पाळघर में भारी बारिश के कारण स्कूलों को 29 सितम्बर तक बंद – इम्ड ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

पाळघर में भारी बारिश के कारण स्कूलों को 29 सितम्बर तक बंद – इम्ड ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट सित॰, 28 2025

इम्ड की चेतावनी और प्रशासनिक कदम

इंडियन मेटेओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 28 सितम्बर को पाळघर जिल्दे में पाळघर स्कूल बंद की खबर से पहले लाल अलर्ट जारी किया, जिसमें अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी थी। अगले दिन ऑरेंज अलर्ट के साथ बारिश की तीव्रता कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी रहने की आशंका जताई गई। इन चेतावनियों के मद्देनज़र, जिला कलेक्टर डॉ. इंदु रानी जाखर ने आधिकारिक नोटिस जारी कर सभी शैक्षणिक संस्थानों को 29 सितम्बर को बंद करने का आदेश दिया।

यह कदम न सिर्फ विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर, बल्कि स्थानीय सड़कों, पुलों और जलाशयों में जलस्तर बढ़ने के कारण संभावित बाढ़ जोखिम से भी बचाव के लिए उठाया गया है।

कौन-कौन से संस्थान बंद होंगे और स्टाफ की क्या जिम्मेदारी है?

सूचना पत्र में बताया गया कि एंगनवाड़ी, सरकारी‑निजी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल, जिला परिषद, नगर शालाएं, सहायता‑प्राप्त और बिना सहायता वाले स्कूल, आश्रम स्कूल, कॉलेज और व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र सभी बंद रहेंगे। छात्रों को छुट्टी मिलेगी, परंतु हेडमास्टर, शिक्षक और गैर‑शिक्षण स्टाफ को नियमित कार्य घंटों में उपस्थित रहना होगा। उन्हें स्थानीय प्राधिकरणों को आपदा प्रबंधन में सहायता प्रदान करने की भी हिदायत दी गई है।

  • बाढ़ की संभावना वाले पुलों एवं सड़कों की जाँच में मदद।
  • बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सहायता सामग्री का वितरण।
  • पड़ोसियों और स्थानीय समुदाय को सतर्क रखने के लिये सूचना प्रसारित करना।

महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी भारी वर्षा की चेतावनियाँ जारी हैं। कोकण, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के गढ़ क्षेत्रों में 30 सितम्बर तक भारी‑बहुत भारी बारिश की संभावना दिखाई जा रही है। मुंबई, ठाणे, पालीघर और रतनागिरी जैसे जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी है, जहाँ पर अधिकतम तापमान 29°C और न्यूनतम 24°C रहेंगे।

पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र में बार-बार तेज़ बारिश और बाढ़ ने स्कूल भ्रमण, ट्रैफिक जाम और कृषि नुकसान जैसे कई समस्याएँ उत्पन्न की हैं। इस बार प्रशासन ने पहले से ही मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए व्यवस्थित कदम उठाए हैं, ताकि छात्रों और कर्मचारियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

स्थानीय लोगों को सलाह दी गई है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें, आवश्यक आपातकालीन उपकरण (जैसे टॉर्च, बैटरियां) तैयार रखें और मौसम विभाग के अपडेट को निरंतर फॉलो करते रहें। प्रशासन की यह सक्रिय पहल, मौसमी आपदाओं के समय में नागरिक सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है।

16 टिप्पणि

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    Krishnan Kannan

    सितंबर 29, 2025 AT 01:39
    ये तो बहुत अच्छा फैसला है। बच्चों की सुरक्षा सबसे ज्यादा मायने रखती है। बारिश में स्कूल भेजना बर्बरता है।
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    Raveena Elizabeth Ravindran

    सितंबर 29, 2025 AT 06:15
    अरे यार ये सब तो बस नाटक है। हर साल ऐसा ही होता है। इम्ड का ऑरेंज अलर्ट तो अब न्यूज़ चैनल का ट्रेंड हो गया है।
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    utkarsh shukla

    अक्तूबर 1, 2025 AT 02:42
    मैंने देखा गांव में लोग बारिश के बीच भी खेतों में काम कर रहे हैं। बच्चों को घर पर रखना ठीक है, पर टीचर्स को ऑफिस में बैठने की जरूरत क्या है? कोई चेकिंग तो नहीं होती।
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    Amit Kashyap

    अक्तूबर 2, 2025 AT 01:46
    इंडिया में ऐसे ही लोग होते हैं जो बारिश के डर से स्कूल बंद कर देते हैं। हमारे पूर्वज बारिश में भी जंगल में घूमते थे। अब तो बच्चे बारिश देखकर डर जाते हैं।
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    mala Syari

    अक्तूबर 2, 2025 AT 16:11
    ये सब फॉर्मलिटी है। असली आपदा प्रबंधन तो जिला कलेक्टर के ऑफिस में बैठकर ड्राफ्ट किया जाता है। बारिश के बाद जब गांव डूब जाएगा, तब फिर नोटिस जारी करेंगे।
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    Kishore Pandey

    अक्तूबर 4, 2025 AT 14:22
    आपदा प्रबंधन के लिए नियमित कार्य घंटों में स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य है। यह एक व्यवस्थित और जिम्मेदार निर्णय है। अनियमितता नागरिक सुरक्षा के लिए खतरा है।
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    Kamal Gulati

    अक्तूबर 5, 2025 AT 08:54
    क्या आपने कभी सोचा है कि टीचर्स के पास भी परिवार होता है? बारिश में घर से निकलना भी एक बहादुरी है। और फिर वो भी बाढ़ के इलाकों में? इंसानियत कहाँ है?
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    Atanu Pan

    अक्तूबर 5, 2025 AT 09:11
    अच्छा हुआ। बच्चे घर पर हैं, टीचर्स तैयार हैं। अगर कुछ हो जाए तो तुरंत रिस्पॉन्ड कर सकते हैं। ये तो बहुत बुद्धिमानी से किया गया है।
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    Pankaj Sarin

    अक्तूबर 5, 2025 AT 12:03
    बारिश बंद कर दो तो सब ठीक हो जाएगा ना 😅 ये स्कूल बंद करने का नया ट्रेंड है या क्या? अगले हफ्ते बादल दिखे तो क्या फैक्ट्री भी बंद कर देंगे?
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    Mahesh Chavda

    अक्तूबर 7, 2025 AT 03:44
    ये सब बस एक दिखावा है। कल तक नोटिस जारी किया, आज तक कोई रिपोर्ट नहीं आई। बारिश के बाद जब गांव डूब जाएगा तो फिर बात करेंगे।
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    Sakshi Mishra

    अक्तूबर 8, 2025 AT 04:07
    हमारी समाज की एक बड़ी कमजोरी यह है कि हम आपदाओं को एक घटना के रूप में देखते हैं, न कि एक प्रक्रिया के रूप में। इस निर्णय में एक गहरी समझ है - जो बार-बार आती है, उसका जवाब भी बार-बार देना चाहिए।
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    Radhakrishna Buddha

    अक्तूबर 8, 2025 AT 10:42
    अरे यार, ये तो बहुत बढ़िया है! मैंने तो सोचा था ये भी बारिश के लिए बंद हो जाएंगे, पर नहीं - टीचर्स तो अभी भी काम कर रहे हैं! ये तो असली देशभक्ति है!
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    Govind Ghilothia

    अक्तूबर 10, 2025 AT 07:55
    इस निर्णय के पीछे भारतीय संस्कृति का गहरा सम्मान छिपा हुआ है - जहाँ बच्चों की सुरक्षा, जन सामान्य की जान और सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी जाती है। यह एक अद्भुत उदाहरण है।
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    Sukanta Baidya

    अक्तूबर 11, 2025 AT 14:24
    अरे यार ये तो बहुत फाइन है। मैंने तो सोचा था बारिश में स्कूल चलेगा, लेकिन नहीं - अब तो बच्चे घर पर फिल्म देख रहे होंगे और टीचर्स को चाय पीते हुए बैठे होंगे। बहुत बढ़िया।
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    Dev Toll

    अक्तूबर 12, 2025 AT 07:48
    मैंने अपने गांव में देखा, बारिश के बाद एक बच्चा बहुत दूर तक चलकर स्कूल आया था। उसके पैर फट गए थे। अगर ऐसे बच्चों को बारिश में भेजना है, तो बारिश को रोकना चाहिए, न कि स्कूल खोलना।
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    Adrija Mohakul

    अक्तूबर 12, 2025 AT 15:46
    बस एक चीज़ बताओ - जब टीचर्स को ऑफिस में बैठने का निर्देश है, तो उन्हें ऑफिस में क्या करने के लिए कहा गया है? क्या कोई लिस्ट तैयार है? क्या उन्हें एक्चुअली एडवाइज़ किया गया है कि कहाँ जाना है, क्या करना है? नहीं तो ये बस एक फॉर्मलिटी है।

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