फ़ार्मा स्टॉक्स में भारी गिरावट: ट्रम्प की MFN दवा मूल्य नीति
सित॰, 26 2025
ट्रम्प की नई दवा मूल्य नीति का विवरण
12 मई 2025 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक्ज़िक्यूटिव ऑर्डर 14297 जारी किया, जिसका शीर्षक था "अमेरिकी रोगियों के लिए सबसे अनुकूल दवा मूल्य प्रदान करना"। यह आदेश 2020 की वही पहल को दोबारा जीवित करता है, जिसे पहले कानूनी अड़चनों और बाइडेन सरकार ने रोक दिया था। इस आदेश का मकसद दवा की कीमत को विदेशों में मिलने वाली सबसे कम कीमत से मेल कराना है, जिससे अमेरिकी मरीजों को भारी बचत मिल सके।
पत्र में मुख्य मांगें ये थीं:
- हर मेडिकेड रोगी को MFN कीमत देना।
- नए दवाओं के लिए अन्य विकसित देशों को अमेरिका से बेहतर कीमत नहीं देना।
- बीच के मध्यस्थों को हटाकर सीधे मरीजों को बेचना, ताकि कीमतें विकासशील देशों के समान हों।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति का इस्तेमाल कर कंपनियों को विदेशों में मूल्य बढ़ाने की अनुमति देना, बशर्ते अतिरिक्त आय को सीधे अमेरिकी रोगियों के लिए कीमत घटाने में निवेश किया जाए।
यदि कंपनी इन शर्तों को पूरा नहीं करती, तो सरकार सभी उपलब्ध साधनों से अमेरिकी परिवारों को दवा की ऊँची कीमतों से बचाएगी, जैसा प्रशासन ने स्पष्ट किया। यह पहल लंबे समय से चली आ रही असमानता को दूर करने की कोशिश करती है, जहाँ अमेरिकी रोगियों को वही दवा विदेशियों से कई गुना अधिक कीमत में खरीदनी पड़ती थी।
बाजार और उद्योग पर तत्काल प्रभाव
घोषणा के बाद शेयर बाजार में हिलजोल मच गया। सन् फार्मा, फ़ायज़र, जॉन्सन एंड जॉन्सन जैसे दिग्गजों के शेयर नीचे गिरते रहे। निवेशकों को डर था कि नई नीति से कंपनी की लाभप्रदता पर बड़ा वार हो सकता है, खासकर उन दवाओं पर जो अभी पेटेंट में हैं और उनका लाभ मार्जिन अधिक है।
इसी बीच, कुछ उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम दीर्घकालिक रूप से दवा विकास में नई चुनौतियाँ खड़ी करेगा। यदि कंपनियों को विदेशी बाजारों में उच्च कीमतें नहीं मिलेंगी, तो वे अनुसंधान एवं विकास (R&D) के बजट में कटौती कर सकती हैं। दूसरी ओर, रोगी समूह और उपभोक्ता संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया, क्योंकि अंततः यह दवा पहुँच को अधिक न्यायसंगत बनाता है।
केन्द्रीय मेडिकेयर और मेडिकेड सर्विसेज (CMS) को भी इस नीति को लागू करने का आदेश मिला है, जबकि वह अभी भी इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट के तहत चल रहे मेडिकेयर दवा मूल्य वार्ता कार्यक्रम को जारी रखेगा। इससे नीति के दोहरे प्रभाव—एक तरफ़ कीमत घटाना और दूसरी तरफ़ मौजूदा वार्ता ढांचे को बनाये रखना—का एक जटिल परिदृश्य बनता है।
भविष्य में इस नीति के कार्यान्वयन की दिशा, औद्योगिक प्रतिक्रिया और संभावित कानूनी चुनौतियों को देखना बाकी है। फिलहाल, बैंकर, निवेशक और रोगी सभी इस नई दिशा के विकास को नज़रंदाज़ नहीं कर रहे हैं।
Dhananjay Khodankar
सितंबर 27, 2025 AT 15:04shyam majji
सितंबर 29, 2025 AT 00:38shruti raj
सितंबर 29, 2025 AT 09:59Khagesh Kumar
सितंबर 30, 2025 AT 15:15Ritu Patel
अक्तूबर 1, 2025 AT 19:17Deepak Singh
अक्तूबर 2, 2025 AT 01:27Rajesh Sahu
अक्तूबर 2, 2025 AT 08:42Chandu p
अक्तूबर 3, 2025 AT 08:32