जस्ट्रिस हेमा समिति क्या करती है?

अगर आप कभी कोर्ट की लंबी लड़ाई या असमान फैसलों से थके हैं, तो जस्ट्रिस हेमा समिति आपके लिये एक राहत का स्रोत बन सकती है। ये समूह विशेष तौर पर न्याय प्रणाली में खामियों को पकड़ने और सुधार के सुझाव देने के लिए बनाया गया है।

समिति आमतौर पर कानून विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिकों की आवाज़ को शामिल करती है। उनका काम सिर्फ शिकायतें सुनना नहीं, बल्कि उनपर ठोस कदम उठाना भी है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी क्षेत्र में कोर्ट का केस बैकलॉग बहुत बड़ा है तो समिति उस समस्या को हाईएर अधिकारियों तक पहुँचाती है और समाधान प्रस्तावित करती है।

समिति की प्रमुख जिम्मेदारियां

पहली बात – पारदर्शिता बढ़ाना. वे न्याय प्रक्रिया के हर कदम को जनता के सामने लाते हैं, ताकि कोई भी छिपा न रह सके। दूसरी बात – समीक्षा और रिपोर्टिंग. नियमित तौर पर वे विभिन्न अदालतों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन करती हैं और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट जारी करती हैं। तीसरी बात – नए नियम बनाना या मौजूदा को सुधारना. जब कोई बड़ी समस्या बार-बार सामने आती है, तो समिति सुझाव देती है कि नया कानून कैसे बनाया जाए या पुराना कितना बदलना चाहिए।

इन जिम्मेदारियों में सबसे महत्वपूर्ण है आम जनता की भागीदारी। आप अगर किसी केस में अनसुनवाई महसूस करते हैं, तो सीधे समिति को लिख सकते हैं। उनके पास ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन भी होती है जहाँ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

समिति के काम से कैसे लाभ उठाएँ?

पहले तो यह समझें कि आप किस प्रकार की समस्या लेके आए हैं – चाहे वो देर से सुनवाई, भ्रष्टाचार या गलत फाइलिंग हो। फिर संबंधित दस्तावेज़ इकट्ठा करें और समिति को भेजें। कई बार वे अपने स्वयं के जांच टीम भेज कर सीधे मैदान में जाकर साक्ष्य एकत्र करती है।

दूसरी बात, यदि आप सामाजिक कार्यकर्ता हैं तो समिति की मीटिंग्स में भाग लेकर अपनी राय दे सकते हैं। यह न केवल आपके क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करता है बल्कि नीति‑निर्माताओं को भी सही दिशा दिखाता है।

आखिर में, याद रखें कि जस्ट्रिस हेमा समिति का लक्ष्य न्याय को सभी के लिए सुलभ बनाना है। अगर हम सब मिलकर इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करेंगे तो कोर्ट की कार्यक्षमता बढ़ेगी और जनता का भरोसा भी मजबूत होगा।

मलयालम फिल्म उद्योग में महिला अभिनेत्रियों पर हो रहे अत्याचार: जस्टिस हेमा समिति की विस्फोटक रिपोर्ट

मलयालम फिल्म उद्योग में महिला अभिनेत्रियों पर हो रहे अत्याचार: जस्टिस हेमा समिति की विस्फोटक रिपोर्ट

जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिला अभिनेत्रियों पर व्यापक और लगातार हो रहे यौन उत्पीड़न का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महिला कलाकारों को काम शुरू करने से पहले ही अवांछित उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। यह समिति 2019 में 2017 की अभिनेत्री हमले के मामले के बाद गठित की गई थी।