महिला टी20 विश्व कप: आठ साल बाद ग्रुप स्टेज में भारत का निराशाजनक बाहर

महिला टी20 विश्व कप: आठ साल बाद ग्रुप स्टेज में भारत का निराशाजनक बाहर अक्तू॰, 15 2024

महिला टी20 विश्व कप 2024 में भारतीय टीम का प्रदर्शन विशेष रूप से निराशाजनक रहा। पिछले कई वर्षों से भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इस बार उन्हें एक बार फिर से ग्रुप स्टेज में ही अपने सफर को अलविदा कहना पड़ा। आठ साल के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। भारत के लिए यह प्रतियोगिता कठिन साबित हुई, जहाँ उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मात्र नौ रनों से हार का सामना करना पड़ा।

इस हार के बाद न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के मैच में न्यूज़ीलैंड ने जीत दर्ज कर भारत की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। ग्रुप ए में भारत का सफर तीसरे स्थान पर खत्म हुआ। भारतीय टीम ने चार अंकों के साथ टूर्नामेंट में दो मैच जीते और दो हारे। मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अपना दबदबा कायम रखते हुए चारों मैच जीते और ग्रुप में शीर्ष पर रहा।

न्यूज़ीलैंड ने अपने दक्ष और प्रभावशाली प्रदर्शन से भारत और पाकिस्तान, दोनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। पाकिस्तान के खिलाफ मात्र 10.4 ओवर में 111 रनों का पिछा करते हुए पाकिस्तानी टीम केवल 56 रनों पर ढेर हो गई। न्यूज़ीलैंड की यह जीत न्यूज़ीलैंड के लिए सेमीफाइनल में जगह पक्की करने वाली थी, जोकि उन्होंने 2016 के बाद पहली बार हासिल की।

भारतीय टीम के लिए यह टूर्नामेंट उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उन्होंने पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ प्रभावशाली जीत दर्ज की, जिसमें उनकी क्षमता की झलक देखी जा सकती थी। लेकिन न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीमों के खिलाफ उनके प्रदर्शन में कमी रही, जो उनके सेमीफाइनल से बाहर होने की मुख्य वजह बनी।

पिछली तीन प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, जिसमें से 2020 की प्रतियोगिता में फाइनल तक का सफर भारतीय महिला टीम के लिए यादगार रहा। लेकिन इस बार का टूर्नामेंट भारतीय टीम के लिए चिंता का कारण बन गया है।

टीम को अब खुद के प्रदर्शन पर आत्ममंथन करना होगा और उस कमी को दूर करना होगा जो खेल के इस प्रारूप में उनकी कीमत चुकाई। इस निराशाजनक प्रदर्शन ने टीम की तैयारियों और उनके मौजूदा रणनीति में खामियों को निर्देशित किया है। आगामी 50 ओवर के विश्व कप की तैयारी के दौरान भारतीय टीम को सीख लेकर अपने खेल में सुधार करना होगा।

11 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Ritu Patel

    अक्तूबर 15, 2024 AT 21:21

    ये टीम तो बस नाम की बड़ी है, असली खेल तो बाहर ही छोड़ देती है। हर बार सेमीफाइनल तक पहुंचने का दावा, लेकिन जब असली टेस्ट आता है तो डर जाती है। ये जो लड़कियां हैं, उन्हें तो बस फोटोशूट के लिए बनाया गया है।

  • Image placeholder

    Deepak Singh

    अक्तूबर 17, 2024 AT 01:16

    इस निराशाजनक प्रदर्शन का कारण, टीम के अंदरूनी संरचनात्मक दोष हैं; जैसे-कोचिंग स्टाफ की अक्षमता, युवा खिलाड़ियों का अभाव, और रणनीतिक अस्थिरता। यह कोई एक मैच की गलती नहीं है, बल्कि एक दशक की व्यवस्थागत लापरवाही है।

  • Image placeholder

    Rajesh Sahu

    अक्तूबर 18, 2024 AT 11:45

    हमारी टीम को तो बस जीतना है, न कि बहस करना! ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नौ रन की हार? ये तो बस एक बात है-हमारे खिलाड़ियों के दिल में आत्मविश्वास का अभाव है। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को नहीं बदलेंगे, तब तक ये निराशा जारी रहेगी!

  • Image placeholder

    Chandu p

    अक्तूबर 18, 2024 AT 15:52

    भाईयों और बहनों, ये टीम बस शुरुआत कर रही है। याद कीजिए 2017 का फाइनल? उस वक्त भी कहा जा रहा था कि ये टीम बस नाम की बड़ी है। अब देखिए-ये टीम दुनिया को दिखा रही है कि भारतीय महिलाएं क्या कर सकती हैं। इस बार हार गईं, लेकिन अगली बार विश्व चैम्पियन बनेंगी। 💪🇮🇳

  • Image placeholder

    Gopal Mishra

    अक्तूबर 18, 2024 AT 16:17

    इस प्रदर्शन के पीछे कई गहरे कारण हैं। एक तो टीम की बैटिंग लाइनअप में असंगठितता है, जिसके कारण अंतिम ओवरों में दबाव में रन बनाने में असमर्थता दिखी। दूसरा, बॉलिंग एक्सपर्ट्स की कमी है-न्यूज़ीलैंड के खिलाफ जब उन्होंने 111 रन का पीछा किया, तो टीम के पास कोई लीग-स्पिनर या वार्म-अप बॉलर नहीं था। तीसरा, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में अनुभव की कमी, जिसे सिर्फ एक या दो टूर्नामेंट्स में नहीं, बल्कि एक लंबी ट्रेनिंग सीरीज से भरा जा सकता है।

  • Image placeholder

    Swami Saishiva

    अक्तूबर 18, 2024 AT 21:07

    फेल हुए। बस। अब बस बंद करो और नए लोगों को मौका दो। ये टीम बस बाजार में बिकने के लिए बनाई गई है।

  • Image placeholder

    Swati Puri

    अक्तूबर 19, 2024 AT 23:41

    अगर हम टीम के डेटा को एनालाइज़ करें, तो देखेंगे कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी स्ट्राइक रेट 115 के आसपास थी, जबकि न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वह 145+ थी। ये एक क्लियर पैटर्न है-टीम बैटिंग में एडजस्टमेंट की क्षमता रखती है, लेकिन बड़े दबाव वाले मैचों में उसे एप्लाई नहीं कर पाती। ये एक मानसिक बाधा है, न कि तकनीकी।

  • Image placeholder

    megha u

    अक्तूबर 21, 2024 AT 15:34

    ये सब बस एक बड़ा नाटक है... बॉल बाहर निकल गया, लेकिन वो बॉल तो फिक्स्ड था 😏

  • Image placeholder

    pranya arora

    अक्तूबर 21, 2024 AT 22:52

    हम जीत या हार के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि इन लड़कियों के लिए ये खेल बस एक खेल नहीं है? ये उनकी आत्मा की आवाज है। हमारी निराशा उनकी आवाज को दबा रही है।

  • Image placeholder

    Sree A

    अक्तूबर 23, 2024 AT 18:02

    बैटिंग ऑर्डर में लीडरशिप गैप है। रानी और पारुल ने अच्छा खेला, लेकिन नंबर 5-7 के बीच कोई रन-मेकर नहीं। इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम 5 ओवर में रन चाहिए थे, लेकिन बने नहीं।

  • Image placeholder

    DEVANSH PRATAP SINGH

    अक्तूबर 24, 2024 AT 17:53

    हमारी टीम को बस थोड़ा समय चाहिए। आज ये टीम वो नहीं है जो 2020 में थी। नए खिलाड़ी आ रहे हैं, और उन्हें गलतियां करने का मौका दो। जब तक हम उन्हें बार-बार गालियां नहीं देंगे, तब तक वो अच्छा खेलेंगे।

एक टिप्पणी लिखें