IMD Orange Alert – समझिए इसका मतलब और कैसे बचें
जब भारत मौसम विभाग (IMD) "ऑरेंज अलर्ट" जारी करता है, तो इसका मतलब है कि मौसम में ऐसे बदलाव आ रहे हैं जो जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह अलर्ट हल्की चेतावनी (येलो) से ज़्यादा गंभीर, लेकिन पूरी तरह रेड अलर्ट जितना नहीं होता। अगर आप इस टैग पेज पर आए हैं, तो संभवतः आप जानना चाहते हैं कि कब ये अलर्ट आता है और आपको क्या कदम उठाने चाहिए। चलिए, बात को सीधे समझते हैं।
IMD Orange Alert कब जारी होता है?
IMD तब ऑरेंज अलर्ट देता है जब कोई मौसम घटना (जैसे भारी बारिश, तेज़ हवा, बर्फीला तूफ़ान, या साइक्लोन) अपेक्षित होती है और उसकी तीव्रता ऐसे स्तर तक पहुँचने की संभावना होती है कि आम लोगों को नुकसान हो सकता है। कई बार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या राजस्थान जैसे राज्यों में अचानक तेज़ आँधी‑बिजली, लूटी‑बारिश या अचानक तापमान गिरावट के कारण यह अलर्ट जारी किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर, हाल ही में UP Weather Alert में 55 जिलों में भारी बारिश और ओले‑बिजली का खतरा बताया गया था, और इसे ऑरेंज लेवल पर घोषित किया गया था। इसी तरह, मध्य प्रदेश में 16 अप्रैल को मौसम विभाग ने बारिश‑तूफ़ान के लिए अलर्ट जारी किया। ऐसे अलर्ट स्थानीय प्रशासन को तत्काल कार्रवाई, लोगों को जागरूक करने और आपातकालीन सेवाओं को तैयार करने की चेतावनी देते हैं।
Orange Alert में क्या करना चाहिए?
ऑरेंज अलर्ट के दौरान सबसे बुनियादी बात है सूचना पर नज़र रखें। IMD की आधिकारिक वेबसाइट, टीवी न्यूज़, रेडियो या भरोसेमंद ऐप्स से समय‑समय पर अपडेट लेनी चाहिए। दो‑तीन मिनट पहले ही बिजली कटने या बाढ़ की संभावना होने पर घर से बाहर निकलना ठीक नहीं, इसलिए पहले से ही तैयारी करनी चाहिए।
यहाँ कुछ तेज़‑और‑प्रभावी कदम हैं:
- आपातकालीन किट तैयार करें – टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक मेडिकल किट, पानी की बोतल, कुछ स्नैक्स और जरूरी दवाइयाँ।
- घर की सुरक्षा – खिड़कियों को टेंशन स्टील या टेप से बांधें, बाहर के फ़र्निचर को अंदर रख दें, छत पर जमा पानी निकालें।
- यातायात योजना – यदि संभव हो तो अनावश्यक ट्रैवल न करें। अगर रास्ते में बाढ़ या लेन्डिंग का खतरा है तो वैकल्पिक मार्ग रखें।
- संपर्क सूची बनाएं – पड़ोसियों, स्थानीय एटीएस (मरम्मत) सेवाओं और आपातकालीन नंबरों की लिस्ट तैयार रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों को समझाएँ – उन्हें बताएं कि बारी‑बारी से पंखे, दरवाज़े, खिड़कियाँ बंद रखें और गड़बड़ी में बाहर न निकलें।
यदि अलर्ट रेड में बदल जाता है, तो तुरंत सुरक्षित स्थल (जैसे शेल्टर या ऊँचा कोटा) पर जाएँ। रेड अलर्ट के समय प्राधिकरणों की आवाज़ को नजरअंदाज न करें, क्योंकि तब राहत कार्य तेज़ी से शुरू हो जाता है।
पिछले कुछ सालों में भारत में कई बार ऑरेंज अलर्ट का प्रयोग किया गया है। उदाहरण के तौर पर, 2024 में उत्तराखंड में बर्फीली बाढ़ और 2025 में महाराष्ट्र में तीव्र मानसून के दौरान इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमों ने अलर्ट को ध्यान में रखकर कार्य किया। इससे दिखता है कि अलर्ट का सही उपयोग लोगों की जान बचा सकता है।
आखिर में, याद रखें कि मौसम का नियंत्रण हम नहीं कर सकते, लेकिन तैयारी और सही जानकारी से नुकसान को काफी कम किया जा सकता है। इसलिए, जब भी आप "IMD Orange Alert" देखते हैं, तो ऊपर बताए गए कदमों को अपनाएँ और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।