कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस: दिल्ली, महाराष्ट्र अस्पतालों में हड़ताल के चलते वैकल्पिक सेवाएं ठप
अग॰, 12 2024
कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में 32 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और निर्मम हत्या की घटना ने पूरे देश के चिकित्सक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के विरोध में चिकित्सकों ने पूरे देश में हड़ताल शुरू कर दी है, जिसके चलते दिल्ली और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाएं ठप हो गई हैं।
आमतौर पर संचालित होने वाली वैकल्पिक सेवाएं, जिनमें गैर-आपातकालीन प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, अब अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, इनवर्ड सेवाएं, ICU और OPD सामान्य रूप से चलती रहेंगी। हड़ताल की शुरुआत दिल्ली में 12 अगस्त से हुई, जिसमें RML अस्पताल और AIIMS दिल्ली सहित कम से कम 10 सरकारी अस्पतालों ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र में हड़ताल 13 अगस्त से शुरू होगी।
चिकित्सक संघ का समर्थन
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने इस हड़ताल का पूर्ण समर्थन किया है और इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। FORDA के अध्यक्ष Dr. अविरल माथुर ने कहा कि यह घटना केवल एक डॉक्टर पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय पर हमला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एक केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम (Central Healthcare Protection Act) लागू करना चाहिए ताकि देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। चंडीगढ़ और लखनऊ जैसे शहरों में डॉक्टरों ने न्याय और सुरक्षा सुधारों की मांग करते हुए सड़कों पर उतर गए। डॉक्टरों के अनुसार, यह घटना केवल एक चेतावनी है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में ऐसे और भी हमले हो सकते हैं।
मुख्य आरोपी और सरकार का रुख
मुख्य आरोपी संजय रॉय, जो एक नागरिक स्वयंसेवक है, को रेप और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यौन उत्पीड़न और पीड़िता के शरीर पर कई चोटों की पुष्टि की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है और आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है।
भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय
इस घटना ने सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों में सुरक्षा उपायों को लेकर पुनः विचार करने की आवश्यकता को उजागर किया है। कई चिकित्सकों ने अस्पताल प्रशासन और सरकारी अधिकारियों को अधिक सख्त सुरक्षा उपायों और नीति निर्धारण के लिए आग्रह किया है। किसी भी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
निष्कर्ष
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा और निष्पक्ष न्याय की आवश्यकता को उजागर किया है। यह समय है जब सरकार और संबंधित प्राधिकरण जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी हृदयविदारक घटनाएं न हों। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी समाज का अहम हिस्सा हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
mala Syari
अगस्त 13, 2024 AT 12:44ये सब बस ट्रेंड है। जब कोई लड़की मारी जाती है तो सब रोते हैं, जब डॉक्टर मारा जाता है तो फिर से रोते हैं। लेकिन अस्पतालों में बेचारे नर्स और सफाई कर्मचारी किसके लिए रोते हैं? इनकी हत्याओं पर कोई हड़ताल नहीं होती।
Kishore Pandey
अगस्त 14, 2024 AT 10:50इस घटना के बाद हड़ताल करना एक अनुचित और अनियोजित कदम है। चिकित्सा सेवाएं जीवन-मरण के मुद्दे हैं, और इन्हें राजनीतिक प्रदर्शन का बर्तन बनाना अनैतिक है। न्याय की मांग करने के लिए कानूनी तरीके अपनाए जाने चाहिए, न कि रोगियों को पीड़ित बनाकर।
Kamal Gulati
अगस्त 15, 2024 AT 20:40ये सब तो बस एक बड़ा दर्द है... एक इंसान का जीवन गया, और अब सब इसे अपनी बात बना रहे हैं। पर क्या हुआ उन लोगों के साथ जिनके घर में डॉक्टर नहीं आया क्योंकि हड़ताल थी? क्या उनका दर्द कम है? हम सब बस एक दर्द को दूसरे दर्द के ऊपर ढक रहे हैं। जिंदगी बहुत अजीब है।
Atanu Pan
अगस्त 16, 2024 AT 13:30अस्पतालों में सुरक्षा कहाँ है भाई? सिर्फ एक CCTV और एक गार्ड जो सो रहा होता है। अगर ये बात नहीं सुधरी तो अगला टारगेट कोई नर्स होगी या फिर कोई रेस्टरेंट वाला जो डॉक्टर को भोजन ले आया हो
Pankaj Sarin
अगस्त 18, 2024 AT 11:16फिर से एक डॉक्टर मारा गया और सब ने रोना शुरू कर दिया... लेकिन जब एक लड़की को बलात्कार किया गया तो सब चुप थे ना? अब जब एक लड़की मारी गई तो अचानक ये सब बहुत गंभीर हो गया। असली समस्या ये है कि हम बस लोगों को जब नहीं मारते तो उनकी जिंदगी को नहीं मानते
Mahesh Chavda
अगस्त 19, 2024 AT 02:38ये सब बस एक बड़ा नाटक है। हड़ताल करके न्याय मिलेगा? नहीं। ये तो सिर्फ एक दिखावा है। जब तक हम अपने घरों में भी न्याय नहीं लाएंगे, तब तक कोई अस्पताल में सुरक्षा नहीं होगी। ये सब बस एक चिकित्सक की मौत को एक अवसर बना रहे हैं अपनी आवाज बढ़ाने के लिए।