रास पूर्णिमा – त्योहारी संदर्भ और समाचार संग्रह

जब बात रास पूर्णिमा, हिंदू कैलेंडर में शरद ऋतु के महीने में आने वाला पूर्णिमा तिथि है. Also known as शरदीय पूर्णिमा, it marks a period when कई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। यह तिथि हिंदू पंचांग, समय‑सारिणी में तिथियों को परिभाषित करने वाला कैलेंडर में विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह सूर्य‑चंद्र के संतुलन को दर्शाता है। रास पूर्णिमा अक्सर धार्मिक अनुष्ठान, पूजा‑पाठ, हवन और दान‑धर्म की कृत्य से जुड़ी होती है, और इन अनुष्ठानों को सही समय पर करना भाग्य को सुदृढ़ मानते हैं।

रास पूर्णिमा से जुड़ी प्रमुख बातें

रास पूर्णिमा का मुख्य आकर्षण राशि से है; इस दिन सूर्य निशाचर राशि में स्थित होता है, जिससे इस दिन के फल की व्याख्या ज्योतिष शास्त्र में की जाती है। यह तिथि शरद ऋतु के अंत में आती है, इसलिए शरद ऋतु, साल का वह चरण जब दिन छोटा और रात लंबी होती है की सांस्कृतिक ध्वनि को भी प्रकट करती है। कई गाँवों में इस पूर्णिमा पर विशेष विहार आयोजित होते हैं—दूर-दराज़ क्षेत्रों से लोग इकट्ठा होकर गीत, नाच और उत्सव मनाते हैं। इस दिन की धार्मिक महत्ता को देखते हुए स्थानीय स्कूलों में अक्सर छुट्टियों की घोषणा की जाती है, जैसे कि अक्टूबर 2025 की स्कूल छुट्टियों में दुर्गा पूजा से छठ तक के कार्यक्रम शामिल हैं, जिसका जिक्र हमारे संग्रह में देखा जा सकता है।

विज्ञान के दृष्टिकोण से भी रास पूर्णिमा रोचक है। 21 सितम्बर 2025 को सौर ग्रहण के साथ सरव पितृ अमावस्या का मेल हुआ, जो इस तिथि को अधिक आध्यात्मिक महत्व देता है। ऐसा संयोजन शास्त्रीय पंथों में पितृभक्तियों और स्वर्गीय घटनाओं के साथ जुड़ता है, जिससे अनुष्ठानों का समय तय होता है। इसी तरह, पंचांग की गणना में सूर्य‑चंद्र की स्थिति को देखकर कई वर्षा‑आधारित कृषि कार्यों को नियोजित किया जाता है, जिससे किसान भी इस तिथि को विशेष रूप से महत्व देते हैं।

आज के डिजिटल युग में रास पूर्णिमा से जुड़े समाचारों की विविधता बढ़ गई है। हमारे संग्रह में आप राजनीति, खेल, पर्यावरण, और आर्थिक विषयों पर आधारित लेख पाएंगे, लेकिन सभी लेख इस तिथि या उसके आसपास की घटनाओं से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। उदाहरण के तौर पर, कूनो नेशनल पार्क में हुए प्रोजेक्ट चीता की खबर या टाटा कैपिटल के आईपीओ अपडेट, ये सब उन समय फ्रेम में आए हैं जब रास पूर्णिमा के सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव को समझना जरूरी था। इस प्रकार, रास पूर्णिमा सिर्फ एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में मान्यताओं, निर्णयों और घटनाओं को जोड़ने वाला एक समन्वय बिंदु बन जाता है।

नीचे प्रस्तुत लेख सूची में आप रास पूर्णिमा से संबंधित विविध खबरों, विशेष अनुष्ठानों, और इस तिथि के सामाजिक‑आर्थिक प्रभावों को विस्तार से पढ़ेंगे। इन सूचनाओं से आप न केवल इस पावन पूर्णिमा का महत्व समझ पाएँगे, बल्कि दैनिक जीवन में इस ज्ञान को कैसे लागू करें, यह भी जान पाएँगे।

शरद पूर्णिमा 2025: कोजागरी व्रत कथा व रास पूर्णिमा की पौराणिक कहानियां

शरद पूर्णिमा 2025: कोजागरी व्रत कथा व रास पूर्णिमा की पौराणिक कहानियां

6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा (कोजागरी व्रत) पर मां लक्ष्मी का आगमन, लड्डू वाली कथा और रास पूर्णिमा के अनुष्ठानों से धन‑सौभाग्य का वादा।