जी7 शिखर सम्मलेन में इटली की मेलोनी ने दिखाया अपने रूढ़िवादी पक्ष
जून, 16 2024जब दुनिया के प्रमुख नेता जी7 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित हुए, तब इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अपनी पुरानी रूढ़िवादी प्राथमिकताओं को एक बार फिर सर्वोपरि रखा। यह सम्मेलन 13 से 15 जून के बीच दक्षिणी इटली में हुआ, जहां मेलोनी ने कई प्रमुख मुद्दों पर अपनी विवादास्पद स्थिति को कायम रखा। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदार होते हुए भी मेलोनी ने यह स्पष्ट किया कि कुछ 'लाल रेखाएं' हैं जिन पर वह कोई समझौता नहीं करेंगी, खासकर परिवार और जननाधिकारों के संदर्भ में।
उन्होंने 'सुरक्षित और कानूनी गर्भपात' के संदर्भ को अंतिम जी7 बयान से हटाने की मांग की। यह कदम निश्चित रूप से उनके पार्टी के गर्भपात विरोधी रुख के अनुरूप था और इसे मेलोनी की पहचान के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में देखा गया। इस स्थिति ने अन्य देशों और नेताओं के बीच एक प्रमुख बहस को जन्म दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस बयान से गर्भपात के संदर्भ को हटाने पर खेद व्यक्त किया, जबकि मेलोनी ने इसे 'मीडिया के द्वारा उत्पन्न विवाद' कहा और दावा किया कि जी7 अभी भी गर्भपात तक पहुंच का समर्थन करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रारंभ में इस ड्राफ्ट का विरोध किया था, लेकिन अंततः अंतिम शब्दांकन का समर्थन किया।
शिखर सम्मेलन में, पोप फ्रांसिस, जो गर्भपात के विरोधी हैं, एक अतिथि थे। इसके अलावा, मेलोनी ने टीकाकरण निधिकरण पर भाषा को कमजोर किया, जिसे कुछ लोगों ने एक आश्चर्यजनक कदम के रूप में देखा। टीकाकरण मुद्दे पर उनका यह कदम संयुक्त राज्य और यूरोप में रूढ़िवादी खेमों में व्याप्त वैक्सीन संशयवाद से जुड़ा हुआ था।
साथ ही, मेलोनी की पार्टी ने पहले कोविड टीकाकरण के लिए आवश्यक नियमों का विरोध किया था।
इसके अलावा, जी7 सम्मेलन ने यूक्रेन के लिए जमा रूसी संपत्तियों का उपयोग करके बहु-अरब डॉलर के ऋण पर व्यापक सहमति भी प्राप्त की और चीन के साथ व्यापार में एक समान मैदान बनाने के लिए कदम उठाए।
मेलोनी की रूढ़िवादी प्राथमिकताओं का प्रभाव
मेलोनी की रूढ़िवादी प्राथमिकताओं ने जी7 शिखर सम्मेलन में उनके मंचन को प्रभावित किया। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि कुछ मुद्दों पर वह किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगी। खासतौर पर परिवार और जननाधिकारों से संबंधित।
जी7 शिखर सम्मेलन में उनका गर्भपात पर विरोध उनके पार्टी के मूल दर्शन के साथ मेल खाता है। यह उनकी पहचान का एक महत्वपूर्ण भाग है और उन्होंने इसे बनाए रखा।
फ्रांस के राष्ट्रपति का प्रतिक्रिया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सम्मेलन के बाद इस बदलाव पर खेद प्रकट किया। उनका मानना था कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी जी7 देशों का एक समान रुख होना चाहिए।
संयुक्त राज्य अमेरिका का दृष्टिकोण
संयुक्त राज्य का दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण था। प्रशासन ने शुरुआत में इस बदलाव पर आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका समर्थन किया। यह मेलोनी के दृढ़ रुख को दिखाता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सम्मेलन के बाद, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। मेलोनी के कदमों को कई जगहों पर आलोचना भी मिली। परंतु यह स्पष्ट है कि उन्होंने अपनी पहचान पर कोई समझौता नहीं किया।
स्वास्थ्य और टीकाकरण नीति
मेलोनी ने सम्मेलन में टीकाकरण नीति पर भी स्पष्टता दिखाई। उनके रूढ़िवादी रुख ने इस मुद्दे पर भी अपना प्रभाव डाला। उन्होंने टीकाकरण के लिए आवश्यक निधिकरण पर भाषा को कमजोर किया।
यह कदम मेलोनी के पार्टी के पिछले रुख के अनुसार था, जहां उन्होंने कोविड नियमों के लिए आवश्यक टीकाकरण का विरोध किया था।
इस सम्मेलन में पोप फ्रांसिस की उपस्थिति ने इस मुद्दे पर और भी चर्चा को बढ़ावा दिया। पोप फ्रांसिस गर्भपात के कट्टर विरोधी हैं और उनकी उपस्थिति ने मेलोनी के रुख को मजबूती प्रदान की।
मेलोनी ने सम्मेलन के दौरान अपने रुख को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने यह दिखाया कि वे कोई समझौता नहीं करेंगी। यूरोप और अमेरिका में रूढ़िवादी खेमों में उनकी प्रशंसा हुई। यह उनकी राजनीतिक ताकत और उनके नेतृत्व की स्पष्टता को दिखाता है।
जी7 शिखर सम्मेलन में मेलोनी के कदमों ने उनकी राजनीतिक क्षमता को साबित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगी। चाहे वह घरेलू मुद्दे हों या अंतरराष्ट्रीय, मेलोनी ने दिखाया कि वे हमेशा हर मुद्दे पर अपने रूढ़िवादी रुख को बनाए रखेंगी।