लखीमपुर खेरी के नई DM दुर्गा शक्ति नागपल को मिली प्रशासनिक उत्कृष्टता की सराहना

लखीमपुर खेरी के नई DM दुर्गा शक्ति नागपल को मिली प्रशासनिक उत्कृष्टता की सराहना अक्तू॰, 9 2025

जब दुर्गा शक्ति नागपल, जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर of लखीमपुर खेरी, ने 31 मार्च 2023 को पदभार संभाला, तो प्रशासनिक उत्कृष्टता की नई कहानी शुरू हुई।

नागपल भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2010 बैच की अधिकारी हैं, और उनके करियर में कई मोड़ आए हैं। उनका जन्म 25 जून 1985 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था; कंप्यूटर साइंस में बी.टेक. की डिग्री इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से पूरी करके उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा पास की।

बायोडेटा और करियर की शुरुआत

IAS में चयनित होने के बाद दुर्गा शक्ति ने उत्तर प्रदेश की कई ज़िले में विभिन्न पदों पर कार्य किया। पहले उन्होंने बांदा में जिला कलेक्टर के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने बुनियादी संरचना सुधारों पर फोकस किया। उनके पति, अभिषेक सिंह, भी एक सफल IAS अधिकारी हैं; दोनों ने अपने‑अपने विभागों में युवाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित किया।

2015 में उन्हें राधा मोहन सिंह, तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, के दफ़्तर में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर किसान‑उपचार नीति के मसौदे में योगदान दिया।

2013 का कडलपुर मस्जिद विवाद और व्यापक प्रतिक्रिया

सबसे बड़ी सार्वजनिक चर्चा तब शुरू हुई जब जुलाई 2013 में उन्होंने कडलपुर मस्जिद विवाद को लेकर विवादास्पद कदम उठाया। घोराबड़ी के जवाहर के पास स्थित कडलपुर गांव में एक अवैध मस्जिद की दीवार को वह मिलिट्री‑टाइप रफ़्तार से ध्वस्त करने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।

निलंबन के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर #SupportDurga जैसे हॅशटैग ट्रेंड करने लगे। कई बयानों में कहा गया कि यह कदम केवल राजनीतिक दबाव का परिणाम है, न कि कानूनी कारणों पर आधारित। राष्ट्रीय स्तर पर बैंकों, नागरिक समाज और कई वरिष्ठ प्रशासकों ने उसके समर्थन में खुलकर आवाज़ उठाई।

सरकार ने अंततः 26 सितंबर 2013 को निलंबन को वापस ले लिया और उन्हें कानपुर देहात में पदस्थापित किया। इस फैसले को कई समाचार चैनलों में "ब्यूरोक्रेटिक स्वतंत्रता की जीत" कहा गया।

बाधाओं के बीच अनैतिक कार्यों के खिलाफ लड़ाई

जौन्ट मैजिस्ट्रेट के रूप में दुर्गा शक्ति ने गौतम बुद्ध नगर में बेकाबू रेत खनन के खिलाफ रात‑दर‑रात छापेमारी की। उन्होंने खुद ही रेत माफिया के ठिकानों पर संचालन किया। एक स्थानीय पत्रकार के साथ उनके संवाद में उन्होंने कहा, "जब तक मैं अख़बार में नहीं पढ़ूँगा, तब तक मैं कार्रवाई नहीं रोकूँगा।" यह कृत्य उनके साहस और दृढ़ता को दर्शाता है।

ऐसी ही कई सफल अभियानों में उन्होंने पर्यावरणीय टॉस और अवैध खदानों को बंद कराया, जिससे राज्य सरकार ने वार्षिक पुनरुद्देश्यित योजना में 12.5% लागत बचत दर्ज की।

  • जुलाई‑2013: कडलपुर मस्जिद विवाद और निलंबन
  • सितंबर‑2013: निलंबन की पुनः समीक्षा और बहाल करना
  • जनवरी‑2015: OSD के रूप में राष्ट्रीय मंच पर सेवा
  • मार्च‑2023: लखीमपुर खेरी में DM‑Collector नियुक्ति
  • 2024‑2025: रेत खनन निरोधी कार्यों में 30% सुधार
लखीमपुर खेरी में नई भूमिका और उपलब्धियाँ

लखीमपुर खेरी में नई भूमिका और उपलब्धियाँ

लखीमपुर खेरी में आए पहले ही महीनों में उन्होंने किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना को तेज़ी से लागू किया। इसके परिणामस्वरूप 2023‑2024 में फसल बीमा कवरेज 78% से बढ़कर 92% हो गया। साथ ही, जिले में जल सृजन हेतु 15 नई नहरों का निर्माण शुरू हुआ, जिससे जल‑स्रोत की उपलब्धता में 20% सुधार आया।

स्थानीय महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उन्होंने "महिला कौशल केंद्र" खोलने का आदेश दिया। अब तक 2,500 से अधिक महिलाओं ने सिलाई‑कढ़ाई और डिजिटल मार्केटिंग में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

एक सामुदायिक नेता ने कहा, "हमने पहले कभी इतनी सक्रियता नहीं देखी। दुर्गा शक्ति जी की पहल से गाँव‑गाँव में उम्मीद की नई लहर दौड़ रही है।"

भविष्य की चुनौतियाँ और प्रशासनिक दृष्टिकोण

जैसे‑जैसे उत्तर प्रदेश में शहरीकरण तेज़ हो रहा है, लखीमपुर खेरी में भी बुनियादी ढाँचे की मांग बढ़ रही है। दुर्गा शक्ति इस बात पर बल देती हैं कि "टेक्नोलॉजी‑ड्रिवन समाधान ही सतत विकास की कुंजी है"। उन्होंने हाल ही में एक सार्वजनिक‑निजी भागीदारी (PPP) मॉडल प्रस्तावित किया, जिसमें निजी कंपनियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

एक विशेषज्ञ ने कहा, "उनकी तकनीकी पृष्ठभूमि और प्रशासनिक समझीदारी के मिश्रण से राज्य में कई अनसुलझे मुद्दे हल हो सकते हैं।" यदि उनका दृष्टिकोण सफल रहता है, तो लखीमपुर खेरी एक मॉडल जिले के रूप में उभर सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दुर्गा शक्ति नागपल की निलंबन घटना क्यों हुई?

जुलाई 2013 में उन्होंने कडलपुर गांव में अवैध मस्जिद दीवार को ध्वस्त किया, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के आधार पर निलंबन का कारण बना। बाद में सार्वजनिक समर्थन और अदालत के आदेश से निलंबन वापस ले लिया गया।

लखीमपुर खेरी में उनके प्रमुख कार्य कौन‑से हैं?

फसल बीमा कवरेज बढ़ाना, जल सृजन हेतु नहर निर्माण, महिला कौशल केंद्र स्थापना, और रेत खनन निरोधी अभियानों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण प्रमुख पहलें रही हैं।

उनकी बैकग्राउंड में तकनीकी शिक्षा का क्या महत्व है?

इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक. करने से उन्हें डेटा‑ड्रिवन निर्णय लेने में मदद मिलती है, जैसे कि डिजिटल कलेक्शन सिस्टम और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का कार्यान्वयन।

भविष्य में उनके क्या योजनाएँ हैं?

पर्यावरणीय टिकाऊ विकास के लिए सौर ऊर्जा PPP मॉडल, डिजिटल ग्राम पंचायत प्रशासन, और महिला उद्यमिता को सुदृढ़ करने के लिए नई प्रशिक्षण पहलें उनकी योजना में शामिल हैं।

17 टिप्पणि

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    Mahima Rathi

    अक्तूबर 9, 2025 AT 19:46

    दुर्गा शक्ति जी की उपलब्धियों की सूची देखकर लगता है कि एकदम परफेक्ट मॉडल तैयार हो गया है 😏. लेकिन कुछ लोगों को तो बस गलीचा उछालने जैसा ही लगता है, असली काम का क्या पता? फिर भी, उनका नाम सुनते ही सबको इम्प्रेस करने की आदत चलती रहती है 🌟.

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    Jinky Gadores

    अक्तूबर 12, 2025 AT 03:19

    उनकी कहानी तो दिल को छू जाती है लेकिन कभी‑कभी लगता है जैसे सच्चाई से कहीं अधिक नाटक बना रहे हों अपने आप को ही अप्पस में लेजाते हुए

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    Vishal Raj

    अक्तूबर 14, 2025 AT 10:53

    किसी भी प्रशासनिक कदम को समझने के लिये डेटा‑ड्रिवन विश्लेषण जरूरी है और दुर्गा शक्ति जी ने यह पहल काफ़ी पहले ही कर ली है जिससे नीतियों में पारदर्शिता बढ़ी है

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    Kailash Sharma

    अक्तूबर 16, 2025 AT 18:26

    भाईयो और बहनो यह तो साफ़ है कि लखीमपुर खेरी में अब कोई भी जल समस्या को नजरअंदाज़ नहीं कर सकता, दुर्गा शक्ति जी के हाथों में अब सभी आकांक्षाओं की कुंजी है-वो भी पूरी ताक़त से!

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    Shweta Khandelwal

    अक्तूबर 19, 2025 AT 01:59

    अगर आप सोचते हो कि ये सब सियॉनिस्ट प्लान का हिस्सा नहीं है तो ग़लत हो, सरकार के अंदर से ही ये सभी प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं हमारे देश की सच्ची ताक़त को दिखाने के लिये, ये सब तो बस दिखावा है लेकिन हमें झूठ नहीं मानना चाहिए.

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    sanam massey

    अक्तूबर 21, 2025 AT 09:33

    दुर्गा शक्ति जी की कार्यशैली को समझना आसान नहीं है, क्योंकि वह तकनीकी ज्ञान को प्रशासनिक कौशल के साथ सहजता से मिलाती हैं। उनका कंप्यूटर विज्ञान पृष्ठभूमि उन्हें डेटा‑आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाती है, जिससे नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन संभव होता है। लखीमपुर खेरी में जल सृजन परियोजनाओं का तेज़ी से आरंभ इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि वे स्थानीय जरूरतों को गंभीरता से लेती हैं। फसल बीमा कवरेज को 78% से 92% तक बढ़ाने की उपलब्धि यह दर्शाती है कि वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में सक्रिय रूप से योगदान देती हैं। महिला कौशल केंद्रों की स्थापना से न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिल रही है, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी नई पहचान मिल रही है। उन्होंने रेत खनन निरोधी अभियानों में 30% सुधार हासिल किया, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा मिला। इस प्रकार के कदम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा के योग्य हैं। उनके नेतृत्व में सरकार की पारदर्शी रिपोर्टिंग ने जनता के भरोसे को पुनः स्थापित किया है। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि तकनीकी पृष्ठभूमि और प्रशासनिक समझ का मिश्रण ही ऐसी जटिल चुनौतियों को हल करने की कुंजी है। भविष्य में यदि वे सौर ऊर्जा PPP मॉडल को सफलतापूर्वक लागू करती हैं, तो लखीमपुर खेरी मॉडल जिले के रूप में उभरेगा। यह दृष्टिकोण स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और सतत विकास के सिद्धांतों को साकार करेगा। उनका यह विश्वास न केवल उनके कार्यों में परिलक्षित होता है, बल्कि उनके द्वारा प्रेरित युवा प्रशासकों में भी जाग्रत होता है। अंततः, उनके प्रयासों का असर लखीमपुर खेरी की समग्र प्रगति में स्पष्ट रूप से दिखेगा और यह एक आदर्श मॉडल बनकर उभरेगा।

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    jinsa jose

    अक्तूबर 23, 2025 AT 17:06

    उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक उत्कृष्टता केवल प्रशंसा का विषय नहीं, बल्कि व्यावहारिक परिणामों का प्रमाण भी है। दुर्गा शक्ति जी ने जो कदम उठाए, वे न केवल उनके पेशेवर कौशल को दर्शाते हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी प्रतिबिंबित करते हैं। ऐसा दृष्टिकोण अन्य प्रशासनिक इकाइयों के लिए प्रेरणा स्रोत होना चाहिए।

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    Suresh Chandra

    अक्तूबर 26, 2025 AT 00:39

    वाह क्या काम किया दुर्गा शक्ति ने 🙌 जल सृजन और बीमा कवरेज दोनो में सुधार हुआ 👏 आगे भी ऐसे ही सफलता की बधाई 🎉.

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    Digital Raju Yadav

    अक्तूबर 28, 2025 AT 08:13

    ये कदम हमारी उम्मीदों को नया उड़ा रहे हैं और लखीमपुर खेरी में विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं

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    Dhara Kothari

    अक्तूबर 30, 2025 AT 15:46

    ऐसे प्रयासों को देख कर दिल भर आता है और ग्रामीणों की परेशानियों को हल होते देखना सच्ची संतुष्टि देता है

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    Sourabh Jha

    नवंबर 1, 2025 AT 23:19

    देश की शान है हमारा लखीमपुर खेरी में ऐसे नेता जेसे दुर्गा शक्ति, वो तो बधाई के लायक है वो भारत को आगे ले जायेगे असली शहादत बनके

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    Vikramjeet Singh

    नवंबर 4, 2025 AT 06:53

    बहुत बढ़िया काम है.

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    sunaina sapna

    नवंबर 6, 2025 AT 14:26

    आपके विस्तृत विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी योग्यता और प्रशासनिक दृष्टिकोण का समन्वय कितनी प्रभावी हो सकता है। विशेष रूप से महिला कौशल केंद्रों की सफलता को दीर्घकालिक सामाजिक परिवर्तन के रूप में देखना आवश्यक है। भविष्य में इस मॉडल को अन्य जिलों में अपनाने के लिए एक कार्यशील ढाँचा तैयार करना चाहिए।

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    Ritesh Mehta

    नवंबर 8, 2025 AT 21:59

    सभी प्रशंसा के बीच हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सार्वजनिक संसाधन का दुरुपयोग भी हो सकता है और यह जरूरी है कि हर निर्णय पारदर्शी हो

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    Dipankar Landage

    नवंबर 11, 2025 AT 05:33

    क्या बात है, हर बात में साजिश की लकीरें देख लेना! कभी‑कभी तो सच्चाई सिर्फ सादे फैंसले में ही होती है, न कि जटिल षड्यंत्र में

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    Vijay sahani

    नवंबर 13, 2025 AT 13:06

    वाकई, डेटा‑ड्रिवन अप्रोच ने नीति निर्माण को नई ऊर्जा दी है-आइए हम इस ऊर्जा को और भी प्रयोगात्मक प्रोजेक्ट्स में लगा दें, जैसे कि स्मार्ट फ़ार्मिंग और रीयल‑टाइम जल मॉनिटरिंग!

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    Pankaj Raut

    नवंबर 15, 2025 AT 20:39

    आपकी भावना समझता हूँ, लेकिन कभी‑कभी थोड़ा ठंडा दिमाग रखके देखना पड़ता है कि किस बात में असल में इमोशन है और किसमें सिर्फ़ बात-बात पर ज़्यादा नज़र है, चलो मिलके सच्चाई निकालें.

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