लखीमपुर खेरी के नई DM दुर्गा शक्ति नागपल को मिली प्रशासनिक उत्कृष्टता की सराहना

जब दुर्गा शक्ति नागपल, जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर of लखीमपुर खेरी, ने 31 मार्च 2023 को पदभार संभाला, तो प्रशासनिक उत्कृष्टता की नई कहानी शुरू हुई।
नागपल भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2010 बैच की अधिकारी हैं, और उनके करियर में कई मोड़ आए हैं। उनका जन्म 25 जून 1985 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था; कंप्यूटर साइंस में बी.टेक. की डिग्री इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से पूरी करके उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा पास की।
बायोडेटा और करियर की शुरुआत
IAS में चयनित होने के बाद दुर्गा शक्ति ने उत्तर प्रदेश की कई ज़िले में विभिन्न पदों पर कार्य किया। पहले उन्होंने बांदा में जिला कलेक्टर के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने बुनियादी संरचना सुधारों पर फोकस किया। उनके पति, अभिषेक सिंह, भी एक सफल IAS अधिकारी हैं; दोनों ने अपने‑अपने विभागों में युवाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित किया।
2015 में उन्हें राधा मोहन सिंह, तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, के दफ़्तर में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर किसान‑उपचार नीति के मसौदे में योगदान दिया।
2013 का कडलपुर मस्जिद विवाद और व्यापक प्रतिक्रिया
सबसे बड़ी सार्वजनिक चर्चा तब शुरू हुई जब जुलाई 2013 में उन्होंने कडलपुर मस्जिद विवाद को लेकर विवादास्पद कदम उठाया। घोराबड़ी के जवाहर के पास स्थित कडलपुर गांव में एक अवैध मस्जिद की दीवार को वह मिलिट्री‑टाइप रफ़्तार से ध्वस्त करने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।
निलंबन के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर #SupportDurga जैसे हॅशटैग ट्रेंड करने लगे। कई बयानों में कहा गया कि यह कदम केवल राजनीतिक दबाव का परिणाम है, न कि कानूनी कारणों पर आधारित। राष्ट्रीय स्तर पर बैंकों, नागरिक समाज और कई वरिष्ठ प्रशासकों ने उसके समर्थन में खुलकर आवाज़ उठाई।
सरकार ने अंततः 26 सितंबर 2013 को निलंबन को वापस ले लिया और उन्हें कानपुर देहात में पदस्थापित किया। इस फैसले को कई समाचार चैनलों में "ब्यूरोक्रेटिक स्वतंत्रता की जीत" कहा गया।
बाधाओं के बीच अनैतिक कार्यों के खिलाफ लड़ाई
जौन्ट मैजिस्ट्रेट के रूप में दुर्गा शक्ति ने गौतम बुद्ध नगर में बेकाबू रेत खनन के खिलाफ रात‑दर‑रात छापेमारी की। उन्होंने खुद ही रेत माफिया के ठिकानों पर संचालन किया। एक स्थानीय पत्रकार के साथ उनके संवाद में उन्होंने कहा, "जब तक मैं अख़बार में नहीं पढ़ूँगा, तब तक मैं कार्रवाई नहीं रोकूँगा।" यह कृत्य उनके साहस और दृढ़ता को दर्शाता है।
ऐसी ही कई सफल अभियानों में उन्होंने पर्यावरणीय टॉस और अवैध खदानों को बंद कराया, जिससे राज्य सरकार ने वार्षिक पुनरुद्देश्यित योजना में 12.5% लागत बचत दर्ज की।
- जुलाई‑2013: कडलपुर मस्जिद विवाद और निलंबन
- सितंबर‑2013: निलंबन की पुनः समीक्षा और बहाल करना
- जनवरी‑2015: OSD के रूप में राष्ट्रीय मंच पर सेवा
- मार्च‑2023: लखीमपुर खेरी में DM‑Collector नियुक्ति
- 2024‑2025: रेत खनन निरोधी कार्यों में 30% सुधार

लखीमपुर खेरी में नई भूमिका और उपलब्धियाँ
लखीमपुर खेरी में आए पहले ही महीनों में उन्होंने किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना को तेज़ी से लागू किया। इसके परिणामस्वरूप 2023‑2024 में फसल बीमा कवरेज 78% से बढ़कर 92% हो गया। साथ ही, जिले में जल सृजन हेतु 15 नई नहरों का निर्माण शुरू हुआ, जिससे जल‑स्रोत की उपलब्धता में 20% सुधार आया।
स्थानीय महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उन्होंने "महिला कौशल केंद्र" खोलने का आदेश दिया। अब तक 2,500 से अधिक महिलाओं ने सिलाई‑कढ़ाई और डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
एक सामुदायिक नेता ने कहा, "हमने पहले कभी इतनी सक्रियता नहीं देखी। दुर्गा शक्ति जी की पहल से गाँव‑गाँव में उम्मीद की नई लहर दौड़ रही है।"
भविष्य की चुनौतियाँ और प्रशासनिक दृष्टिकोण
जैसे‑जैसे उत्तर प्रदेश में शहरीकरण तेज़ हो रहा है, लखीमपुर खेरी में भी बुनियादी ढाँचे की मांग बढ़ रही है। दुर्गा शक्ति इस बात पर बल देती हैं कि "टेक्नोलॉजी‑ड्रिवन समाधान ही सतत विकास की कुंजी है"। उन्होंने हाल ही में एक सार्वजनिक‑निजी भागीदारी (PPP) मॉडल प्रस्तावित किया, जिसमें निजी कंपनियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
एक विशेषज्ञ ने कहा, "उनकी तकनीकी पृष्ठभूमि और प्रशासनिक समझीदारी के मिश्रण से राज्य में कई अनसुलझे मुद्दे हल हो सकते हैं।" यदि उनका दृष्टिकोण सफल रहता है, तो लखीमपुर खेरी एक मॉडल जिले के रूप में उभर सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दुर्गा शक्ति नागपल की निलंबन घटना क्यों हुई?
जुलाई 2013 में उन्होंने कडलपुर गांव में अवैध मस्जिद दीवार को ध्वस्त किया, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के आधार पर निलंबन का कारण बना। बाद में सार्वजनिक समर्थन और अदालत के आदेश से निलंबन वापस ले लिया गया।
लखीमपुर खेरी में उनके प्रमुख कार्य कौन‑से हैं?
फसल बीमा कवरेज बढ़ाना, जल सृजन हेतु नहर निर्माण, महिला कौशल केंद्र स्थापना, और रेत खनन निरोधी अभियानों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण प्रमुख पहलें रही हैं।
उनकी बैकग्राउंड में तकनीकी शिक्षा का क्या महत्व है?
इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक. करने से उन्हें डेटा‑ड्रिवन निर्णय लेने में मदद मिलती है, जैसे कि डिजिटल कलेक्शन सिस्टम और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का कार्यान्वयन।
भविष्य में उनके क्या योजनाएँ हैं?
पर्यावरणीय टिकाऊ विकास के लिए सौर ऊर्जा PPP मॉडल, डिजिटल ग्राम पंचायत प्रशासन, और महिला उद्यमिता को सुदृढ़ करने के लिए नई प्रशिक्षण पहलें उनकी योजना में शामिल हैं।
Mahima Rathi
अक्तूबर 9, 2025 AT 19:46दुर्गा शक्ति जी की उपलब्धियों की सूची देखकर लगता है कि एकदम परफेक्ट मॉडल तैयार हो गया है 😏. लेकिन कुछ लोगों को तो बस गलीचा उछालने जैसा ही लगता है, असली काम का क्या पता? फिर भी, उनका नाम सुनते ही सबको इम्प्रेस करने की आदत चलती रहती है 🌟.