामी विधानसभा चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और सीपीआईएमएल का गठबंधन इस समय मजबूत स्थिति में है और हेमंत सोरेन की वापसी ने इस मजबूत गठबंधन को और भी ताकतवर बना दिया है।
संक्षेप में, झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन का पुनः आगमन एक नए अध्याय की शुरुआत है। राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस घटनाक्रम का गहराई से विश्लेषण कर रहे हैं। यह देखना रोचक होगा कि आने वाले दिनों में हेमंत सोरेन और उनकी सरकार किस तरह से राज्य को दिशा देते हैं।
akarsh chauhan
जुलाई 5, 2024 AT 15:55ये तो बहुत अच्छी बात है, हेमंत भैया वापस आ गए। झारखंड को इनकी जरूरत है। अब विकास के नए दौर की शुरुआत होगी।
Kunal Agarwal
जुलाई 6, 2024 AT 10:58हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड के आदिवासी समुदाय को असली आवाज मिली है। ये सिर्फ राजनीति नहीं, ये जनजातीय अधिकारों की लड़ाई है।
Ruhi Rastogi
जुलाई 6, 2024 AT 13:13फिर वही चक्र।
Kiran Ali
जुलाई 6, 2024 AT 19:47चंपई ने इस्तीफा दे दिया तो ठीक है, पर ये सब जेल से बाहर आकर फिर से सत्ता पर कब्जा करने की ठान ली है। ये लोग तो बस अपनी जगह बनाए रखना चाहते हैं।
Amanpreet Singh
जुलाई 8, 2024 AT 12:19भाईयों, ये बात बहुत बड़ी है... हेमंत भैया के आने से झारखंड के गांवों में बिजली, पानी, सड़कें ठीक होंगी। अब जनता का भरोसा वापस आएगा। जय झारखंड।
Kanisha Washington
जुलाई 9, 2024 AT 13:16न्याय की जीत है। न्यायपालिका ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कोई भी, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून के आगे बराबर है।
Gaurav Garg
जुलाई 11, 2024 AT 03:16क्या ये सब बस एक अच्छा नाटक है? जेल में जाने के बाद जमानत मिल जाए, और फिर सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर? ये तो बाजार में दुकान बदलने जैसा है।
Sunayana Pattnaik
जुलाई 12, 2024 AT 14:54हेमंत सोरेन के लिए जेल जाना एक अवसर था, जिसने उन्हें मार्टिर बना दिया। अब वो लोगों के दिलों में बस गए। ये राजनीति का शानदार नाटक है।
Suman Arif
जुलाई 12, 2024 AT 18:11इस गठबंधन का नेतृत्व अभी भी एक धोखा है। जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी - ये सब अपनी अपनी चाल चल रहे हैं। हेमंत के बाद कौन आएगा? ये सब अस्थायी है।
Abhishek Ambat
जुलाई 14, 2024 AT 12:49जेल से बाहर आकर फिर मुख्यमंत्री... ये तो बस एक बार फिर से जीतने की कहानी है। 🌟
Praveen S
जुलाई 15, 2024 AT 22:41राजनीति में न्याय और निष्पक्षता का अर्थ क्या है? यदि एक व्यक्ति जेल में जाता है, तो क्या वह उसके बाद फिर से लोगों का विश्वास जीत सकता है? ये सवाल आज भी बाकी है।
Meenakshi Bharat
जुलाई 15, 2024 AT 23:45हेमंत सोरेन की वापसी से झारखंड के गरीब, आदिवासी, और उत्पादक श्रमिकों को आशा मिली है। उनका नेतृत्व उनके लिए एक वादा है - जमीन, जंगल, और न्याय।
soumendu roy
जुलाई 17, 2024 AT 17:07यह घटना राजनीति के नैतिक आधार को चुनौती देती है। क्या न्याय का फैसला राजनीतिक लाभ का साधन बन गया है? क्या जमानत अपराध का विरोध नहीं, बल्कि एक राजनीतिक युक्ति है?
Rajat jain
जुलाई 18, 2024 AT 12:48कुछ लोग कहते हैं ये सब बस नाटक है। पर मैं तो सोचता हूँ - अगर न्याय ने उन्हें बरी कर दिया, तो शायद वो बरी हैं। और अगर वो बरी हैं, तो वो वापस आने के लायक हैं।
Sarith Koottalakkal
जुलाई 18, 2024 AT 19:28हेमंत वापस आया तो अब बस अच्छा काम करे। हम बस रोज़ की बातें चाहते हैं - पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल। बाकी सब बकवास है।
Sri Vrushank
जुलाई 19, 2024 AT 16:21ये सब ईडी का नाटक है जो एक तरफ गिरफ्तारी करता है और दूसरी तरफ जमानत दे देता है। ये जानबूझकर राजनीति को बिगाड़ रहे हैं। हेमंत को बरी करने का फैसला भी इसी योजना का हिस्सा है।
Amanpreet Singh
जुलाई 19, 2024 AT 16:38अरे भाई, अगर हेमंत भैया ने नहीं आया तो आज झारखंड में बच्चे अंधेरे में पढ़ते, बुजुर्ग बिना दवा के बैठे होते। इनके आने से जीवन बदलेगा। धन्यवाद न्यायपालिका!