ग्री मार्केट प्रीमियम क्या है? आसान समझ और बचाव के टिप्स
जब आप नया स्मार्टफ़ोन या लैपटॉप देख रहे होते हैं, तो कभी‑कभी उसी मॉडल की कीमत दो जगहों पर अलग‑अलग दिखती है। आधिकारिक स्टोर में जो कीमत लिस्टेड होती है, वही ग्री मार्केट में अक्सर ज्यादा मिलती है और साथ ही एक ‘प्रीमियम’ जोड़ दिया जाता है। इस प्रीमियम का मतलब है कि आप मूल कीमत से अतिरिक्त राशि दे रहे हैं, बिना किसी खास फायदा के.
ग्री मार्केट प्रीमियम के कारण
पहला कारण है सप्लाई की कमी. जब कोई नई फोन लॉन्च होती है और स्टॉक जल्दी खत्म हो जाता है, तो अनऑफिशियल डीलर महंगे दाम ले लेते हैं। दूसरा कारण टैक्स या कस्टम का अलग नियम होता है; कुछ देशों में ग्री मार्केट पर आयात शुल्क कम लगते हैं, लेकिन फिर भी रिटेलर खुद कीमत बढ़ा देते हैं। तीसरा अक्सर ‘बिल्ड क्वालिटी’ या ‘ज्यादा एक्सेसरीज़’ के बहाने से प्रीमियम जोड़ दिया जाता है, जबकि असल में वही मॉडल होता है.
स्मार्टफ़ोन खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
पहला, हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद रिटेलर की कीमत देखिए. अगर कोई ऑफ़र बहुत ही ज़्यादा अच्छा लगे, तो उसे दो‑तीन बार चेक करें। दूसरा, वारंटी कार्ड और बॉक्स पर ध्यान दें; ग्री मार्केट में अक्सर वैध वारंटी नहीं होती। तीसरा, मोबाइल का IMEI या सीरियल नंबर ऑनलाइन चैक करिए, ताकि पता चले कि वह डिवाइस असली है या नकल.
अगर आप पहले से ही प्रीमियम चुका चुके हैं, तो रिटर्न पॉलिसी देखें. कई बड़े ई‑कॉमर्स साइटों पर 7‑10 दिन में वापस करने की सुविधा होती है। साथ ही, अगर आपको लगता है कि डिवाइस में कोई समस्या है, तो तुरंत कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें.
सामान्य तौर पर ग्री मार्केट प्रीमियम से बचने के लिए समय पर खरीदारी करना सबसे अच्छा उपाय है. नई रिलीज़ की पहले दो हफ्तों में कीमत स्थिर रहती है, और बाद में बढ़ती ही रहती है. इसलिए अगर आप फ्यूचर‑प्रूफ फ़ोन चाहते हैं तो जल्दी ले लेना बेहतर रहेगा.
अंत में याद रखें, प्रीमियम सिर्फ एक अतिरिक्त खर्च नहीं, बल्कि अक्सर बेकार का बोझ होता है. सही जानकारी और सतर्क रहने से आप वही डिवाइस उचित कीमत पर पा सकते हैं, बिना किसी झंझट के।