10 दिनों में नया बिजली कनेक्शन: यूपी में 50 रुपये में प्रक्रिया

10 दिनों में नया बिजली कनेक्शन: यूपी में 50 रुपये में प्रक्रिया अक्तू॰, 6 2025

जब उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई की बात आती है, तो लोग अक्सर लंबी कतारों, कागजी झंझट और अनिश्चित समय‑सीमा से जूझते देखते हैं। यहाँ "झटपट बिजली कनेक्शन योजना" ने इस दुपचौक को उलटने की कोशिश की है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने 2025 के शुरुआत में इस योजना को लॉन्च किया, जिससे अब घर‑बैठे ऑनलाइन आवेदन करके सिर्फ 50 रुपये फीस में 10 दिनों के भीतर नया बिजली कनेक्शन मिल सकता है।

योजना का परिचय

झटपट योजना के पीछे का मकसद सीधा है: प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और ग्राहकों‑के‑लिए सुविधाजनक बनाना। पहले जहाँ उपभोक्ता को कई ऑफिस जाकर फॉर्म भरना पड़ता था, अब सब कुछ "upenergy.in" के कस्टमर कॉर्नर में एक क्लिक से पूरा हो जाता है। योजना घरेलू, व्यावसायिक, कृषि और औद्योगिक चार अलग‑अलग वर्गों में कनेक्शन उपलब्ध कराती है, यानी किसान से लेकर छोटे व्यवसायी तक सभी को समान रूप से फायदा होगा।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

सबसे पहले उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upenergy.in खोलें। "कस्टमर कॉर्नर"‑में जाएँ, फिर "कनेक्शन सर्विस" और उसके बाद "अप्लाई फॉर न्यू इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन" पर क्लिक करें।

  • नाम, सम्पूर्ण पता, मोबाइल नंबर और वांछित लोड (किलोवॉट) भरें।
  • डिस्ट्रिक्ट, डिवीजन और हाउस/प्लॉट नंबर देनी अनिवार्य है; डिवीजन नहीं पता तो लाइन‑मैन या जेईई से पूछ सकते हैं।
  • बीपीएल कार्ड‑धारकों को अपना बीपीएल कार्ड स्कैन करके अपलोड करना होगा।

फ़ॉर्म पूरा करने के बाद, एप्लिकेशन की सच्चाई दो‑तीन बार चेक करें – छोटी‑सी गलती भी प्रक्रिया को देर कर सकती है। फिर "सबमिट" बटन दबाएँ और 50 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करें। भुगतान पूरा होते ही आपना एप्लिकेशन नंबर स्क्रीन पर दिखेगा, जिसे भविष्य में ट्रैक करने के लिये नोट कर लें।

आवश्यक दस्तावेज़ और फीस

दस्तावेज़ों की बात आयी तो पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस) में से कोई एक चाहिए। अगर आप किराए की प्रॉपर्टी में रह रहे हैं तो मकान मालिक या सह‑मालिक से "अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC)" अनिवार्य है। साथ ही दो पासपोर्ट‑साइज़ रंगीन फोटो भी अपलोड करनी होती है।

दस्तावेज़आवश्यकता
पहचान पत्रआधार/वोटर/पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस
NOC (यदि किराए की संपत्ति)मालिक का हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र
रंगीन फोटो2 पॉट्रेट‑साइज़

फीस के मामले में, सिर्फ 50 रुपये – यानी एक कप चाय की कीमत – ऑनलाइन भुगतान करने के बाद एप्लिकेशन लॉक हो जाता है। यह राशि सरकारी खजाने में सीधे जैविक माध्यम से चली जाती है, इसलिए रसीद को संभाल कर रखें।

भुगतान और प्रक्रिया का समय

भुगतान और प्रक्रिया का समय

परिचालन में अब "शून्य‑भौतिक दस्तावेज़" का नियम लागू है। एक बार फॉर्म और दस्तावेज़ अपलोड हो जाने के बाद, यूपी पावर की तकनीकी टीम अगले 10 कार्यदिवसों में साइट पर वॉल्ट‑इन्स्पेक्शन कर लेती है। अधिकांश मामलों में कनेक्शन नंबर और प्रारंभिक मीटर पढ़ाई उसी सप्ताह के भीतर शुरू हो जाती है। अगर कोई टकराव या अधूरा दस्तावेज़ रहता है, तो विभाग एक SMS के माध्यम से सूचित करता है।

उपभोक्ता के लिए टिप्स

यहाँ कुछ आसान‑सरल टिप्स हैं जो आपके आवेदन को जल्दी से स्वीकृत करने में मदद करेंगे:

  1. फ़ॉर्म भरते समय पता बिल्कुल वैसा ही लिखें जैसा विद्युत विभाग के रजिस्टर में है।
  2. डॉक्यूमेंट स्कैन उच्च रिज़ॉल्यूशन (300 DPI) में रखें, ताकि अपलोड एरर न आए।
  3. NOC की वैधता कम से कम 30 दिन की होनी चाहिए; पुराना प्रमाणपत्र नहीं चलेगा।
  4. भुगतान के बाद रसीद को स्क्रीनशॉट या PDF में सुरक्षित रखें – भविष्य में कोई विवाद हो तो काम आएगा।
  5. यदि कनेक्शन के बाद कोई लीकेज या मीटर समस्या दिखे, तो 24 घंटे के भीतर ग्राहक हेल्पलाइन पर कॉल करें।
भविष्य की संभावनाएँ

भविष्य की संभावनाएँ

जैसे‑जैसे डिजिटल इंडिया की पहल आगे बढ़ रही है, यूपी पावर भी आगामी सालों में "स्मार्ट मीटर" और "ऑन‑डिमांड टैरिफ" जैसी नई सुविधाओं को अपनाने की योजना बना रहा है। इसका मतलब होगा कि अब सिर्फ कनेक्शन नहीं, बल्कि उपभोक्ता की ऊर्जा उपयोग की रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग भी उपलब्ध होगी। यही कारण है कि अब से जल्दी‑जल्दी अपना नई योजना में आवेदन कर लेना फायदेमंद रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मैं किराए की फ्लैट में रहता हूँ, क्या NOC जरूरी है?

हाँ, किराए पर ली गई प्रॉपर्टी में नया कनेक्शन लेने के लिए मकान मालिक का अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) अनिवार्य है। यह दस्तावेज़ 30 दिन से कम नहीं होना चाहिए और उसमें मकान मालिक के हस्ताक्षर तथा पता स्पष्ट होना चाहिए।

ऑनलाइन आवेदन की फीस के बाद रसीद नहीं मिलती, क्या करें?

भुगतान के बाद स्क्रीन पर रसीद दिखती है; उसे तुरंत स्क्रीनशॉट या PDF में सेव कर लें। अगर तकनीकी कारण से नहीं दिखती, तो हेल्पलाइन (1800‑180‑2025) पर कॉलबैक का अनुरोध करें और अपने एप्लिकेशन नंबर को बताएँ।

बीपीएल कार्ड‑धारक के लिए अतिरिक्त क्या प्रक्रिया है?

बीपीएल कार्ड‑धारकों को आवेदन फॉर्म में अपना बीपीएल कार्ड स्कैन करके अपलोड करना होगा। इसके अलावा, छूटित वाटेज़ के अंतर्गत ही कनेक्शन की मंज़ूरी मिलेगी, जिससे बिजली बिल कम रहेगा।

यदि आवेदन जमा करने के बाद मोबाइल नंबर बदल जाए तो क्या करें?

आवेदन सबमिट होने के बाद 24 घंटे के भीतर आप अप्लिकेशन पोर्टल में लॉगिन करके अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं। अपडेट न करने पर यूज़र‑सेवा संदेश आपके पुराने नंबर पर ही भेजे जाएंगे।

कनेक्शन मिलते ही मीटर रीडिंग कैसे जांचें?

कनेक्शन के दो दिन बाद बिजली विभाग एक ऑनलाइन पोर्टल (upenergy.in) पर मीटर रीडिंग डालता है। आप अपने उपभोक्ता संख्या के साथ लॉगिन करके रीयल‑टाइम रीडिंग देख सकते हैं; अगर अंतर दिखे तो तुरंत ग्राहक सहायता पर कॉल करें।

11 टिप्पणि

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    Nathan Rodan

    अक्तूबर 6, 2025 AT 05:16

    यह योजना उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन को सरल बनाने की बड़ी पहल है।
    50 रुपये की मामूली फीस में 10 दिन में कनेक्शन मिलने की संभावना कई लोगों को आशा देती है।
    ऑनलाइन प्रक्रिया से कागजी झंझट कम हो जाता है और समय की बचत होती है।
    विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ कार्यालयों तक पहुँचना मुश्किल है, यह कदम उपयोगी सिद्ध होगा।
    आवेदन भरते समय पता सटीक रूप से लिखना महत्वपूर्ण है, जिससे निरीक्षण में देरी नहीं होती।
    NOC की वैधता का ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि यह दस्तावेज़ बिना इसे मंजूरी मिलना कठिन हो सकता है।
    बीपीएल कार्ड धारकों को भी इस योजना में अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जिससे उनके बिजली बिल में कमी आएगी।
    डिजिटल भुगतान की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है कि धनराशि सही तरीके से सरकार के पास पहुँचती है।
    इस प्रणाली में वास्तविक‑समय मीटरिंग का विचार भी भविष्य में लागू किया जा सकता है।
    यदि कोई तकनीकी कठिनाई आती है तो हेल्पलाइन 1800‑180‑2025 पर संपर्क कर सकते हैं।
    कई उपयोगकर्ताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया में उनका अनुभव काफी सहज रहा।
    हालांकि, कुछ मामलों में दस्तावेज़ स्कैन की गुणवत्ता कारण एरर दिखता है, इसलिए हाई‑रिज़ॉल्यूशन स्कैन ज़रूरी है।
    इस योजना को सफल बनाते हुए यूपी पावर ने पारदर्शिता का नया मानक सेट किया है।
    आगे चलकर स्मार्ट मीटर और ऑन‑डिमांड टैरिफ जैसी सुविधाओं का समावेश उपयोगकर्ताओं के लाभ को और बढ़ाएगा।
    कुल मिलाकर, यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ठोस कदम है और उम्मीद है कि यह अन्य राज्यों में भी दोहराई जाएगी।

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    KABIR SETHI

    अक्तूबर 6, 2025 AT 06:06

    मैं सोचता हूँ कि इस योजना के पीछे का असली मकसद सिर्फ राजस्व बढ़ाना नहीं है बल्कि राजनीतिक दिखावा भी हो सकता है।
    जबकि कुछ लोगों के लिए यह मददगार है, लेकिन प्रक्रिया में अतिरिक्त ब्योरा मांगना कहीं न कहीं बुरा नहीं है।
    अगर विभाग को हर दस्तावेज़ की कड़े जांच की आवश्यकता होगी तो फिर समय सीमा का क्या मतलब?
    वास्तव में, हर गाँव में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, इसलिए ऑनलाइन फॉर्म भरना सभी के लिये संभव नहीं।
    फिर भी, अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए तो यह कदम बहुत सराहनीय हो सकता है।

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    santhosh san

    अक्तूबर 6, 2025 AT 06:56

    भाई, योजना तो बड़ी अच्छी लग रही है पर असली काम तो तब दिखेगा जब लोग इसे वास्तविकता में अपनाएंगे।
    कभी‑कभी कागज‑पत्र की छोटी‑छोटी गलती पूरे प्रोसेस को रोक देती है, इसलिए सावधानी बरतें।
    अगर NOC ठीक से नहीं है तो पूरी बात बेकार हो सकती है।
    आख़िरकार, ऐसी सरकारी योजनाएँ तभी सफल होंगी जब आम जनता को सच में लाभ पहुंचे।

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    Jocelyn Garcia

    अक्तूबर 6, 2025 AT 07:46

    आपने जो टिप्स बताये हैं, वे वास्तव में उपयोगी हैं; मैं इन्हें अपने दोस्तों को भी शेयर करूँगा।
    खासकर पता को बिलिंग रिकॉर्ड के अनुसार लिखना बहुत मायने रखता है।
    यदि कोई समस्या आती है तो तुरंत हेल्पलाइन को कॉल करने से समाधान जल्दी मिलता है।

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    Sagar Singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 08:36

    वाह, क्या तेज़ प्रक्रिया है!

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    aishwarya singh

    अक्तूबर 6, 2025 AT 09:26

    नई योजना को देखकर लगता है कि政府 डिजिटल पहल में सच‑मुच आगे बढ़ रही है।
    हालांकि, हर ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट स्पीड नहीं है, इसलिए कुछ लोग फ़ॉर्म भरने में कठिनाई महसूस करेंगे।
    डॉक्यूमेंट स्कैन की क्वालिटी को लेकर कई बार एरर दिखता है, इसलिए हाई‑रिज़ॉल्यूशन फ़ाइलें अपलोड करना ज़रूरी है।
    फीस केवल 50 रुपये है, जो अधिकांश लोगों के लिए बहुत सस्ती है।
    अगर सभी नागरिक इस सुविधा का सही उपयोग करेंगे तो बिजली कनेक्शन की लंबी कतारें भी खत्म हो सकती हैं।
    समग्र रूप से, यह पहल यूज़र्स के लिए काफी फ़ायदेमंद दिखती है।

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    Ajay Kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 10:16

    देखो, मैं तो कहता हूँ कि ये सब डिजिटल फ़ॉर्म सिर्फ दिखावे के लिये हैं, असली काम तो फील्ड में हे।
    कभी‑कभी तो फ़ॉर्म की क्वेस्टियनरी एट एन्ट्री में गड़बड़ ही नहीं सुधरती।
    भले ही 50 रुपये भरे, पर अगर NOC नहीं है तो पूरा प्रोसेस फँस जाता।
    ऊपर‑नीचे देखो तो बिच में टाइटल, इश्यूज बहुत सारा है।
    फिर भी, इस बात का क़रार है कि सरकार ने एक कदम ओर बढ़ाया है।

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    Vishnu Das

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:06

    सच में, इस योजना की डिजिटल प्रकिया, हमें कई लाभ प्रदान करती है, जैसे समय की बचत, कागज़ी कार्यों में कमी, और पारदर्शिता, जो पहले कम देखी गई थी।
    परंतु, यह भी मानना जरूरी है, कि इंटरनेट की उपलब्धता हर कोने में समान नहीं है, इसलिए कुछ उपयोगकर्ताओं को असुविधा हो सकती है।
    फिर भी, यदि अधिकारियों ने दस्तावेज़ अपलोड के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया, तो कई समस्याएँ हल हो सकती हैं।
    आख़िर में, यह पहल हमारे देश के डिजिटल इंडिया लक्ष्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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    sandeep sharma

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:56

    भाइयों और बहनों, चलिए इस नई योजना को अपनाते हैं और अपने घरों में जल्दी से बिजली की रौशनी लाते हैं!
    ऑनलाइन फॉर्म भरना आसान है, बस थोड़ा धैर्य रखिए और सभी दस्तावेज़ सही ढंग से अपलोड कीजिए।
    यदि कोई दिक्कत आती है, तो तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें, वे मदद करेंगे।
    इस तरह हम सब मिलकर अपने समाज को रोशन कर सकते हैं।

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    pragya bharti

    अक्तूबर 6, 2025 AT 12:46

    ज़िन्दगी में कभी‑कभी सबसे छोटे बदलाव ही बड़े परिवर्तन लेकर आते हैं, जैसे यह 50 रुपये का कनेक्शन योजना।
    जब हम डिजिटल के माध्यम से असम्भव को सम्भव बनाते हैं, तो वह एक नई रोशनी की तरह चमकती है।
    इस योजना को अपनाकर हम न केवल ऊर्जा पहुँचाते हैं, बल्कि सामाजिक समावेशिता भी बढ़ाते हैं।
    हर घर में बिजली होना, शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक है।
    आइए, इस अवसर का सही उपयोग करके अपने और अपने पड़ोसियों के भविष्य को उज्जवल बनाएं।

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    ARPITA DAS

    अक्तूबर 6, 2025 AT 13:36

    मैं यह कहूँगा कि इस योजना के पीछे के बड़े राज़ों को शायद जनता नहीं जानती; कहीं यह डिजिटल निगरानी का नया रूप तो नहीं?
    भले ही प्रक्रिया सरल दिखे, पर हर ऑनलाइन एंट्री सरकार के बड़े डेटा बैंक्स में जमा हो रही है।
    टैक्स चोरी से लेकर व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग तक, संभावनाएँ अनंत हैं।
    फिर भी, यदि हम सावधानी से चरणों का पालन करें तो शायद हम इस जाल से बच सकें।
    आख़िर में, सच तो यही है कि हमें इस पर सतर्क रहना चाहिए, नहीं तो बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

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