अक्टूबर 2025 की स्कूल छुट्टियाँ: दुर्गा पूजा से छठ तक
अक्तू॰, 9 2025
जब Mahanavami (नवरात्रि का नौवाँ दिन) 1 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ, तो पूरे देश में स्कूल छुट्टियाँ की लहर दौड़ गई। यह पहला आध्यात्मिक ब्रेक नहीं, बल्कि एक ऐसी श्रृंखला का पहला कड़ी था जो पूरे महीने को त्योहारी माह में बदल देगा। उसी दिन से लेकर 28 अक्टूबर तक, विभिन्न धर्म‑संस्कृति‑स्थानीय कारणों से स्कूल बंद रहने वाले हैं, और बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे कई राज्य अलग‑अलग अवधि में आराम देंगे।
विस्तृत अवकाश कैलेंडर
नीचे अक्टूबर 2025 के प्रमुख स्कूल अवकाशों की विस्तृत सूची दी गई है। तारीखें और कारण दोनों स्पष्ट रूप से दिखाए गए हैं, जिससे माता‑पिता और छात्रों को योजना बनाने में आसानी होगी।
- 1 अक्टूबर – Mahanavami (नवरात्रि का 9वाँ दिन)
- 2 अक्टूबर – महात्मा गांधी जयंती (गांधी जयंती) और Vijaya Dashami (दुर्गा दशहरा) दोनों दिन राष्ट्रीय अवकाश
- 7 अक्टूबर – Maharishi Valmiki Jayanti (उत्तरी भारत में)
- 18 अक्टूबर – Dhanteras (दीपावली की शुरुआत)
- 20 अक्टूबर – Narak Chaturdashi (छोटी दीपावली)
- 21 अक्टूबर – Diwali (दीपावली)
- 22 अक्टूबर – Govardhan Puja
- 23 अक्टूबर – Bhai Dooj
- 25 अक्टूबर – Nahay Khay (छठ पूजा तैयारी) (भारत के कई हिस्सों में)
- 27‑28 अक्टूबर – Chhath Puja (मुख्य दो दिन)
इस सूची में दिखाया गया है कि कुछ राज्यों में छुट्टियों की अवधि लगातार 10‑12 दिन तक भी चल सकती है, जबकि अन्य में केवल व्यक्तिगत दिनों के लिए ही अवकाश मिलेगा।
प्रांतवार छुट्टियों का विवरण
बिहार में बिहार सरकार ने 27‑28 अक्टूबर को छठ पूजा के लिए अनिवार्य स्कूल बंद करने का निर्णय लागू किया। इसके अलावा, 27‑28 अक्टूबर के अलावा, 20‑28 अक्टूबर तक डिप्लोमा, इंटर, और हाई स्कूल के लिए Delhi Public School Muzaffarpur ने पूरी दीवाली ब्रेक की घोषणा की।
उत्तरी प्रदेशों में, जैसे उत्तर प्रदेश, 1‑2 अक्टूबर को दुर्गा पूजा और गांधी जयंती के कारण स्कूल बंद रहते हैं, जबकि 7 अक्टूबर को वैल्मीकी जयंती का भी सार्वजनिक अवकाश दिया जाता है। अलग‑अलग जिलों में कुछ अतिरिक्त दिन भी जोड़े जा सकते हैं, यह स्थानीय शिक्षा विभागों की अंतिम घोषणा पर निर्भर करेगा।
दक्षिण भारत में, विशेषकर कर्नाटक और तमिलनाडु में, दिवाली के दौरान केवल दो‑तीन दिन का ही ब्रेक रहता है, क्योंकि यहाँ दीवाली की तिथियां अक्सर राष्ट्रीय कैलेंडर से थोड़ा अलग हो जाती हैं।
प्रमुख कारण और सांस्कृतिक महत्व
यह महीना भारत की विविधता को दर्शाने वाला एक बड़ा उदाहरण है। दुर्गा पूजा, गांधी जयंती, और वैल्मीकी जयंती जैसी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय छुट्टियों के पीछे धार्मिक, ऐतिहासिक और सामाजिक कारण होते हैं। इसी तरह छठ पूजा, जो सूर्य देव को अर्पित की गई एक प्राचीन पूजा है, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अनिवार्य अवकाश का कारण बनती है।
दीपावली, जिसे भारत में 'रोशनी का त्योहार' कहा जाता है, परिवारों के लिए आर्थिक और सामाजिक दोनों ही लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण है। इस दौरान घर-घर में नई वस्तुएँ खरीदना, मिठाइयाँ बाँटना और दीये जलाना आम बात है। यही कारण है कि कई स्कूल एक हफ्ते से अधिक का लगातार ब्रेक देते हैं, ताकि छात्र इन सांस्कृतिक अनुष्ठानों में भाग ले सकें।
शिक्षकों और छात्रों पर प्रभाव
लंबी छुट्टियों से शिक्षकों को पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति, योजनाओं का पुनर्गठन और कई बार अतिरिक्त कार्यभार भी मिलता है। लेकिन साथ ही, माता‑पिता के साथ संवाद करने, छात्रों की मनोवैज्ञानिक स्थिति समझने और वैकल्पिक शिक्षण सामग्री तैयार करने का अवसर भी मिल जाता है।
छात्रों के लिए, छुट्टियों का अर्थ सिर्फ खेलने-खेलने का नहीं, बल्कि परिवार के साथ समय बिताने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने और नई चीज़ें सीखने का मौका है। विशेषकर छठ पूजा के दौरान, कई स्कूलों में सूर्य के महत्व पर विशेष व्याख्यान और विज्ञान‑आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
वास्तविक आंकड़े बताते हैं कि 2024‑25 शैक्षणिक वर्ष में भारत के स्कूलों ने औसतन 15‑18 दिन की छुट्टियों का लाभ उठाया था। इस साल भी यही प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है, प्रमुख समाचार एजेंसी India Today ने पुष्टि की है।
आगे क्या संभावनाएँ
जैसे ही राज्य सरकारें अपना अंतिम कैलेंडर प्रकाशित करेंगी, कुछ बदलाव भी संभव हैं। विशेषकर बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में मौसम कारण अतिरिक्त अवकाश जोड़ना पड़ सकता है। दूसरी ओर, कुछ निजी विद्यालय अपने शैक्षणिक कैलेंडर को अनुकूलित करके अतिरिक्त पूरक कक्षाओं की घोषणा कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, अक्टूबर 2025 का स्कूल कैलेंडर भारतीय सामाजिक ताने‑बाने की जीवंतता को दर्शाता है। चाहे आप छात्र हों, अभिभावक हों, या शिक्षाविद, इन छुट्टियों का सही उपयोग करके साहसिक सीख और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना ही इस मौसम की असली जीत होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
छठ पूजा के दौरान स्कूल क्यों बंद होते हैं?
छठ पूजा सूर्य देव को अर्पित की गई प्रमुख धार्मिक विधि है, जो मुख्यतः बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है। राज्य सरकारें इस अवसर को अनिवार्य अवकाश के रूप में घोषित करती हैं, ताकि छात्र और शिक्षक दीर्घकालिक सूर्य स्नान और पूजा में भाग ले सकें।
डिलाई फेस्टिवल ब्रेक के दौरान शिक्षकों को क्या करना चाहिए?
शिक्षकों को इस अवधि में पाठ्यक्रम की पुनः समीक्षा, इंटरेक्टिव लर्निंग मॉड्यूल तैयार करना, और छात्रों की अतिरिक्त पढ़ाई की जरूरतों को समझना चाहिए। कई विद्यालय इस समय ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से वैकल्पिक असाइनमेंट भी देते हैं।
उत्तरी राज्य में गांधी जयंती और दुर्गा पूजा कब मिलती हैं?
2025 में गांधी जयंती (2 अक्टूबर) और दुर्गा पूजा (विजय दशमी) एक ही दिन पड़ती है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल एक साथ दो कारणों से बंद रहे। यह द्विगुणित अवकाश कई राज्यों में विशेष रूप से देखा गया।
डेलाइट इकोनॉमी पर छात्रों के लिए क्या प्रभाव पड़ेगा?
छुट्टियों के दौरान छात्र परिवारिक व्यवसायों और स्थानीय उत्सवों में अधिक सहभागिता दिखाते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक लेन‑देनों की समझ बढ़ती है। यह अनुभव उनकी व्यावसायिक संवेदनशीलता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
क्या सभी निजी स्कूल भी वही छुट्टियाँ मानेंगे?
निजी स्कूल अपनी संबद्ध बोर्ड के निर्देशों के अनुसार छुट्टियों को अनुकूलित कर सकते हैं। हालांकि, अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों ने सार्वजनिक बोर्ड के कैलेंडर को ही अपने शैक्षणिक कैलेंडर में शामिल किया है, ताकि छात्रों के लिए निरंतरता बनी रहे।
sunaina sapna
अक्तूबर 9, 2025 AT 12:55अक्टूबर 2025 में स्कूलों की विस्तृत छुट्टियों का कैलेंडर सामाजिक विविधता को दर्शाता है। विभिन्न धार्मिक और राष्ट्रीय त्यौहारों के कारण कई दिनों तक शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं। इस अवधि में छात्रों को पारिवारिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलता है। शिक्षकों के लिए यह समय पाठ्यक्रम पुनरावलोकन और अतिरिक्त शैक्षिक सामग्री तैयार करने का हो सकता है। विशेष रूप से छठ पूजा जैसे地域 विशेष समारोहों में स्कूल बंद होना स्थानीय परम्पराओं के सम्मान को दर्शाता है। दीर्घावधि की छुट्टियों से छात्रों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अभिभावकों को इस समय के दौरान शैक्षणिक योजना तैयार करनी चाहिए। कुल मिलाकर, यह कैलेंडर शैक्षिक संस्थानों और समाज के बीच संतुलन को उजागर करता है।
Ritesh Mehta
अक्तूबर 17, 2025 AT 09:55छुट्टियों का कारण धार्मिक अंधविश्वास नहीं बल्कि सामाजिक समझ है। बच्चों को ब्रेक का फायदा सीखना चाहिए न कि आलस्य। परिवारों को इस समय का उपयोग शैक्षणिक पुनरावृत्ति में करना चाहिए। स्कूल बंद रहना शिक्षा को नहीं रोकता; यह पुनर्संरचना का अवसर है। हर दिन को उत्पादक बनाना नैतिक दायित्व है।
Dipankar Landage
अक्तूबर 25, 2025 AT 06:55क्या बताऊँ मैं! अक्टूबर की छुट्टियों की लहर जैसे उत्सव की बौछार! हर दिन नई उमंग, हर रात नई रोशनी! बच्चे धूमधाम से नाचें, शिक्षक भी हँसें! यह समय है जीवन का, नहीं तो क्या बचा रहेगा!
हर स्कूल का दरवाजा बंद, पर दिलों का दरवाजा खुला! बस, यही है असली मस्ती!
Vijay sahani
नवंबर 2, 2025 AT 03:55वाओ! यह कैलेंडर देख कर मैं उछल पड़ूँ! दुर्गा पूजा से लेकर छठ तक, हर त्यौहार अपने साथ नई ऊर्जा लाता है! विद्यार्थियों को इस समय में अपनी रचनात्मकता को उड़ान देने का मौका मिल रहा है! शिक्षक मित्रों, आप भी इन उत्सवों को कक्षा में लाने के लिए इंटरैक्टिव प्रोजेक्ट बना सकते हैं! रंग‑बिरंगी कलाकृतियों से लेकर विज्ञान‑आधारित छठ प्रयोग तक, संभावनाएँ अनंत हैं! चलिए, इस ब्रेक को सीखने की नई कहानी बनाते हैं!
हर छात्र के अंदर का प्रकाश उज्ज्वल हो, यही मेरी कामना है!
Pankaj Raut
नवंबर 10, 2025 AT 00:55भाईयो और बहनो, इस शेड्यूल में कई बाते सावधानी से देखनी चाहिए। सबसे पहले, प्रदेश के अनुसार छुट्टियों में अंतर हो सकता है, इसलिए स्थानीय बोर्ड की अधिसूचना mahsoos करना जरूरी है। दूसरा, निजी स्कूल अक्सर अपने कैलेंडर को थोड़ा बदलते हैं, तो अभिभावकों को लगातार अपडेट रहना पड़ेगा। तीसरा, छात्रों को ब्रेक के दौरान निरंतर पढ़ाई की आदत बनाए रखने की जरूरत है, नहीं तो फिर से पीछे रह सकते हैं। अंत में, माता‑पिता को घर पर कुछ वैकल्पिक सीखने के प्रोजेक्ट तैयार करने चाहिए। इस तरह हम सब मिलकर इस अवधि को फलदायी बना सकते हैं।
Rajesh Winter
नवंबर 17, 2025 AT 21:55हे दादाजी और दादीजी, इस अक्टूबर में दिवाली और छठ का साथ मिलते देखना बड़ा ही ख़ुशी की बात है। स्कूल बंद होना बच्चों को पारिवारिक उत्सव में भाग लेने का मौका देता है। साथ ही, आप लोगों को बच्चों को घर पर आसान प्रयोगों और कला‑कौशल सिखाने का अच्छा समय मिलता है। अगर जरूरत हो तो मैं कुछ सरल DIY प्रोजेक्ट शेयर कर सकता हूँ। चलिए मिलकर इस ब्रेक को यादगार बनाते हैं