छठ पूजा: बिहार‑झारखंड में मनाया जाने वाला खास सूर्य उपासना त्यौहार

जब छठ पूजा, एक प्राचीन वैदिक सूर्य उपासना है जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. Also known as सूर्य पूजा, यह त्यौहार सूर्य के दो प्रमुख अ斯्‍थानों – उगते और डूबते समय – को अर्घ्य (पानी में फल, फूल और दीया) अर्पित करके धन्यवाद देता है।

मुख्य रीति‑रिवाज और जुड़े हुए प्रमुख तत्व

छठ पूजा में सूर्य, भौगोलिक रूप से पृथ्वी के सबसे बड़े जलवायु नियामक और हिंदू धर्म में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है को प्रसन्न करने के लिए कई अनोखी प्रथाएँ होती हैं। सबसे पहले अर्घ्य, पानी में रखे हुए फल, फूल, नारीयल के टुकड़े और दीपक जो सूर्य को दिया जाता है श्रद्धालुओं द्वारा नदी या तालाब की किनारी पर सुबह‑संध्या दो बार अर्पित किया जाता है। यह अर्घ्य देना छठ का केंद्र बिंदु है, क्योंकि इसे सूर्य के प्रकाश और ऊर्जा के साथ जोड़ना माना जाता है।

एक और अनिवार्य भाग है उपवास, कड़ी शारीरिक और शारीरिक शुद्धता की प्रक्रिया जिसमें केवल कच्चे ककड़ी, नारियल पानी और फल खाए जाते हैं। उपवास का उद्देश्य शरीर को शुद्ध करना और मन को एकाग्रता की स्थिति में लाना है, ताकि अर्घ्य अर्पण के समय शारीरिक शक्ति बनी रहे। उपवास के साथ-साथ छठ के दिन 'सहेज' (साज‑सज्जा) के लिए सावित्री व्रत और विशेष स्नान भी किया जाता है, जिससे त्यौहार की आध्यात्मिक गहराई बढ़ती है।

इन सभी तत्वों का आपस में घनिष्ठ संबंध है: सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिये शुद्ध शरीर की जरूरत होती है, इसलिए उपवास अनिवार्य है, और अर्घ्य ही सूर्य को धन्यवाद देने का माध्यम बनता है। यह त्रिकोणीय संबंध छठ पूजा को सिर्फ एक सामाजिक त्यौहार नहीं, बल्कि एक समग्र जीवन‑शैली बनाता है।

भौगोलिक रूप से, बिहार, उत्तर भारत का एक प्रमुख राज्य जहाँ छठ पूजा का सबसे बड़ा उत्सव मनाया जाता है, विशेषकर गंगा किनारे और वैशाली में इस रीति‑रिवाज का मूल माना जाता है। यहाँ के गाँव‑शहरों में गंगा, कोसी या अन्य नदी किनारे बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है, जहाँ लोग सामुदायिक रूप से अर्घ्य देते हैं। झारखंड के कई हिस्सों में भी इसे समान उत्साह के साथ मनाया जाता है, और स्थानीय संस्कृति में सूर्य के प्रति आदर को प्रतिबिंबित करता है। यह क्षेत्रीय जुड़ाव छठ को एक राष्ट्रीय स्तर की पहचान देता है, जबकि हर राज्य अपने अंदाज़ में इसे अपनाता है।

अब आप समझ गए होंगे कि छठ पूजा सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि सूर्य, अर्घ्य, उपवास और क्षेत्रीय संस्कृति के बीच गहरा संबंध है। नीचे आप छठ पूजा से जुड़े ताज़ा समाचार, प्रायोगिक गाइड और सूर्योदय‑संध्या के अद्भुत पलों की फ़ोटो देखेंगे, जो आपके इस पावन त्यौहार को और भी जीवंत बना देंगे।

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