सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी-यूजी फिजिक्स पेपर के 'अस्पष्ट' सवाल को सुलझाने की मांग की
जुल॰, 23 2024
सुप्रीम कोर्ट का आईआईटी-दिल्ली को आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को न्यायिक तौर पर आदेश दिया है कि वे एनईईटी-यूजी 2024 फिजिक्स पेपर में उठे एक अस्पष्ट सवाल को सुलझाने के लिए तीन विशेषज्ञों का एक बोर्ड बनाएं। यह सवाल छात्रों और शिक्षकों के बीच बहस का मुख्य कारण बना हुआ है, और कोर्ट का आदेश है कि इस मुद्दे को 24 घंटे के भीतर सुलझाया जाए।
इस सवाल में दो बयान शामिल हैं जो परमाणुओं की प्रकृति के बारे में हैं: पहला बयान यह है कि परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं, और दूसरा यह कि प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और संभावित स्पेक्ट्रा का उत्सर्जन करते हैं। इस सवाल का सही उत्तर पुराने संस्करण के अनुसार दूसरा और नवीनतम संस्करण के अनुसार चौथा दिया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पार्श्वभूमि और विवाद
एनईईटी-यूजी 2024 फिजिक्स पेपर के इस सवाल पर 4.2 लाख छात्रों ने दूसरा विकल्प चुना, जबकि 9.28 लाख छात्रों ने चौथा विकल्प चुना। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि दोनों उत्तर सही नहीं हो सकते और एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) को दोनों को पूर्ण अंक नहीं दे सकते।
इस विवाद का असर 4 लाख से अधिक उम्मीदवारों के अंकों पर पड़ेगा, जिनमें 44 ऐसे छात्र भी शामिल हैं जिन्होंने पूर्ण अंक प्राप्त किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए के उस फैसले को भी सवाल किया है जिसके अनुसार उन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए जिन्होंने दूसरा विकल्प चुना। कोर्ट ने यह ध्यान दिया है कि एनटीए को केवल नवीनतम एनसीईआरटी संस्करण का पालन करना चाहिए।
नीति, निष्ठा और परीक्षा में अनियमितता
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं का भी सामान्य ध्यान दिया। छात्रों और उनके अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि देश के विभिन्न राज्यों में प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और इसके समर्थन में साक्ष्य मांगे हैं जिससे यह समझा जा सके कि यह किस हद तक व्यापक है।
आईआईटी-दिल्ली की जिम्मेदारी
आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को 23 जुलाई 2024 की दोपहर तक विशेषज्ञों की राय सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। विशेषज्ञों का यह पैनल 24 घंटे के अंदर इस सवाल का विश्लेषण करेगा और बताएगा कि किस उत्तर को सही माना जाना चाहिए।
यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा का परिणाम लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा। इस परीक्षा के माध्यम से देश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है और इस प्रकार का विवाद छात्रों के मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। कोर्ट का यह कदम इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से पूरी हो।
चुनौतीपूर्ण समय
यह मामला एनटीए के नियमों और नीतियों को भी चुनौती देता है। एनटीए को यह स्पष्ट करना होगा कि वह किस आधार पर निर्णय लेता है और कैसे वह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं न उत्पन्न हों। बोर्ड की सिफारिश के अनुसार, इस विवाद का समाधान जल्द ही निकलेगा और एनटीए को अपनी प्रणाली को और मजबूत बनाना होगा ताकि भविष्य में छात्रों के लिए यह समस्या न बने।
छात्रों और उनके परिवारों के लिए ये दिन बहुत चुनौतीपूर्ण हैं। वे सब बेसब्री से इस मुद्दे की तहकीकात और उचित समाधान का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनके मेहनत के फल का सही मूल्यांकन हो सके।
akarsh chauhan
जुलाई 24, 2024 AT 11:54soumendu roy
जुलाई 26, 2024 AT 05:44Kiran Ali
जुलाई 26, 2024 AT 12:31Kanisha Washington
जुलाई 26, 2024 AT 14:27Rajat jain
जुलाई 27, 2024 AT 23:36Gaurav Garg
जुलाई 29, 2024 AT 22:12Ruhi Rastogi
जुलाई 31, 2024 AT 17:18