कापस्हेड़ा का चुनाव: कैसे आतिशी मार्लेना ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को करीबी मुकाबले में हराया?

कापस्हेड़ा का चुनाव: कैसे आतिशी मार्लेना ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को करीबी मुकाबले में हराया? फ़र॰, 8 2025

कापस्हेड़ा में आतिशी की ऐतिहासिक जीत

2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की नेता और मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने कापस्हेड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता रमेश बिधूड़ी को एक कड़ी टक्कर में पराजित किया। इस जीत ने आम आदमी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में उभरते हुए, पार्टी के सांविधानिक दायरे को और मजबूत किया, खासकर जब पार्टी को कई क्षेत्रों में भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।

चुनाव का परिणाम और मतदान प्रतिशत

इस करीबी मुकाबले में, आतिशी ने मतदाताओं का 47.18% वोट प्राप्त किया, जो 36,018 वोट के समकक्ष था, जबकि भाजपा उम्मीदवार बिधूड़ी ने 47.49% यानि 36,256 वोट हासिल किए। इस प्रतियोगिता में केवल 238 वोटों के अंतर से आतिशी की जीत हुई। कुल मतदान 60.54% रहा, जिसमें 76,345 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा नेता बिधूड़ी की तुलना में कांग्रेस की अलका लाम्बा केवल 3.94% मतों (3,009 वोट) के साथ अंतिम स्थान पर रहीं।

आम आदमी पार्टी की ओर से आतिशी ने अपने अभियान में मुख्य तौर पर शिक्षा के सुधारों और स्थानीय बुनियादी ढांचा समस्याओं पर जोर दिया, जबकि बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी के विरोध में और बदलाव के वादे पर चुनाव लड़ा।

दिल्ली में AAP के लिए व्यापक असर

दिल्ली में AAP के लिए व्यापक असर

कापस्हेड़ा में हुई यह महत्वपूर्ण जीत जैसे आम आदमी पार्टी के लिए एक संजीवनी का काम कर रही थी। भाजपा के आक्रामक अभियान के बीच भी यह जीत दिखाती है कि मतदाता, AAP की नीतियों और आतिशी की सकारात्मक छवि पर विश्वास करते हैं। यह न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत थी बल्कि पार्टी के आत्मविश्वास को भी बढ़ाने वाली साबित हुई।

13 टिप्पणि

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    Sree A

    फ़रवरी 10, 2025 AT 00:11
    47.49% vs 47.18%? ये तो गणित की बजाय सांख्यिकी का खेल है। 238 वोटों का अंतर एक बूथ के रिजल्ट में बदल सकता है। एक छोटी सी गलती या वोटिंग मशीन का तकलीफ़ इस पूरे रिजल्ट को उलट सकता है।
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    Arya k rajan

    फ़रवरी 10, 2025 AT 19:39
    इतना करीबी मुकाबला होने के बाद भी आतिशी ने शांति से जीत मनाई। ये दिखाता है कि उनका नेतृत्व सिर्फ वोटों पर नहीं, बल्कि इंसानियत पर टिका है। अगर हर नेता इतना संयम रखता, तो देश अलग होता।
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    Avdhoot Penkar

    फ़रवरी 12, 2025 AT 10:29
    भाजपा वालों ने तो बस नारे लगाए थे, AAP वालों ने स्कूलों में बिजली लगवाई 😅
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    SUNIL PATEL

    फ़रवरी 14, 2025 AT 01:50
    238 वोटों के लिए पूरी राजनीति बदल गई? ये लोकतंत्र की बजाय अनिश्चितता का खेल है। इस तरह के चुनाव देश के लिए खतरनाक हैं।
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    Krishnan Kannan

    फ़रवरी 15, 2025 AT 02:35
    मैंने कापस्हेड़ा में एक टीचर से बात की थी। उन्होंने बताया कि AAP ने स्कूलों में बच्चों के लिए नए लैब लगाए, और बिधूड़ी ने तो बस एक बार आकर फोटो खिंचवाई। वोट तो उसी चीज़ पर जाते हैं जो जिंदगी बदल दे।
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    Dev Toll

    फ़रवरी 15, 2025 AT 13:44
    कापस्हेड़ा में जो बच्चे अभी टीचर के घर पढ़ रहे थे, अब उनके पास एक अच्छा लाइब्रेरी है। ये बदलाव बड़ा नहीं लगता, लेकिन जिंदगी बदल देता है।
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    utkarsh shukla

    फ़रवरी 16, 2025 AT 16:42
    ये जीत AAP के लिए नहीं, दिल्ली के हर उस बच्चे के लिए है जिसका घर बिजली के बिना था! आतिशी ने जो दिया, वो सिर्फ वोट नहीं, आशा थी! 🙌🔥
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    Raveena Elizabeth Ravindran

    फ़रवरी 17, 2025 AT 16:04
    अरे यार, ये सब बकवास है। बिधूड़ी ने तो बस एक बार आकर कहा कि 'मैं बदलूंगा' और वोट मिल गए। AAP का सब कुछ बस फोटो और बातों का खेल है।
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    Kishore Pandey

    फ़रवरी 19, 2025 AT 03:04
    वोटिंग रिजल्ट की गणना में त्रुटि की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। यह एक निर्णायक चुनाव था, और इसकी वैधता की जांच की जानी चाहिए।
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    Akshay Patel

    फ़रवरी 20, 2025 AT 23:44
    AAP की जीत का मतलब ये नहीं कि देश बदल गया। ये सिर्फ एक छोटे से इलाके की बात है। भाजपा का देशव्यापी जनसमर्थन किसी के सामने नहीं झुकता।
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    mala Syari

    फ़रवरी 22, 2025 AT 09:20
    आतिशी की छवि बहुत अच्छी है... लेकिन क्या वो असल में कुछ कर पाएंगी? ये सब तो बस एक फिल्मी नायक की तरह है। बिधूड़ी कम से कम असली नेता थे। 😒
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    DEVANSH PRATAP SINGH

    फ़रवरी 22, 2025 AT 20:41
    मैं तो सोच रहा था कि ये चुनाव दोनों पार्टियों के लिए एक बड़ा सबक होगा। AAP ने दिखाया कि स्थानीय समस्याओं पर काम करने से वोट मिलते हैं। और भाजपा को पता चल गया कि बस नारे से काम नहीं चलता।
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    Amit Kashyap

    फ़रवरी 23, 2025 AT 15:42
    AAP के नेता तो हमेशा बातों के बाद बातें करते हैं... लेकिन बिधूड़ी ने तो बस एक बार इलाके में आकर लोगों के साथ चाय पी ली थी। वोट तो उसी चीज़ पर जाते हैं जो दिल छू जाए।

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